
सीएम मोहन यादव बोले-राहुल की भाषा देश बर्दाश्त नहीं करेगा
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर भोपाल में दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस के सांसद विदेश में बात कर रहे हैं और राहुल गांधी नादान तरीके से बात कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष की एक गरिमा होती है। राहुल गांधी ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, उसे देश बर्दाश्त नहीं करेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मर्यादा छोडक़र जिस तरह से बात कर रहे हैं, वो संस्कारों के खिलाफ है। उन्होंने भोपाल में दादी इंदिरा गांधी को जूते पहनकर और फूल फेंककर पुष्पांजलि दी। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के संबंध में जो बयान दिया, उससे उनका हल्कापन सामने आता है। सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की एक गरिमा होती है। राहुल गांधी ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, उसे देश बर्दाश्त नहीं करेगा। इन्हीं सब कारणों की वजह से राहुल गांधी को पप्पू कहा जाता है। ऐसे बयान पर उनके साथ वाले ताली बजा रहे हैं। मध्यप्रदेश के लोग इसे सहन नहीं करेंगे। इस पूरी घटना की कांग्रेस को कीमत चुकानी होगी। दरअसल, मंगलवार को भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान कार्यक्रम में राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर बड़ा हमला बोला था। उन्होंने कहा था- इन पर जरा सा दबाव पड़ता है और ये पीछे हट जाते हैं। उधर से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक इशारा किया और इन्होंने जी हुजूर करके सीजफायर कर दिया।
अब एक सी यूनिफार्म में नजर आएंगे वेल ऑफ द हाउस के अफसर-कर्मचारी
मप्र विधानसभा में अब सत्र के दौरान विधानसभा के अधिकारी-कर्मचारी ड्रेसकोड में सदन के भीतर बैठेंगे। इसका कलर कैसा होगा, अभी यह तय किया जाना बाकी है, लेकिन विधानसभा सचिवालय ने 37 पुरुष और 5 महिला अधिकारी, कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया है। सदन में वेल ऑफ द हाउस में बैठने वाले 37 पुरुषों को शर्ट-पैंट और महिलाओं को एक ही तरह की साड़ी, ब्लाउज दिए जाएंगे। इसके साथ ही इन सभी 42 अधिकारी कर्मचारी को समर जैकेट और बंद गले का कोट भी तैयार कराकर दिया जाएगा। विधानसभा के सदन में वेल ऑफ द हाउस में बैठने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए रेमंड्स की यूनिफॉर्म और साड़ी खरीदने के लिए नियम बनाए हैं। इसमें अधिकारियों और कर्मचारियों के ड्रेस कोड का कपड़ा लिया जाएगा और उसकी सिलाई का खर्च भी विधानसभा उठाएगी। विधानसभा सचिवालय ने कहा है कि इसके लिए जिस कम्पनी को ठेका दिया जाएगा उसके टेलर कर्मचारियों और अधिकारियों के यूनिफॉर्म की विधानसभा पहुंचकर नाप लेंगे। यूनिफॉर्म की नाप लेने के बाद 21 दिन में यूनिफॉर्म बनाकर देना होगी।
10 हजार की सैलरी वाले आउटसोर्स कर्मचारियों का 90 किमी दूर कर दिया ट्रांसफर
विद्युत वितरण और जेनरेशन, ट्रांसमिशन कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों का 90 से 100 किमी दूर ट्रांसफर किया जा रहा है। बिजली कंपनी में आउटसोर्स पर कम्प्यूटर आपरेटर, लाइन अटेंडेंट, सब स्टेशन आपरेटर समेत अन्य पदों पर आउटसोर्स में कर्मचारी रखे जाकर उन्हें महीने में अधिकतम दस से बारह हजार रुपए तक की सैलरी दी जा रही है। अपने परिवार का मामूली वेतन में भरण पोषण कर रहे इन कर्मचारियों को सौ किमी दूर स्थानांतरित करने के फरमान के बाद अब उनकी यह नौकरी भी जाने का खतरा बन गया है, क्योंकि दस हजार रुपए के लिए सौ किमी दूर तक तो कोई जा नहीं पाएगा। बताया जाता है कि मुरैना के आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर कुछ शिकायतें थीं और उन्हें हटाकर इधर-उधर करने के लिए कहा गया था, लेकिन विद्युत वितरण कंपनियों के एमडी और अधीनस्थ अधिकारियों ने तबादले का क्षेत्र सौ किमी दूर तक कर दिया है।