
- रवि खरे
ट्रंप टैरिफ से मंदी का खतरा बढ़ा, अमेरिका को दो खरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। हालांकि इन टैरिफ से फिलहाल सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिका को ही उठाना पड़ रहा है। विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं कि इन टैरिफ की वजह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ सकती है। टैरिफ के ऐलान के बाद एक ही दिन में अमेरिकी शेयर बाजार को दो खरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा। कई अर्थशास्त्रियों ने टैरिफ को उम्मीद से ज्यादा खराब बताया है। टैरिफ लगने के बाद बड़ी संख्या में निवेशकों ने उन कंपनियों के शेयर बेचे, जिन्हें लेकर आशंका है कि टैरिफ लागू होने के बाद वे कंपनियां सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि टैरिफ का असर सबसे ज्यादा उपभोक्ताओं पर पड़ेगा और अगर उपभोक्ता अपने खर्च में कटौती करते हैं तो कंपनियां कम सामान का उत्पादन करेंगी और इससे आर्थिक विकास या तो रुक सकता है या सिकुड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में आर्थिक गतिविधि का 70 प्रतिशत हिस्सा उपभोक्ता खर्च से ही आता है। फिच रेटिंग्स में अमेरिकी अर्थव्यवस्था रिसर्च के प्रमुख ओलु सोनोला का कहना है कि इससे न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। अमेरिकी वित्तीय बाजार में लगभग हर क्षेत्र को नुकसान उठाना पड़ा है और यह नुकसान इतना बड़ा है।
हैकर्स के निशाने पर 88 देशों के स्मार्टफोन यूजर्स, आईफोन भी नहीं रहा सुरक्षित
हैकर्स के निशाने पर इस बार दुनियाभर के 88 देशों के मोबाइल यूजर्स हैं। आमतौर पर किसी एक ऑपरेटिंग सिस्टम के यूजर्स हैकर्स के निशाने पर आते हैं लेकिन इस बार एंड्रॉयड और आईफोन दोनों टारगेट पर हैं। सुरक्षा शोधकर्ताओं के अनुसार साइबर अपराधी आईफोन और एंड्रॉयड स्मार्टफोन का उपयोग करके 88 देशों में फिशिंग मैसेज भेज रहे हैं। लुसिड फिशिंग-एज-ए-सर्विस प्लेटफॉर्म के जरिए एसएमएस और आरसीएस चैट के माध्यम से ये संदेश भेजे जाते हैं, जिनमें फिशिंग वेबसाइटों के लिंक शामिल होते हैं। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के कारण ये संदेश पारंपरिक एसएमएस स्पैम फिल्टर को आसानी से पार कर लेते हैं। टेलीग्राम चैनल के माध्यम से साइबर अपराधी इस प्लेटफॉर्म का लाइसेंस बेच रहे हैं, जिससे अन्य अपराधी भी इसका उपयोग कर सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह साइबर अटैक अमेरिका, भारत, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान और फ्रांस समेत 88 देशों में एक्टिव है। भारत में भी कई हाई-प्रोफाइल यूजर्स को फिशिंग अटैक्स का सामना करना पड़ रहा है।
भारत के हाथ लगा सोने का बड़ा खजाना, खुदाई शुरू, बदल सकती है देश की किस्मत
इन दिनों अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ, शेयर बाजार में उथल-पुथल और सोना सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। सोने रा भाव तो लगातार नए शिखर पर पहुंचता जा रहा है। इस बीच भारत के लिए गोल्ड से जुड़ी एक अच्छी खबर भी आई है। दरअसल, देश के ओडिशा में सोने का विशाल भंडार मिला है। इसकी खुदाई भी शुरू हो गई है और ऐसा माना जा रहा है कि ये खजाना देश की इकोनॉमी को बूस्ट दे सकता है। खोज के दौरान वैज्ञानिकों को ओडिशा में कई जगह सोने के भंडार मिले हैं। इनमें सुंदरगढ़, नबरंगपुर, क्योंझर और देवगढ़ जिले शामिल हैं। लेकिन इनमें भूवैज्ञानिक सर्वे में सबसे ज्यादा संभावनाएं दिखी हैं। इसके अलावा जीएसआई यहां पर अन्य खनिजों की भी पहचान करने में जुट गई है। ताजा अपडेट की बात करें तो देवगढ़ में खुदाई भी शुरू कर दी गई है और ओडिशा सरकार नीलाम करने की तैयारी कर रही है। सोने की खपत के मामले में टॉप लिस्ट में शामिल है।
संक्रामक बीमारी से हर साल दुनियाभर में करीब 20 लाख लोगों की हो जाती मौत
दुनियाभर में कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ा है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उन्हें संक्रामक बीमारियों का जोखिम भी अधिक होता है। साल 2022 की रिपोर्ट के अनुसार फंगल संक्रमण हर साल 15-20 लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनते हैं, जो टीबी या मलेरिया से होने वाली मौतों के बराबर है। द लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, एंटीफंगल दवाओं के प्रति फंगस में प्रतिरोध बढ़ रहा है, जिससे इलाज मुश्किल होता रहा है। बीते वर्षों में हम सभी ने कोरोना जैसे खतरनाक वायरल संक्रमण के दुष्प्रभावों को झेला है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ वायरल-बैक्टीरियल और फंगल सभी प्रकार के संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर अलर्ट करते हैं। फंगल संक्रमण तब होता है जब कवक (फंगस) शरीर के किसी हिस्से में अनियंत्रित रूप से बढऩे लगते हैं। ये सूक्ष्मजीव प्राकृतिक रूप से पर्यावरण जैसे मिट्टी, पौधों में मौजूद होते हैं हालांकि कुछ परिस्थितियों में ये हानिकारक हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने एक हालिया रिपोर्ट में फंगल संक्रमण के बढ़ते मामलों और इसके कारण होने वाले जोखिमों को लेकर सभी लोगों को सावधान किया है।