बिच्छू डॉट कॉम:टोटल रिकॉल/सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही राज्य सरकार

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही राज्य सरकार
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष शुक्रवार को मध्य प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से गुरुवार को अधूरी रह गई बहस को पूरा किया गया। दलील दी गई कि राज्य शासन द्वारा प्रमोशन में आरक्षण की जो नई नीति जारी की गई है, उसमें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं बिना आंकड़े जुटाए प्रमोशन पालिसी लागू की जा रही है, जो कि अनुचित है। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के प्राय: सभी संबंधित न्यायदृष्टांत रेखांकित कर दिए गए। आगे नई नीति की असंवैधानिकता के बिंदु पर बहस की जाएगी। इसके बाद राज्य शासन की ओर से नई नीति के पक्ष में बहस को गति दी जाएगी। हाई कोर्ट ने शुक्रवार की सुनवाई के बाद अगली सुनवाई दिसंबर के प्रथम सप्ताह में नियत कर दी। याचिकाकर्ता सपाक्स की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक व जबलपुर के अधिवक्ता अमोल श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।

ट्रांसमिशन लाइन के लिए मुआवजा अब दोगुना
राज्य सरकार ने निजी भूमि पर अति उच्च दाब (66 केवी या उससे अधिक) ट्रांसमिशन लाइन बिछाने और विद्युत टॉवर स्थापित करने पर दी जाने वाली मुआवजा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि सरकार ने नए निर्देश जारी करते हुए भूमि स्वामियों के लिए प्रतिपूर्ति राशि में वृद्धि की है। नए नियमों के अनुसार, ट्रांसमिशन टॉवर की स्थापना में उपयोग की गई भूमि के क्षेत्रफल के प्रचलित बाजार मूल्य का 200 प्रतिशत भूमि स्वामी को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा। मुआवजा निर्धारण के लिए टॉवर के चारों लेग के भीतर का क्षेत्र और इसके अतिरिक्त प्रत्येक ओर एक-एक मीटर अतिरिक्त भूमि को भी नुकसानग्रस्त क्षेत्र माना जाएगा। विद्युत पारेषण लाइन के मार्गाधिकार के अंतर्गत आने वाली भूमि के बाजार मूल्य (कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार) का 30 प्रतिशत प्रतिपूर्ति के तौर पर दिया जाएगा।

युकां की नई टीम 27 नवंबर को पहली  बार सडक़ पर उतरेगी
मप्र समेत कुछ अन्य राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया जारी है। एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान गणना पत्रक नहीं मिलने, डिजिटाइजेशन के कार्य की गति धीमी होने जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। युवा कांग्रेस एसआईआर प्रक्रिया में गड़बड़ी के खिलाफ 27 नवंबर को देशव्यापी आंदोलन करेगी। इसी कड़ी में मप्र युवा कांग्रेस की ओर से 27 नवंबर को भोपाल में निर्वाचन सदन का घेराव किया जाएगा। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब निर्वाचन सदन के घेराव कार्यक्रम में शामिल होने भोपाल आएंगे। उदय भानु चिब युवा कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार भोपाल आ रहे हैं। मप्र युवा कांग्रेस के लिए यह घेराव कार्यक्रम इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यश घनघोरिया द्वारा युकां के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद संगठन पहली बार सडक़ पर उतर रहा है। यश घनघोरिया घेराव कार्यक्रम के जरिए शक्ति प्रदर्शन करेंगे।

सरकार ने बजट 2026-27 के लिए आम नागरिकों से मांगे सुझाव
डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि विकसित मप्र 2047 के विजन को साकार करने में वित्तीय वर्ष 2026-27 बजट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसमें हर नागरिक की भूमिका होगी। बजट निर्माण में हर नागरिक की भागीदारी के लिए राज्य सरकार ने सभी से सुझाव मांगे हैं। नागरिकों, विशेषज्ञों और संगठनों के सुझावों से बजट को और अधिक व्यावहारिक तथा विकासोन्मुखी बनाया जाएगा। नागरिक अपने सुझाव रूक्करू4त्रश1 पोर्टल, टोल फ्री नंबर 0755-2700800, ईमेल ड्ढह्वस्रद्दद्गह्ल द्वश्चञ्चद्वश्च.द्दश1.द्बठ्ठ और डाक के माध्यम से भी भेज सकते हैं। सुझाव देने की अंतिम तारीख 18 दिसंबर निर्धारित है। आम नागरिकों की अपेक्षाओं को बजट में शामिल किया जाएगा। बजट प्रक्रिया को जनभागीदारी आधारित, लोक हितैषी और भविष्य उन्मुख बनाने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। मप्र को वर्ष 2047 तक पूर्ण रूप से विकसित प्रदेश बनाने के लिए प्रदेश के वित्तीय प्रशासन का एक मजबूत ढांचा तैयार हो रहा है। इसके लिए अभी से एक आर्थिक नियोजन की तैयारी करना आवश्यक होगा।

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