
कांग्रेस की वजह से कोर्ट में फंसा ओबीसी आरक्षण, हम मामले को सुलझा रहे: सीएम
ओबीसी आरक्षण के मामले को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बिना किसी सर्वे और तैयारी के सिर्फचार लाइन का कागज बनाकर आरक्षण देने का ऐलान कर दिया था। इसी वजह से ये मामला अब तक कोर्ट में फंसा हुआ है। सीएम ने कहा कि हमने अधिकारियों से कहा है कि सही आंकड़ों के साथ एक नया कानून तैयार करें, जिसे विधानसभा में लाया जाएगा। सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। अभी जो 14 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है, उसके अलावा बाकी लोगों को भी फायदा मिले, इसके लिए सरकार कोशिश कर रही है। अब ऐसे छात्र जो कोर्ट केस की वजह से ज्वॉइनिंग नहीं ले पाए, उन्हें भी ज्वॉइनिंग दिलाने की कोशिश की जाएगी।
सीएम का बयान उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता बताता है: जीतू पटवारी
मप्र में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बयान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पलटवार किया है। पटवारी ने सोमवार को यहां मीडिया से चर्चा में कहा कि ओबीसी के लोगों के साथ अन्याय और अत्याचार हो रहा है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि एक पर्ची पर 4 लाइनें लिखकर कोई कानून बनता है क्या? विधानसभा में कानून बना, अध्यादेश विधानसभा से पारित हुआ, प्रशासनिक स्वीकृति हुई। उसको एप्लीकेबल करके राज्यपाल के पास भेजा गया। यही अधिकारी थे, जिन्होंने भेजा था। उनको मुख्यमंत्री कहते हैं कि पर्ची पर चार लाइन लिख दी। यह भाषा है मुख्यमंत्री की? बिल पर बिल लाने की बात करना एक तरह से उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता बताती है। सीएम सचिवालय में तबादलों को लेकर जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री सचिवालय में डेढ़ साल में चार प्रमुख सचिव बदल गए, क्यों? इसका क्या लॉजिक है। मुख्यमंत्री अधिकारियों का चयन सही नही कर पाए या फिर उनकी चाहत पूरी नहीं हो पाई होगी। इससे सरकार की कार्यशैली पता चलती है। यह दर्शाता है कि प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता है।
सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए बीएलओ की ट्रेनिंग
प्रदेश की 230 विधानसभा सीट के सभी बीएलओ को दस दिनों तक भारत निर्वाचन आयोग की नई तैयारियों को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी शुरूआत सोमवार से हुई। विधानसभा स्तर पर होने वाले बीएलओ और बीएलओ सुपरवाइजर के प्रशिक्षण में मतदाता सूची की विशेष जांच को लेकर तय किए गए प्रावधानों की जानकारी दी जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने इसे लेकर सभी कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को बीएलओ को ट्रेनिंग के निर्देश दिए हैं। सीईओ कार्यालय ने उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, निर्वाचन पर्यवेक्षक, राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स, जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स और विधानसभा स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स की बैठक भी इसको लेकर ली है।
जो वर्दी वाले रील बनाएंगे, उन पर होगी रीयल कार्रवाई
ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मियों के द्वारा रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने के मामले को पुलिस मुख्यालय ने गंभीरता से लिया है। वहीं, इस तरह के मामले में पुलिस अफसर और कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि विभागीय कार्यों के अलावा सोशल मीडिया पर और कोई पोस्ट ने करें। इसी को लेकर डीआईजी रीवा ने एक आदेश भी जारी किया गया है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि ऐसे पुलिसकर्मी जो ड्यूटी के दौरान रील बनाकर सोशल मीडिया पर डालते हैं, उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। हाल ही में रीवा जोन में पदस्थ सगरा थाना प्रभारी अंकिता मिश्रा की सोशल मीडिया एक रील वायरल हुई थी जिसको लेकर वो काफी ट्रोल हुई। वहीं, विभाग की भी किरकिरी हुई। रीवा के डीआईजी राजेश सिंह चंदेल ने इस मामले में सोमवार को आदेश जारी कर ऐसे पुलिसकर्मियों को चेतावानी देते हुए सख्त हिदायत दी है।
