- नगीन बारकिया

मोदी कैबिनेट के विस्तार की चर्चाएं फिर हुई तेज
पिछले कुछ समय से लगाई जा रही मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को रविवार को तब बल मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ही कुछ अन्य मंत्रियों के साथ पीएम हाउस में चर्चाएं कीं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री विस्तार से पहले अपने मंत्रियों के कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। खास बात यह है कि मंत्रियों के साथ पांच दौर की बैठकों में से सभी में भाजपा अध्यक्ष नड्डा तथा राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी एल संतोष भी मौजूद रहे। अन्य मंत्रियों में निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर के नाम बताए गए हैं। इसे संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल से पहले की कवायद के रूप में लिया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में मिशन 2022 की तैयारियां
भाजपा में इन दिनों लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की है। संगठन स्तर पर नड्डा भी लगातार प्रादेशिक नेताओं से भेट कर रहे हैं। वैसे तो भाजपा के लिए महत्वपूर्ण उप्र के चुनावों की तैयारियों को मिशन 2022 के अभियान को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उसके राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष पिछले 15 दिनों में दूसरी बार सोमवार को दो दिन के दौरे पर लखनऊ पहुंच रहे हैं। बताया जाता है कि वे इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रदेश दौरों की रूपरेखा खींचने के साथ ही संगठन के सेवा कार्यों की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही विधान परिषद में नामित किए जाने वाले चार सदस्यों के नामों को हरी झंडी दे सकते हैं। माना जा रहा है कि इसमें पार्टी के सहयोगी दलों को भी दो-एक सीट देने पर विचार हो रहा है।
जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का ब्लूप्रिंट तैयार
यह माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार है और 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित बैठक में इसे रखे जाने की पूरी संभावना है। यह भी जानकारी मिली है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल कई महीने से इस योजना पर काम कर रहे थे। आधिकारिक सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के हवाले से बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्द मिल सकता है। पूर्व में इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा वादा भी किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, 24 जून की बातचीत को अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसके बाद केंद्र और जम्मू-कश्मीर की पार्टियों के बीच बातचीत की शुरुआत होगी। बैठक में नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित कांग्रेस और अन्य पार्टियों के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया गया है।
हर किसी कोरोना मृतक को नहीं दिया जाएगा मुआवजा
कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजा देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर केंद्र सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आपदा कानून के तहत अनिवार्य मुआवजा केवल प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ आदि पर ही लागू होता है। सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर एक बीमारी से होने वाली मौत पर अनुग्रह राशि दी जाए और दूसरी पर नहीं तो ये गलत होगा। केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि हर किसी कोरोना संक्रमित मरीज की मौत पर मुआवजा देना राज्यों के वित्तीय सामर्थ्य से बाहर है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि कोरोना की वजह से सरकार आर्थिक दबाव में है। एक तरफ जहां करोना की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था पर सरकार को बहुत पैसा खर्च करना पड़ रहा है, वहीं टैक्स वसूली भी बहुत कम हो गई है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति पर काफी दबाव पड़ा है। केंद्र सरकार ने कोर्ट को ये भी बताया है कि आपदा कानून के तहत आपदा की प्रस्थिति में फैसला लेना सिर्फ सरकार का अधिकार है। इसमें कोर्ट दखल नहीं दे सकता। इस मामले में अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है। उल्लेखनीय है कि देश में अब तक कोरोना महामारी के कारण 3,86,713 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना पीड़ितों के लिए डेथ सर्टिफिकेट पर केंद्र ने कहा कि कोविड से हुई मौतों को मृत्यु प्रमाणपत्रों में कोविड मौतों के रूप में प्रमाणित किया जाएगा।