
अब तीन साल तक प्रदेश में कोई नया लॉ कॉलेज नहीं खुलेगा
प्रदेश में अगले तीन वर्ष यानि 2026-27, 2027-28 और 2028-29 में कोई नया लॉ कॉलेज खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय बीसीआई ने विधि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए लिया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश में संचालित होने वाले सभी प्राइवेट विश्वविद्यालयों पर भी लागू होगी। ज्ञात हो कि प्रदेश में 32 सरकारी और 102 प्राइवेट लॉ कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इन कॉलेजों को लॉ का नया कोर्स, फैकल्टी या बैच लेने के लिए शासन और संबंधित विवि के साथ बीसीआई से स्वीकृति लेनी होगी। जब तक कॉलेजों को बीसीआई से मंजूरी नहीं मिल जाती तब तक उन्हें शासन और विवि अनुमति नहीं देंगे। वर्तमान सत्र में करीब एक दर्जन विधि कॉलेजों को अनुमति देकर प्रवेश दिए गए हैं। आगामी सत्र 2026-27 में करीब एक दर्जन और कॉलेज आने वाले थे। लेकिन वर्तमान सत्र में कुछ कॉलेजों को मापदंड पूरे नहीं होने के कारण रोक दिया गया था।
विवि और कॉलेजों में रामायण के बाद अब पढ़ाई जाएगी श्रीमद् भगवद् गीता
उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में रामचरितमानस में प्रवेश देने के बाद अब श्रीमद् भगवत गीता पढ़ाने का निर्णय लिया है। सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गत दिनों श्रीकृष्ण पाथेय योजना के क्रियान्वयन के लिए बैठक हुई थी। इसमें निर्णय लिया गया था कि प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में श्रीमद् भगवद् गीता सिखाई जाएगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि कॉलेज और विवि में 13 भाषाओं में ऑनलाइन श्रीमद् भगवद् गीता सिखाई जाएगी। इसके लिए गीता परिवार द्वारा संचालित ऑनलाइन कक्षा में विद्यार्थियों के पंजीयन कराए जाएंगे, जो 27 अगस्त तक होंगे। इसमें विद्यार्थी को नाम, आयु, मोबाइल नंबर सहित अन्य जानकारी देनी होगी, क्योंकि श्रीमद् भगवद् गीता 13 भाषाओं में उपलब्ध है।
योग्य फैकल्टी रखने की कॉलेजों की मियाद खत्म, अब बीयू करेगा नियुक्ति
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) के दायरे में आने वाले 8 जिलों के प्राइवेट कॉलेजों में नियमानुसार फैकल्टी नहीं हैं। इससे विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इसलिए बीयू द्वारा कॉलेजों को 10 दिन की मोहलत देकर योग्य प्रोफेसरों की नियुक्ति करने को कहा गया था। अब यह मोहलत खत्म हो चुकी है। अब यदि किसी कॉलेज में नियमानुसार नियुक्तियां नहीं की गई हैं, तो बीयू कमेटी के सामने इंटरव्यू कराकर कॉलेज में प्रोफेसर नियुक्त करेगा। जिससे कॉलेजों को मान्य करना होगा। ऐसा नहीं करने वाले कॉलेजों की संबद्धता निरस्त कर दी जाएगी। बीयू चयन समिति को बुलाकर सभी आवेदकों को बुलाएगा। जरूरत होने पर बीयू स्वयं विज्ञापन जारी कर आवेदन बुलाएगा। उनकी स्क्रूटनी कर उम्मीदवारों का चयन समिति से साक्षात्कार कराएगा। यहां चयनित उम्मीदवारों को प्रोफेसरों के तौर पर नियुक्त कर आदेश कॉलेज भेज दिए जाएंगे, जिससे मान्य करना होगा।
भाजपा विधायक धुर्वे ने डिंडोरी की कलेक्टर को सरकार विरोधी बताया
भाजपा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने डिंडोरी कलेक्टर नेहा मारव्या पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कलेक्टर ग्रामीणों से अभद्र व्यवहार करती हैं। सरकारी योजनाओं को बिगाड़ रही हैं। जनता को न समय दिया जा रहा है, न ही उनके आवेदन सुने जा रहे हैं। धुर्वे मंगलवार को जिले की जनसुनवाई में पहुंचे थे। यहां लोगों ने बताया कि उनके आवेदनों पर कार्रवाई नहीं हो रही। इस पर विधायक भडक़ गए और बोले, अगर कलेक्टर को सिर्फ विभागीय अधिकारियों से ही मिलना है, तो फिर जनसुनवाई का क्या मतलब है? मेरे सामने आदिवासी बैगा परिवारों को डांटा गया। ऐसी कलेक्टर डिंडोरी में रहने लायक नहीं हैं।