नगीन बारकिया

लोग टीका लगाने को आतुर लेकिन वैक्सीन ही नहीं
वै क्सीन का महत्व जान लेने और कोरोना की भयावह दूसरी लहर के चलते देश भर में वैक्सीन के प्रति जागरूकता बढ़ी है और अब यह कोई नहीं कहता कि उन्हें वैक्सीन नहीं लगवाना। लोग अब वैक्सीन के प्रति अपने विचार बदल चुके हैं तथा परिवार सहित वैक्सीन लगाना चाहते हैं, लेकिन अब दिक्कत यह कि सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन ही नहीं है। कोरोना के कारण डर से हाल यह है कि लोग सबसे पहले अपने को सुरक्षित कर लेना चाहते हैं जो कि स्वाभाविक भी है। लेकिन सरकारी संसाधन कम पड़ रहे हैं। स्लाट पंजीयन के लिए लोग इंटरनेट पर लगे हुए हैं लेकिन लोगों का पंजीयन ही नहीं हो पा रहा है। टीकों की स्थिति यह है कि अभी कोवैक्सीन और कोविशील्ड नामक दो टीके ही उपलब्ध हैं जो अपर्याप्त हैं। हाल ही में रूस से स्पूतनिक-वी लेने का करार हो गया है जिससे काफी राहत मिल सकेगी। यह टीका देश में पहुंचना शुरू भी हो चुका है। एक खेप आ चुकी है। जल्द ही इसे भी टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लगाना शुरू किया जाएगा। इस महीने के अंत तक 30 लाख और स्पूतनिक टीके की खुराक भारत पहुंचेंगी। साथ ही देश में इस टीके का उत्पादन शुरू करने के लिए कई अन्य कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। एक जानकारी के अनुसार कोवैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के क्षमतावान टीका निर्माताओं की पहचान की गई है। अब भारत बायोटैक की तकनीक इन निर्माताओं को हस्तांतरित करने को लेकर बातचीत की प्रक्रिया चल रही है। जल्दी ही योग्य निर्माताओं को तकनीक दी जाएगी। इस सारी प्रक्रिया से लगता है जल्द ही स्थिति नियंत्रण में आ जाएंगी। लेकिन लोगों का रोष यह है कि हमने यह आकलन करने में देरी कर दी कि दूसरी लहर आएगी और यदि आई तो उसकी तीव्रता कितनी होगी।
राहत भरी खबर, संक्रमितों की संख्या में बड़ी गिरावट
कोरोना वायरस की डरा देने वाली खबरों के बीच यह खबर अत्यंत राहत देने वाली है कि रविवार को नए संक्रमित होने वालों की संख्या और मरने वालों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है। पिछले पांच दिनों में यह पहली बार है कि नए केसों की संख्या चार लाख से कम हुई है। शनिवार को नए केसों की संख्या 4 लाख 9 हजार थी जो रविवार को घटकर 3 लाख 66 हजार रहीं वहीं मृतकों की संख्या भी 4133 के मुकाबले 3747 रही। देश में कोरोना से रविवार को एक दिन में 3.53 लाख लोग स्वस्थ हुए। इससे सक्रिय मामलों में कमी आई। अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2,26,62,410 हो गई है। इसी तरह मंत्रालय के अनुसार कुल मृतक संख्या बढ़कर 2,46,146 हो गई।
क्या अक्टूबर में आएगी तीसरी लहर
विशेषज्ञों का कहना है कि अब कोरोना महामारी की तीसरी लहर अक्टूबर से पहले नहीं आएगी। वहीं दूसरी लहर जुलाई माह तक लगभग पूरी तरह खत्म हो जाएगी। ऐसे में सरकार के लिए स्थितियों को सुधारने का बड़ा मौका मिल सकता है। वह अभी से तैयारी कर तीसरी लहर के खतरे को कम कर सकती है। इन्होंने कोरोना की पहली और दूसरी लहर के डाटा के आधार पर एक मॉडल तैयार किया है और इसी के आधार पर उन्होंने तीसरी लहर का दावा किया है। पिछले माह से शुरू हुए इस मॉडल का अनुमान अब तक लगभग सही जा रहा है। मॉडल के अनुरूप ही प्रदेश में कोरोना का पीक व उतार हो रहा है।
कांग्रेस आज करेगी चुनावों में अपनी हार पर मंथन
विधानसभा चुनाव में हार के कारणों पर विचार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई है। बैठक में हार के कारणों पर मंथन के साथ कोरोना महामारी से निपटने में केंद्र सरकार की विफलता पर भी चर्चा होगी। बैठक के बाद सीडब्ल्यूसी बयान जारी कर सकती है। चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा उम्मीद केरल और असम से थी। इन दोनों प्रदेशों में पार्टी सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही थी। पर दोनों प्रदेशों के साथ ही पुडुचेरी में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा जहां दो माह पहले तक पार्टी सत्ता में थी। तमिलनाडु में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को जीत मिली, पर जीत का श्रेय डीएमके नेता स्टालिन को गया। वहीं पश्चिम बंगाल में लेफ्ट के साथ गठबंधन के बावजूद पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल पाई। ऐसे में पार्टी के अंदर असंतुष्ट नेता एक बार फिर मुखर हो सकते हैं।