बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/गीता भवन बनाने की तैयारी शुरू, नगरीय प्रशासन ने मांगी जमीनों की जानकारी

गीता भवन

गीता भवन बनाने की तैयारी शुरू, नगरीय प्रशासन ने मांगी जमीनों की जानकारी
राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अब नगरीय प्रशासन ने प्रदेश के नगरीय निकायों में गीता भवन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। पहले चरण में उन निकायों में इनका निर्माण होगा जहां जमीन उपलब्ध है। विभाग ने सभी निकायों से जमीन की जानकारी मांगी है। जिनके पास जमीन उपलब्ध नहीं है उन्हें सरकार एक रुपए में जमीन देगी। इनका निर्माण पीपीपी मोड पर होगा। इन्हें सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। सरकार प्रदेश के 413 स्थानीय निकायों में गीता भवन बानाने की तैयारी कर रही है। यहां सामाजिक-सांस्कृतिक केंद्र के साथ ही युवाओं की शिक्षण गतिविधियों के लिए लायब्रेरी भी होंगी। इसके लिए यहां बड़े हॉल के साथ लायब्रेरी भी होगी। इससे वहां छात्र भी बैठकर अध्ययन कर सकेंगे। यहां ई-लायब्रेरी की भी व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी नगरीय निकायों में गीता भवन बनवाने की घोषणा की थी। इसके बाद इन पर काम शुरू हुआ है।

सरकारी अधिवक्ता कोर्ट में उपलब्ध नहीं हुए, टली सुनवाई
मप्र हाईकोर्ट में कर्मचारियों की मामले में याचिका पर सुनवाई हर बार किसी न किसी कारण से टल जाती है। गुरुवार को हाईकोर्ट में इस संबंध में याचिका पर सुनवाई होना थी, लेकिन शासन की ओर से अधिवक्ता व एडिशनल एडवोकेट जनरल हरप्रीत सिंह रुपराह ने मेंशन कर अगली तारीख ले ली। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में सरकार की ओर से अधिकृत सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन आज उपलब्ध नहीं हैं। कोर्ट ने इसके बाद सुनवाई को स्थगित कर दिया और सुनवाई की अगली तारीख 16 अक्टूबर तय कर दी। इससे पदोन्नति प्रक्रिया पर लगी रोक हटने की राह देख रहे कर्मचारी निराश हो गए हैं। इससे पहले 16 सितंबर को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया था कि सरकार और आरक्षित वर्ग सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति आदेश का अपने हिसाब से अर्थ निकाल रहे हैं।

फार्मेसी की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन, सिर्फ डीजी लॉकर से होगा आवेदन
मध्यप्रदेश में फार्मेसी पंजीयन प्रक्रिया को गुरुवार से पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। अब अभ्यर्थियों को घर बैठे पंजीयन प्रमाण पत्र मेल और डीजी लॉकर से उपलब्ध होंगे। इसके लिए न तो स्लॉट बुकिंग की जरूरत होगी और न ही परिषद कार्यालय में उपस्थित होकर सत्यापन कराना होगा। सिस्टम आधारित ऑटो वेरिफिकेशन से प्रमाण पत्र सीधे डीजी लॉकर पर पहुंच जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि मध्यप्रदेश स्टेट फार्मेसी परिषद अब पूरी तरह डिजिटल गवर्नेस की दिशा में काम कर रही है। अब प्राइवेट विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों की जिम्मेदारी है कि वे विद्यार्थियों की सही जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि गलती छात्रों की है तो उन्हें सुधार के लिए सूचित किया जाएगा। वहीं, संस्थानों की लापरवाही पर मान्यता एवं एफिलिएशन पर कार्रवाई की जाएगी।

विद्यालयों में अफरा-तफरी, मुख्य विषय शिक्षकों को बीएलओ में लगाया
कई जिलों में स्कूल प्राचार्यों के बीच अफरा-तफरी का माहौल देखा जा रहा है। कारण है कि परीक्षा की नजदीकी में कलेक्टरों ने प्रमुख विषयों के शिक्षकों को शालाओं से कार्य मुक्त कर बीएलओ कार्य में लगा रखा है। इन हालातों से चिंतित लोक शिक्षण संचालनालय ने आनन-फानन में जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। हाल के दौरान कई जिलों में कलेक्टरों के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारियों ने ताबड़तोड़ शिक्षकों को बीएलओ जैसे कार्य में लगा दिया गया है। रीवा जिले के गुढ़ में अंग्रेजी-विज्ञान और गणित जैसे विषय शिक्षकों को स्कूलों से कार्य मुक्त करवाकर बीएलओ कार्य में लगाया गया है। इस संबंध में एसडीएम ने ब्लाक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिख निर्देशित किया है कि जब तक निर्वाचन नामावली का कार्य पूर्ण नहीं हो जाए। तब तक इन शिक्षकों को स्कूलों से कार्य मुक्त किया जाए। यहां 50 सब्जेक्ट टीचरों को इस कार्य में लगाया गया है। लोक शिक्षण संचालनालय के अनुसार छतरपुर जिले में 211 शिक्षकों को मतदाता सूची के कार्य में संलग्न किया गया है।

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