
ऊर्जा मंत्री तोमर ने रात में किया बिजली कॉल सेंटर का निरीक्षण, दिखाई सख्ती
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर शनिवार रात मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के गोविन्दपुरा स्थित कॉल सेंटर का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं का समय पर निराकरण नहीं करने पर डीजीएम मुरैना अभिषक चौरसिया की 2 वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए। मंत्री ने काल सेंटर से ही डीजीएम भोपाल सिटी ईस्ट जोन और डीजीएम रायसेन से भी बात कर समस्याओं के निराकरण में देरी पर गहरी नाराजगी जताई। भिंड जिले के गोरमी गांव के उपभोक्ता नरेन्द्र सिंह से भी बात कर उनकी समस्या के संबंध में जानकारी ली। तोमर ने निर्देशित किया कि कॉल सेंटर के हेल्पलाइन नम्बर 1912 में कॉल वेटिंग नहीं होना चाहिए। कॉल सेंटर प्रभारी ने बताया कि एक घंटे में 300 से 350 फोन कॉल आते हैं। उन्होंने स्कॉडा सेंटर और स्मार्ट मीटर मॉनीटरिंग सेंटर का भी निरीक्षण किया। प्रदेश में आंधी-तूफान की स्थिति आते ही बिजली गुल होने की समस्या बढ़ गई है। इसको लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं। इसके बाद भी बिजली सप्लाई बेहतर नहीं हो पा रही है।
दिग्विजय बोले- बैगा आदिवासियों को उनका हक दिलाने मैं कोर्ट तक लड़ाई लड़ूंगा
बैगा चक में शामिल पिपरिया माल और बघरैली के बैगा आदिवासियों की जमीनें मनमर्जी के दामों पर डरा धमका धांधली व फर्जीवाड़ा कर खरीद ली गईं। घाह इनके हक, पहचान व जीवनयापन का मुद्दा है, इसलिए झ्हें प्याय दिलाने के लिए मैं कोर्ट तक लड़ाई लडूंगा। यह बातें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने रविवार को डिंडौरी में प्रेस कांफ्रेंस में कहीं। उन्होंने कहा कि, यहां के बैगा आदिवासियों के साथ जो हुआ उससे राष्ट्रपति को दुख हुआ, चिंता हुई इसलिए उन्होंने मुख्य सचिव से कार्रवाई करने कहा। मैं भी यही कहता हूं कि सरकार इस मामले की पूरी जांच कराए, क्योंकि यहां के आदिवासियों की एक हजार एकड़ जमीन खरीदी गई है। ये जमीन बॉक्साइट परियोजना क्षेत्र अंतर्गत आती हैं। साफ है ये सब सुनियोजित तरीके से साजिशन हुआ। दिग्विजय ने कहा कि कटनी के जिन 4 लोगों रघुराज, राकेश, नत्थू व प्रहलाद ने यहां जमीनें खरीदी हैं, इनमें से कुछ गरीबी रेखा के नीचे हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। सरकार को जांच करानी चाहिए की इसमें किसका पैसा लगा है? कटनी के ये चारों खरीददार इतने सक्षम हैं कि एक हजार एकड़ जमीन खरीद सकें।
ऊर्जा क्षेत्र के आउटसोर्स कर्मचारियों के तबादला आदेश का विरोध तेज
मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आउटसोर्स कर्मियों के तबादले से जुड़े आदेश का विरोध हो रहा है। इन कर्मियों का दावा है कि पहली बार ऐसा कोई आदेश निकला है। कई जिलों में इम कर्मियों ने विरोध जताया है। मुख्य रूप से विरोध इस बात का है कि लगभग 10 हजार पाने वाले कर्मियों के लिए मूलस्थान से दूर जाकर काम करना संभव नहीं होगा। कंप्यूटर ऑपरेटर, लाइनमैन और सब स्टेशन ऑपरेटर के कार्य स्थान का दोबारा आवंटन किया जाए। आल डिपार्टमेंट आउटसोर्स, अस्थाई, अल्पकालीन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र की 5 कंपनियों में लगभग 70 हजार आउटसोर्स कर्मी हैं। लगभग 10 हजार की तनख्वाह पर काम करने वाले इन लोगों के लिए दूर जाकर खर्च करके काम करना संभव नहीं है।
कालापीपल विधायक की सीएम से मांग- शस्त्र लाइसेंस पर लगी रोक हटाए सरकार
कालापीपल के भाजपा विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर प्रदेश में हथियार लाइसेंस जारी करने पर लगी रोक को तत्काल हटाने की मांग की है। इसके साथ ही, सरकार से आम नागरिकों को बंदूक चलाने की ट्रेनिंग दिलाने की भी मांग की है। विधायक का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद देशभर में आम जन उत्स्नाहित हैं और देशभक्ति की बयार बह रही है नागरिकों में स्व जागरण और आत्मरक्षा का भाव जगाने के लिए शास्त्र के साथ शस्त्र का ज्ञान जरूरी है। समाज को आत्मरक्षा के लिए बंदूक चलाने में दक्ष बनाना आवश्यक है। इसलिए, सरकार को अधिक से अधिक लोगों को शस्त्र लाइसेंस देकर बंदूक चलाने की ट्रेनिंग दिलाने की व्यवस्था करनी चाहिए। पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में प्रदेश में नए शस्त्र लाइसेंस जारी नहीं किए जा रहे हैं, जो आम जन की भावनाओं के अनुरूप नहीं है। इसलिए, शस्त्र लाइसेंस पर लगे प्रतिबंध को हटाना आवश्यक है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि नियमों का पालन कराते हुए इच्छुक नागरिकों को नए शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाएं।