- नगीन बारकिया

अभी भी वैक्सीन नहीं लगाने की जिद
को रोना वायरस तथा दूसरी लहर के आतंक के चलते भी लोगों ने वैक्सीन न लगाने की जिद कर रखी है। यह बात पिछले दिनों एक निजी एजेंसी द्वारा कराए गए सर्वे में उभरकर सामने आई है। सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के करीब 42 प्रतिशत लोगों ने साफ तौर पर कहा कि वो कोरोना का टीका नहीं लगवाएंगे, क्योंकि इससे मौत का खतरा है। सर्वे क्विंट के लिए वीडियो वॉलिंटियर की ओर से किया गया था। ये सर्वे कोविड 19 और वैक्सीन से जुड़ी भ्रामक जानकारी की पड़ताल करने के लिए किया गया था जिसमें पूर्वी यूपी और सेंट्रल यूपी के 20 गांवों और बिहार और मध्य प्रदेश के 12-12 गांवों को शामिल किया गया। निष्कर्षों के अनुसार, कुल मिलाकर 26 प्रतिशत लोग मानते हैं कि कोविड बीमारी एक सरकारी साजिश है। जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाने से इनकार किया, उनमें से 45 प्रतिशत भी इसे एक सरकारी साजिश के तौर पर देखते हैं। इसी तरह, जो लोग वैक्सीन लेने से इनकार करते हैं, उनमें से करीब 68 प्रतिशत का मानना है कि वैक्सीन उनकी कोविड से सुरक्षा नहीं करेगी। ये भी पाया गया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में टीके को लेकर संदेह ज्यादा है।
मोदी के मगरमच्छ के आंसू…।
सोशल मीडिया पर 21 मई को पब्लिश द न्यूयार्क टाइम्स के फ्रंट पेज की एक फोटो वायरल हो रही है जिसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इस अखबार ने भारत की हालिया स्थिति को अच्छे तरीके से पेश किया है। इस वायरल फोटो में एक मगरमच्छ की फोटो देखी जा सकती है जिसके ऊपर लिखा है, ” इंडियाज पीएम क्राइड ” यानी इस वायरल स्क्रीनशॉट में ये दावा किया जा रहा है कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने पीएम मोदी के रोने की तुलना मगरमच्छ के आंसुओं से की है। बताया जाता है कि मोदी की फोटो उस समय की है जब शुक्रवार को मोदी ये कहते हुए भावुक हो गए थे कि कोविड 19 की दूसरी लहर ने हेल्थ सिस्टम को प्रेशर में डाल दिया है और हमें कई मोर्चों पर लड़ाई लड़नी है। हालांकि, पड़ताल में वायरल हो रही पेपर की कटिंग एडिटेड निकली। जांच में पाया गया कि वायरल फोटो में जहां पर आंसू बहाते मगरमच्छ की फोटो लगी हुई दिख रही है, ओरिजिनल एडिशन में वहां पर सीरिया के एक शहर की फोटो का इस्तेमाल किया गया था जिसे एडिट कर मगरमच्छ की फोटो लगा दी गई।
प्रधानमंत्री ने ली टेंट में शपथ, संसद में लगा था ताला
राजनीति जो न कराए वह कम है। हाल ही में ऐसी एक सियासी उठापटक का नजारा तब सामने आया जब बाकायदा निर्वाचित प्रधानमंत्री को संसद में ताला लगाकर शपथ लेने से रोकने का प्रयास किया गया और प्रधानमंत्री को टेंट में ही शपथ लेने को विवश होना पड़ा। घटना समोआ देश की है जहां हाल ही में हुए चुनाव के बाद दशकों बाद सत्ता परिवर्तन हुआ है, और देश को पहली महिला प्रधानमंत्री मिली है। बताया गया कि सत्ता जाने से नाखुश वर्तमान पीएम ने पद छोड़ने से मना कर दिया। हालात इतने खराब हो गए कि देश की मुखिया चुनी गर्इं नाओमी मताफा को संसद के बाहर एक तंबू में शपथ लेनी पड़ी। हालांकि निवृतमान पीएम ने इसे पीएम मानने से इनकार कर दिया है।
…और सुबोध जायसवाल बन गए सीबीआई चीफ
लंबे इंतजार के बाद सीबीआई के नए बॉस का ऐलान मंगलवार की देर रात कर दिया गया। आईपीएस सुबोध कुमार जायसवाल को नए डायरेक्टर की जिम्मेदारी सौंप दी गई। उनकी नियुक्ति दो साल के लिए की गई है। जायसवाल 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले वो महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक के पद पर भी रह चुके हैं। फिलहाल, वे सीआईएसएफ के डीजी हैं। नए डायरेक्टर के लिए तीन नामों पर चर्चा हो रही थी। इसको लेकर सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चयन समिति की महत्वपूर्ण बैठक भी हुई थी। इन तीन नामों में सुबोध कुमार जायसवाल, केआर चंद्रा और वीकेएस कौमुदी शामिल थे। आखिर में सुबोध कुमार जायसवाल के नाम को फाइनल किया गया। उनका चयन दो साल के लिए हुआ है।