- नगीन बारकिया

कोरोना पर फिर चेतावनी-अभी हमने ट्रेलर ही देखा है
कोरोना की तीसरी लहर फिलहाल किसी को दिखाई नहीं दे रही है और जनता भी लगता है कि उसे गंभीरता से नहीं ले रही है। बाजारों में उमड़ रही भीड़ इसी निश्चिंतता का उदाहरण है। लोग आगामी त्योहारों को धूमधाम से मनाने की तैयारियों में जुटने लगे हैं जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार चेतावनी जारी कर रहा है और कह रहा है कि इस लहर को कोई भी हल्के में न ले। कल फिर उसने कहा है कि कोरोना कितना खतरनाक हो सकता है इसका अभी हमने केवल ट्रेलर ही देखा है। उसके अनुसार आने वाले समय में दुनियाभर में कोरोना के नए वेरिएंट्स के फैलने की आशंका है जिन्हें नियंत्रित करना और अधिक चुनौतीपूर्ण होगा। कोरोना लगातार अपना रूप बदल रहा है और इसका डेल्टा वेरिएंट इस समय अधिकतर देशों में कोहराम मचा रहा है। भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा वेरिएंट कोरोना के मूल स्वरूप यानी एल्फा वेरिएंट से कहीं अधिक संक्रामक है।
पंजाब मामले पर बैठकों के बाद बैठकें, कोई नतीजा नहीं
पंजाब कांग्रेस में छाया असंतोष खत्म तो क्या कम होने का भी नाम नहीं ले रहा है जबकि इसे खत्म करने के लिए प्रदेश और देश के सभी प्रमुख नेताओं के साथ ही सोनिया, राहुल, प्रियंका के भी प्रयास काम नहीं आ रहे हैं। गुरुवार को दिनभर बैठकों का दौर चला जिसमें कैप्टन और सिद्धू विवाद खत्म होने की बजाय कैप्टन के पार्टी छोड़ने तक की खबरें हवा में तैरने लगी। पहले सिद्धू ने अपने गुट के विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक की तो फिर कैप्टन ने करीबियों को फार्म हाउस पर बुला लिया। इस बीच कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कलह के जल्द खत्म होने का संकेत देते हुए कहा था कि इस संकट के समाधान के लिए फामूर्ला जल्द सामने आएगा और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू साथ काम करेंगे। रावत ने यह भी कहा कि अमरिंदर मुख्यमंत्री के तौर पर काम करते रहेंगे और उनके इस पद पर रहते हुए कांग्रेस चुनाव में उतरेगी। सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाने की खबरों के बीच हरीश रावत ने साफ किया है कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा है। उधर कैप्टन के इस्तीफे की अटकलों पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे को लेकर आईं खबरें झूठी हैं। न तो उन्होंने इस्तीफा दिया है और न ही इस तरह की पेशकश की है।
उपचुनावों में देर होती देख बढ़ी ममता की चिंता
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से हारने के बाद मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी को विधानसभा सदस्य बनाने को लेकर पार्टी में अब चिंता बढ़ने लगी है। ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए 5 नवंबर से पहले उपचुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचना होगा। ऐसे में उपचुनाव की कोई सुगबुगाहट नहीं दिखने से चिंतित पार्टी नेता गुरुवार को नई दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे और खाली हुई सीटों पर जल्द उपचुनाव कराने की मांग की है। टीएमसी को डर है कि कोरोना महामारी की वजहों से यदि उपचुनाव में देरी हुई तो ममता को इस्तीफा देना होगा। विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद भवानीपुर सीट से जीते टीएमसी विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने यह सीट छोड़ दी है, ताकि ममता बनर्जी यहां से लड़ सकें। ममता बनर्जी 2011 से इस सीट पर दो बार विधायक बन चुकी हैं। भवानीपुर के अलावा दिनहाटा, सांतिपुर, समसेरगंज, खारदाह और जांगीपुर विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होना है। ये सीटें मौतों या इस्तीफों की वजह से खाली हुई हैं। टीएमसी को विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल है और ऐसे में उसे सिर्फ भवानीपुर में जीत पक्की करनी है।
एक बार फिर पाला बदलने को तैयार हैं बिहारी बाबू
सिने स्टार नेता शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में खामोश बैठे रहने से तंग आकर एक बार फिर अपना पाला बदलने की तैयारी में हैं। इस बार उनका ठिकाना ममता दीदी के घर यानी टीएमसी में हो सकता है। माना जा रहा है कि 2024 के आम चुनाव में ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित प्रतिद्वंदी हो सकती हैं। ऐसे में शत्रुघन सिन्हा टीएमसी में अपनी संभावनाएं तलाशने में जुटे हैं। इस बात की पूरी संभावना जताई जा रही है कि 21 जुलाई को शहादत दिवस के मौके पर होने वाले वाले आयोजन के दौरान सिन्हा दीदी के पाले में जा सकते हैं। टीएमसी नेताओं के भी एक गुट का दावा है कि इस दिशा में बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है।