
मासूमों की मौत के दोषी बचेंगे नहीं, औषधि जांच प्रणाली होगी और सख्त
जहरीली खांसी की दवाओं से मध्यप्रदेश में 20 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। उपमुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि हर दिवंगत बच्चा हमारे लिए अनमोल था, उनकी मृत्यु असहनीय पीड़ा देने वाली है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मध्यप्रदेश सरकार दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगी। घटना के तुरंत बाद सरकार ने अस्पतालों में भर्ती बच्चों के उपचार, मौत के कारणों की जांच और प्रारंभिक जांच में सामने आए आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी थी। श्री शुक्ल ने बताया कि जिस खांसी की दवा से यह त्रासदी हुई, वह तमिलनाडु स्थित श्रीसन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में तैयार की गई थी। दवा के उत्पादन और निरीक्षण की जिम्मेदारी तमिलनाडु राज्य औषधि विभाग की थी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक औषधि निर्माता कंपनी को उत्पादन प्रक्रिया के हर चरण पर निगरानी रखने वाला गुणवत्ता नियंत्रण विभाग रखना अनिवार्य है।
प्रदेश के स्थापना दिवस पर मिल सकती है तीन फीसदी डीए की सौगात
मप्र के 70वें स्थापना दिवस पर रिटायर्ड और कार्यरत कर्मचारियों के लिए सीएम डीए की घोषणा कर सकते हैं। मौजूदा माह की शुरूआत में केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को तीन फीसदी डीए दिया था। तभी से प्रदेश के कर्मचारी यह मांग करते रहे हैं। केन्द्र सरकार ने जुलाई 2025 से अपने कर्मचारियों का तीन फीसदी डीए बढ़ाया तो वह 58 फीसदी तक पहुंच गये हैं। जबकि राजकीय कार्यरत कर्मचारी 55 प्रतिशत पा रहे हैं। जो पेंशनर्स 53 पर थे। उन्हें हाल ही में मप्र सरकार ने दो फीसदी डीए दिवाली के पूर्व दिया है। इस कारण अब कर्मचारी मप्र में केन्द्र से तीन फीसदी पीछे हैं। राज्य सरकार तीन फीसदी डीए देती है तो चतुर्थ तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को 700 से लेकर तीन हजार तक का मासिक फायदा होगा।
मकवाना अब 2026 दिसंबर तक बने रहेंगे मध्यप्रदेश के डीजीपी
मध्य प्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना जो 1 दिसंबर 2025 को रिटायरमेंट होने वाले थे, लेकिन अब उनको एक साल का एक्टेंशन मिल गया है। इस लिए मकवाना अब 1 दिसंबर 2026 तक मध्यप्रदेश के डीजीपी बनें रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर गृह विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। गृह विभाग के अपर सचिव आशीष भार्गव ने इस संबंध में आदेश जारी किया है जिसमें उल्लेख है कि मध्य प्रदेश में 60 साल की उम्र पूरा करने वाले 17 आईपीएस इस साल रिटायर होने हैं, जिसमें डीजीपी कैलाश मकवाना का नाम 16वें स्थान पर है। आदेश में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय में दायर एक याचिका में दिए गए आदेश के आधार पर कैलाश मकवाना 1 दिसंबर 2024 से डीजीपी पदस्थ किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार डीजीपी का कार्यकाल 2 साल का होता है। इसलिए मकवाना अब 1 दिसंबर 2026 को 2 साल की सेवा अवधि पूरी करने के बाद ही डीजीपी के पद से रिटायर होंगे।
प्रदेश के पांच अफसरों को मिलेगा केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक सम्मान
मध्यप्रदेश के प्रोबेशन आईपीएस आदित्य मिश्रा और फोरेंसिक साइंस अधिकारी अविनाश चंद्रपुरी सहित 5 अफसरों को केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक सम्मान के लिए चयनित किया गया है। यह दक्षता पदक हर साल विशेष अभियान इन्वेस्टीगेशन, इंटेलीजेंस और फॉरेंसिक विज्ञान सहित अलग अलग क्षेत्रों में कार्य करने वाले अफसर और कर्मचारियों को दिया जाता है। प्रदेश के फोरेंसिक अफसर अविनाश चंद्रपुरी को यह सम्मान फोरेंसिक साइंस फील्ड में किए गए विशेष कार्य के लिए दिया जा रहा है। वहीं पुलिस अफसरों को इन्वेस्टीगेशन फील्ड में उत्कृष्ठ कार्य किए जाने के लिए सम्मानित किया जा रहा है। दक्षता पदक के लिए चयनित अधिकारियों में आईपीएस आदित्य मिश्रा, निरीक्षक कुलदीप खत्री, पंकज गीते, गौरव चाटे शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1 फरवरी 2024 को केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक की अधिसूचना जारी की थी।
