बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/ग्वालियर-जबलपुर में 15 अगस्त तक पुलिस आयुक्त व्यवस्था होगी लागू

पुलिस आयुक्त व्यवस्था

ग्वालियर-जबलपुर में 15 अगस्त तक पुलिस आयुक्त व्यवस्था होगी लागू
भाजपा के संकल्प पत्र में घोषित ग्वालियर और जबलपुर में पुलिस आयुक्त व्यवस्था लागू करने को लेकर पुलिस मुख्यालय ने तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस मुख्यालय दोनों शहरों के अपराधों का लेखा जोखा तैयार कर रहा है। इसी आधार पर पद स्वीकृत किए जाएंगे। यह काम पूरा होने के बाद योजना शाखा बल स्वीकृति का प्रस्ताव तैयार करेगी। 15 अगस्त के पहले दोनों शहरों में पुलिस आयुक्त व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी दोनों शहरों में शीघ्र ही यह व्यवस्था लागू करने की बात कह चुके हैं। इसके पहले दिसंबर 2021 में भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त व्यवस्था लागू की गई थी। इसमें पुलिस को कई धाराओं में दंड देने का अधिकार भी मिल जाता है। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया के पुलिस आयुक्त व्यवस्था लागू करने के लिए पदों का सृजन एवं अन्य बड़े काम लोकसभा चुनाव के बाद ही हो पाएंगे, पर इसके पहले की पूरी तैयारी चुनाव होने तक पूरी कर ली जाएगी। इसमें प्रमुख काम आवश्यक बल की संख्या का आकलन करना है जो सीमा क्षेत्र और वहां होने वाले अपराधों के मापदंड के आधार पर तय होगा।

पूर्व महिला एमएलए तथा पुत्र को न्यायालय उठने तक की सजा
एमपी- एमएलए कोर्ट ने विधवा बहू ज्योति सिंह को प्रताड़ित करने के मामले में पूर्व विधायक प्रतिभा सिंह, उनके पुत्र बरगी से भाजपा विधायक नीरज सिंह व पुत्र अनुराग सिंह उर्फ गोलू को दोषी पाया है। तीनों को कोर्ट उठने तक की सजा सुनाते हुए 1-1 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। ज्योति ने आरोप लगाया था कि 30 मार्च 2017 को पुलिस की मदद से तीनों ने घर का सामान सडक़ पर फेंक दिया था। धक्का मारकर घर से निकाला। मदन महल पुलिस ने उसे चार घंटे थाने में बिठाकर रखा, लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी। इसके बाद एसपी को शिकायत दी गई थी। कार्रवाई नहीं होने पर ज्योति ने अदालत में परिवाद लगाया। अधिवक्ता प्रदीप बत्रा ने पक्ष रखा। गौरतलब है कि ज्योति की शादी प्रतिभा सिंह के बेटे नितिन से हुई थी। वर्ष 2011 में नितिन की हत्या कर दी गई थी।

ईको पर्यटन स्थलों पर 50 हजार में शराब का लाइसेंस
मध्य प्रदेश के ईको पर्यटन स्थलों पर भी शराब परोसी जाएगी। इसके लिए महज 50 हजार रुपये वार्षिक फीस पर शराब का लाइसेंस दिया जाएगा। यह लाइसेंस पर्यटकों के ठहरने के लिए बनाई गई अस्थाई संरचनाओं जैसे टेंट के लिए भी मिल सकेगा। सरकार का मानना है कि इससे इन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा होगा। इको पर्यटन बोर्ड के प्रदेशभर में 291 से अधिक ईको पर्यटन स्थल हैं। यहां कुछ स्थानों पर शराब की उपलब्धता कराई जाती है। शेष अन्य ईको पर्यटन स्थालों पर भी इसकी सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। दरअसल, आबकारी विभाग ने एक नया पर्यटन बार लाइसेंस का प्रविधान किया हुआ है जिसमें ईको टूरिज्म बोर्ड की इकाईयों को मात्र 50 हजार रुपये वार्षिक फीस पर यह लाइसेंस प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि ईको पर्यटन बोर्ड के अंतर्गत वन सर्किल क्षेत्रों में मनोरंजन क्षेत्र 127, वन्य प्राणी अनुभव क्षेत्र 14, बफर एरिया डेस्टीनेशन 33, संरक्षित एरिया डेस्टीनेशन 47, अन्य एरिया डेस्टीनेशन 49 तथा पीपीपी मोड वाला देवास का अर्निका ईको पार्क शामिल है।

मप्र में 5 सरकारी मेडिकल कॉलेज इसी सत्र से खुलेंगे, 448 पदों पर भर्ती शुरू
मध्यप्रदेश में इस सत्र से 5 नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश शुरू हो जाएगा। सिवनी, मंदसौर, नीमच, सिंगरौली और श्योपुर मेडिकल कॉलेज को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) से अनुमति मिल गई है। इन कॉलेजों में कुल 448 पदों पर भर्ती भी शुरू हो गई है। इसमें 69 प्रोफेसर, 146 एसोसिएट प्रोफेसर, 233 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की जा रही है। पहली बार ऐसा होगा कि सभी पदों पर भर्ती होने वाले अभ्यर्थी को किसी भी मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर किया जा सकेगा। इससे पहले ऑटोनॉमस कॉलेजों में ट्रांसफरेबल पोस्ट नहीं होती थी। पहली बार 6 मेडिकल कॉलेज सरकार के आधीन काम करेंगे और प्रोफेसरों का ट्रांसफर जरूरत के हिसाब से हो जाएगा। आयुक्त चिकित्सा शिक्षा तरुण पिथोड़े ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

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