बिच्छू डॉट कॉम:टोटल रिकॉल/सिंघार अवसरवादी आदिवासी: डॉ.सुमेर सिंह सोलंकी

डॉ.सुमेर सिंह सोलंकी

सिंघार अवसरवादी आदिवासी: डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उमंग सिंघार ने जनजातीय समाज को भ्रमित करने का काम किया है। देश और प्रदेश के जनजातीय समाज से माफी मांगने की बजाय वे लगातार अपने बयान पर कायम हैं और कह रहे है कि उनके बयान पर पार्टी नेताओं का भी समर्थन है। सिंघार जनजातीय समाज को भ्रमित कर विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं। सिंघार का बयान आदिवासी धार्मिक अस्मिता को ठेस पहुंचाने, समाज विरोधी और देश तोडऩे वाला है। उमंग सिंघार अवसरवादी आदिवासी और चुनावी हिन्दू हैं। देश के जनजातीय भाईयों-बहनों ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। उसके बाद भी नेता प्रतिपक्ष अपने कुत्सित बयान पर कायम है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी बतायें कि क्या वह इस बयान से सहमत हैं? श्री सोलंकी ने कहा कि कांग्रेस के लोग यह बात नहीं समझते हैं कि संविधान में आदिवासी शब्द का उल्लेख नहीं है, वहां ट्राइबल का मतलब जनजातीय होता है।

हर ग्राम पंचायत में बनेंगे सुव्यवस्थित एवं निर्बाध पहुंच वाले श्मशानघाट
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 5वें राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत अधोसंरचना विकास अनुदान मद की राशि से प्रदेश में सुव्यवस्थित श्मशान घाटों का विकास किया जाएगा। श्मशान घाटी के विकास कार्यों के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत के सीईओ को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि मप्र शासन आमजन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय एवं प्रत्येक आश्रित ग्राम में वित्तीय वर्ष 2025-26 तक न्यूनतम एक सुव्यवस्थित, सुरक्षित एवं सहज तथा बारहमासी निर्बाध पहुंच वाले श्मशान घाट की उपलब्धता के लिए प्रतिबद्ध है।

सिंहस्थ के समय उज्जैन पदस्थ रहे अधिकारियों का मार्गदर्शन लेगी सरकार
सिंहस्थ 2028 प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन है। इसके लिए उज्जैन में पिछले दो सिंहस्थ वर्ष 2004 और 2011 के दौरान पदस्थ रहे वरिष्ठ प्रशासमिक और पुलिस अधिकारियों के अनुभव का लाभ लिया जाए। सरकार का संकल्प है कि सिंहस्थ श्रद्धालुओं की दृष्टि से सुविधाजनक, दुर्घटनाविहीन, आवास, आवागमन, भोजन और अन्य व्यवस्थाओं के साथ श्रेष्ठ आपदा प्रबंधन का उदाहरण बने। यह निर्देश मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने शुक्रवार को सिंहस्थ की व्यवस्थाओं के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि प्रत्येक व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए विभागों को दायित्व दिए गए हैं। तैयारियों की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी। भारत सरकार के संबंधित विभागों से भी आवश्यक सहयोग प्राप्त किया जा रहा है।

नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की डिजाइन पहले स्वीकृत होगी फिर बनेगा डीपीआर
भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र में 90 डिग्री रेलवे ओवर ब्रिज के विवाद के बाद लोक निर्माण विभाग अब, सतर्क हो गया है। आगे कभी ऐसी स्थिक्रिश्न बने, इसके लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। इसमें तय किया गया है कि पहले नई सडक़ या ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की डिजाइन और एलाइनमेंट निर्धारित होगा और फिर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) तैयार होगा। ऐशबाग रेलवे ओवर ब्रिज के मामले में जांच में यह बात सामने आई कि काम प्रारंभ तो हो गया पर डिजाइन और एलाइनमेंट अंतिम रूप से निर्धारित ही नहीं हो पाया। इसकी बड़ी वजह रेलवे और लोक निर्माण के स्तर पर समन्वय की कमी थी। भविष्य में ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए विभाग ने एलाइनमेंट और प्राक्कलन स्वीकृति के संबंध में नई व्यवस्था लागू की है।

Related Articles