बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/कांग्रेस का कल आएगा वचन पत्र

विधानसभा चुनाव

कांग्रेस का कल आएगा वचन पत्र
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अपना वचन पत्र मंगलवार को जारी करेगी। सरकार में आने पर पार्टी द्वारा जिन योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने का इरादा है, वे वचन पत्र में घोषित किए जाएंगे। पार्टी नेताओं का कहना है कि पहली बार महिलाओं के लिए प्रियदर्शिनी नाम से अलग से वचन पत्र जारी किया जाएगा। इसमें अब तक कमलनाथ और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रिंयका गांधी द्वारा जनता से सार्वजनिक रुप से किए गए वादों को भी प्राथमिकता से शामिल किया गया है।

कांग्रेस की सूची में परिवारवाद: शर्मा
रविवार को घोषित कांग्रेस के 144 प्रत्याशियों को लेकर भाजपा ने कटाक्ष किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची में शामिल नामों में सबसे ऊपर चार- परिवारवाद, महिला अत्याचार, अपराध और भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सूची ने साबित कर दिया है कि जनता के बाद अब कांग्रेस हाईकमान को भी कमल नाथ पर विश्वास नहीं रहा है, यही कारण है छिंदवाड़ा जिले में कमल नाथ को छोड़ किसी भी वर्तमान विधायक का टिकट फाइनल नहीं किया गया  है। इस सूची में दिल्ली और दिग्विजय सिंह की छाप पूरी तरह से नजर आ रही है।

मैने पूरा जीवन भाजपा को दिया, पर मौका गद्दार को मिला: रसाल
भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व विधायक रसाल सिंह ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी जिलाध्यक्ष को भेजा है। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है। कि मैंने अपना पूरा जीवन भाजपा में समर्पित कर दिया। आज पार्टी के साथ गद्दारी करने वाले व्यक्ति को बढ़ावा देकर टिकट दिया गया। रसाल सिंह रौन विधानसभा सीट से 1972 में जनसंघ से, 1977 में जनता पार्टी से, 1998 में सपा व 2003 में भाजपा से विधायक रह चुके हैं। वे इस बार पार्टी के टिकट के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है।

30 साल कांग्रेस की सेवा की और टिकट दूसरे को दे दिया: कंसाना
कांग्रेस के ग्वालियर ग्रामीण कार्यवाहक जिला अध्यक्ष कल्याण कंसाना और युवक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केदार कंसाना ने नाराज होकर पार्टी छोड़ दी। उनकी नाराजगी ग्वालियर ग्रामीण से साहब सिंह गुर्जर को टिकट देने को लेकर है। कंसाना का कहना है कि वे पिछले 30 वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहे थे, उनके छोटे भाई केदार कंसाना ने भी भरपूरपार्टी की सेवा की, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया।

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