
सरकार चाहती न चलें कंसाना पर हत्या और लूट के गंभीर मामले
कानून के राज की दुहाई देने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार चाहती है कि उसके एक बाहुबली नेता रघुराज कंसाना पर हत्या लूट आदि के संगीन मामले न चलें। मुकदमों को वापस लेने के लिए गृह विभाग ने नोटशीट तैयार की, जिसे गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने मंजूरी भी दे दी। इसकी जानकारी सामने आने के बाद राजनैतिक गलियारों में बवाल मच गया। इस मामले में एमपी- एमएलए कोर्ट ने मप्र शासन के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें रघुराज कंसाना पर दर्ज हत्या के प्रयास, लूट सहित अन्य धाराओं के केस को वापस लेने के लिए आवेदन किया था। इसके उलट बिहार के गोपालगंज कलेक्टर जी कृष्णैया की हत्या के आरोपी बाहुबली आनंद मोहन सिंह की रिहाई के मामले पर नीतीश सरकार की भाजपा नेता लगातार आलोचना कर रहे हैं।
दिग्विजय सिंह को मिली बड़ी राहत
राजधानी की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर संघ से जुड़े हेमंत सेठिया के मानहानि के प्रकरण को खारिज कर दिया है। स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश ने बीते रोज यह फैसला सुनाया है। परिवादी सेठिया द्वारा दायर मानहानि के परिवाद पत्र पर न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने सिंह पर मानहानि का मामला दर्ज किया था। जिस पर सिंह की ओर से विशेष अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की गई थी। यह मामला 26 नवंबर 2021 का है। उस समय कांग्रेस के जन जागरण अभियान के तहत ग्राम पिपलिया कला जिला राजगढ़ में जनसमूह को संबोधित करते हुए सेठिया को लेकर दिग्विजय सिंह द्वारा एक टिप्पणी की गई थी।
पूर्व मंत्री प्रकाश सोनकर के भतीजे को आजीवन कैद की हुई सजा
पूर्व मंत्री प्रकाश सोनकर के भतीजे कपिल को हत्या के एक मामले में सजा चुनाए जाने से बड़ा झटका लगा है। दरअसल न्यायालय ने एक हम्माल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी कपिल सोनकर सहित छह को दोषी ठहराते हुए बीते रोज आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले के एक आरोपी भूपेंद्र ठाकुर पहले ही जेल में है,जबकि एक आरोपी इस मामले में अभी भी फरार चल रहा है। घटना 19 दिसंबर 2011 की है। उस दिन सियागंज इलाके में 6 बदमाशों ने हम्माल मनोहर वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उल्लेखनीय है कि कपिल बीते नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पार्षद का चुनाव लड़ चुका है।
किसानों पर डिफॉल्टर होने का मडराया बड़ा खतरा
प्रदेश में फरवरी और मार्च में असमय ओला और बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार ने फसल ऋण चुकाने की अवधि को एक माह के लिए बढ़ा दिया था। ये अवधि अब दो दिन के भीतर खत्म हो जाएगी। इसकी वजह से किसानों पर डिफॉल्टर होने का खतरा मंडराने लगा है। उधर, सरकार ने समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को आगामी खरीफ सीजन के लिए एडवांस खाद का उठाव उधारी में करने की सुविधा देने की तैयारी शुरु कर दी है। किसानों के कर्ज चुकाने की पहले अंतिम तारीख 31 मार्च तय की गई थी , जिसे बाद में 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था। अब ड्यू डेट तक कर्ज नहीं चुकाने वाले किसानों सहकारी बैंकों और संस्थाओं ने शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण तो मिलेगा ही नहीं और उन्हें राज्य सरकार की सुविधाओं से भी हाथ धोना पड़ेगा। इसके अलावा उन्हें कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज का भी भुगतान करना पड़ेगा।