- नगीन बारकिया

अब ब्लैक फंगस लील रहा है लोगों की जिंदगियां
अभी कोरोना वायरस का आतंक खत्म भी नहीं हुआ है कि अब म्युकोरमाइकोसिस नामक बीमारी ने लोगों पर अपना घेरा डालना शुरू कर दिया है। इसके केस भी तेजी से बढ़ने लगे हैं। इस बीमारी को आम भाषा में ब्लैक फंगस कहा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ब्लैक फंगस साइनस, ब्रैन और लंग्स पर खराब असर डालता है। उड़ीसा में सोमवार को इसका पहला केस मिला था जबकि मप्र के जबलपुर से महाराष्ट्र के ठाणे तक में लोगों को इससे जान गवाना पड़ी है। दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी इसके नए केस मिले हैं। दिल्ली एम्स में इसके मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है। बताया गया है कि यह डायबिटिक, कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों जैसे कैंसर या एचआईवी मरीजों के लिए जानलेवा हो सकता है। म्युकोरमाइकोसिस के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, आंखों के नीचे दर्द, नाक बंद होना, आंशिक अंधापन आदि शामिल है। कुछ मरीजों में कफ, सांस में तकलीफ, खून की उल्टी जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि म्यूकोरमाइकोसिस, जिसकी मृत्युदर 50 फीसदी है, स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से हो सकता है, जोकि कोरोना के गंभीर रोगियों को जिंदगी बचाने के लिए दिया जा रहा है। स्टेरॉयड कोरोना मरीजों के लंग्स में सूजन को घटाता है। लेकिन ये इम्यूनिटी को भी घटाते हैं और ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा देते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इम्यूनिटी घटने से म्यूकोरमाइकोसिस हो सकता है।
टीका संकट मिटाने सरकार अन्य कंपनियों को अनुमति देगी
वैक्सीन की कमी का संकट देखते हुए सरकार अब नींद से जगी है और देश में टीके का उत्पादन बढ़ाने हेतु स्वदेशी टीके कोवैक्सीन के निर्माण की अनुमति अन्य कंपनियों को भी देने के लिए तैयार हो गई है तथा उसने टीका निर्माताओं से बातचीत भी शुरू कर दी है। सरकार की ओर से कहा गया है कि यदि किसी दवा या टीका निर्माता कंपनी के पास इसके लिए आवश्यक ढांचा और संसाधन हैं तो उसे प्राथमिकता से अनुमति दी जाएगी। सरकार का कहना है कि कोवैक्सीन चूंकि भारत में बना हुआ टीका है, इसलिए इसके निर्माण में एपीआई की समस्या नहीं है। इस अनुसंधान में सहयोगी कंपनियां जरूरत के अनुसार उसकी आपूर्ति करने में सक्षम हैं। देश में 18 साल से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण शुरू होने के बाद टीके की कमी के चलते कई राज्य केंद्र से मांग कर चुके हैं कि कंपल्सिव लाइसेंसिंग के जरिए दूसरी कंपनियों को भी कोवैक्सीन के निर्माण की अनुमति दी जाए। उधर मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नालोजी की ओर से यह कहा गया है कि मई से जून 2021 के बीच कोवैक्सीन का उत्पादन दोगुना कर दिया जाएगा, वहीं जुलाई से अगस्त के बीच में इसे छह से सात गुना कर दिया जाएगा। सितंबर महीने से देश में एक महीने में 10 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन किया जाएगा ऐसी उम्मीद है।
कोरोना मामले में मोदी सरकार पर बरसे अनुपम खेर
कोरोना वायरस से जंग लड़ने की केंद्र सरकार की नीतियों की अक्सर तारीफ करने वाले अभिनेता अनुपम खेर आॅक्सीजन आपूर्ति, अस्पतालों में बेड का अभाव एवं अव्यवस्थाओं को लेकर असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार अनुपम खेर ने बुधवार को कहा कि कोविड की दूसरी लहर के मद्देनजर देश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। दिग्गज अभिनेता ने कहा कि सरकार के लिए इस समय छवि बनाने से ज्यादा जरूरी जीवन बचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार से स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन में कहीं न कहीं चूक हुई है लेकिन दूसरे राजनीतिक दलों का इन खामियों का अपने हक में फायदा उठाना भी गलत है। यह पूछे जाने पर कि सरकार के प्रयास अभी राहत देने की बजाय अपनी खुद की छवि एवं समझ को बनाने पर अधिक है, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता ने कहा कि सरकार के लिए आवश्यक है कि इस चुनौती का सामना करें और उन लोगों के लिए कुछ करें जिन्होंने उन्हें चुना है।
फिर बढ़े नए केस और मौत के आंकड़े
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर थमने का नाम नहीं ले रही और एक बार फिर नए मामले बढ़ने लगे हैं। देशभर में पिछले 24 घंटे में 3.62 लाख नए मामले सामने आए है। इससे पहले मंगलवार को 3.29 लाख और बुधवार को 24 घंटे में 3.48 लाख नए मामले दर्ज किए गए थे। इसी तरह मौत के आंकड़े भी लगातार बढ़ रहे हैं और पिछले 24 घंटे में 4126 लोगों की मौत हुई है। बुधवार को देश भर में 4205 लोगों की मौत हुई थी, जो महामारी की शुरुआत से लेकर सर्वाधिक संख्या इसके अलावा 8 मई को भी 4187 मरीजों ने अपनी जान गंवाई थी।