- नगीन बारकिया

नाचने वालों के लिए कोई आंगन टेढ़ा नहीं होता
एक बड़ी ही प्रसिद्ध कहावत है- नाच न जाने आंगन टेढ़ा। इसका आशय तीन प्रकार की स्थिति से लगाया जा सकता है। पहले तो ऐसे लोग जो नाचना जानते नहीं लेकिन प्रदर्शित ऐसा करते हैं कि यदि आंगन टेढ़ा न होता तो वे बहुत अच्छा डांस करते, दूसरे ऐसे लोग जो नाचना तो जानते हैं लेकिन आंगन को दोषपूर्ण बताकर डांस करने से बच निकलना चाहते हैं और तीसरे वह जो आंगन के टेढ़े होने के बावजूद न केवल नाचने की चुनौती स्वीकार करते हैं बल्कि अपने डांस से यह सोचने को मजबूर कर देते हैं कि वास्तव में आंगन टेढ़ा था भी या नहीं। हम यहां नए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बात कर रहे हैं जिनको विभाग वितरण में पीएम ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय का प्रभार सौंपा है। जब यह सूचना आई तो उसके साथ ही सिंधिया समर्थकों के हवाले से यह खबर भी आई कि मंत्रालय को लेकर उनमें निराशा है क्योंकि इसमें आम जनता के हितार्थ करने को कुछ नहीं है। कुछ लोगों का यह भी मत था कि सिंधिया को मंत्रालय देने की रस्म अदायगी करना थी वह कर दी गई। लेकिन बाद के दो दिनों के कार्य से लगता है कि सिंधिया के मन में न कोई निराशा थी और न कोई ऐसी भावना। वे आंगन को ही सीधा करने की चुनौती लेकर मैदान में उतर पड़े और जोश के साथ कार्यभार संभालने के बाद जनहित की आठ नई फ्लाइटों की न केवल घोषणा की बल्कि 16 जुलाई से उनका उड़ान भरने का शेड्यूल भी जारी कर दिया। यह कोई पूर्वघोषित योजना भी नहीं है क्योंकि इन सबका कनेक्शन ग्वालियर और कही न कहीं गुजरात से जोड़ा गया है। ये फ्लाइट है ग्वालियर से मुंबई आना-जाना, ग्वालियर से पुणे आना-जाना, जबलपुर-सूरत आना-जाना, ग्वालियर-अहमदाबाद आना-जाना। ग्वालियर से बैगलूर और ग्वालियर से हैदराबाद की नियमित उड़ान पहले से जारी है। इस तरह यह साफ है कि नाचने वाले आंगन का सीधा या टेढ़ापन नहीं देखते, वे तो अपना काम शुरू कर देते हैं। लोगों को सिंधिया से काफी उम्मीदें हैं, देखने वाली बात है कि वे अपने जोश को कितना आगे ले जा पाते हैं।
पंचायतों में भारी जीत के बाद भाजपा दोगुने जोश में
जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत चुनाव में एकतरफा जीत हासिल करने के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा में जोश हिलोरें मार रहा है। संगठन भी इस जोश को ठंडा नहीं होने देना चाहता है। संगठन का साफ संदेश है कि अब मिशन-2022 में जुट जाएं। आगामी 16 जुलाई को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होने जा रही है जिसमें विधानसभा चुनाव की तैयारियां ही मुख्य एजेंडा होगा। यह बैठक वर्चुअल होगी, जिसका उद्घाटन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दिल्ली से करेंगे। प्रदेश के पदाधिकारी और क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा प्रदेश कार्यालय से इस बैठक से जुड़ेंगे। इससे पूर्व पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक 15 जुलाई की शाम को प्रदेश कार्यालय में होगी। प्रदेश कार्यसमिति का दिन और समय तय होने की पुष्टि प्रदेश भाजपा के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने की है। प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के साथ ही भाजपा पूरी तरह से मिशन 2022 में जुट जाएगी।
आखिर त्रिपुरा में डेल्टा प्लस के कितने मामले..।
कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप अब भले ही कम हो गया हो लेकिन कोरोना के नए-नए वेरिएंट देश में खौफ पैदा कर रहे हैं। इसी बीच त्रिपुरा ने दावा किया था कि राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 138 मामले सामने आए है, जिसे भारत सरकार ने खारिज कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि त्रिपुरा में डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक भी मामला नहीं है। राज्य के डॉक्टरों ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में मौजूद राष्ट्रीय संस्थान की रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि त्रिपुरा में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 138 मामले पाए गए हैं। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि त्रिपुरा से 152 नमूने पश्चिम बंगाल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स में भेजे गए थे, जिनमें डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक भी मामला सामने नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि त्रिपुरा में अब तक जिन कोविड-19 नमूनों का जीनोम सिक्वेंसिंग किया गया है उनमें वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक भी मामला नहीं आया है।
भक्तों के बगैर निकलेगी आज जगन्नाथ रथयात्रा
हर साल की तरह आज पूरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी जिसका समापन 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन होगा। इस बार भी श्रद्धालुओं के बिना रथ यात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान पूरे शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। पवित्र रथ यात्रा को आज तीन बजे से रवाना किया जाएगा। कोविड महामारी को देखते हुए इस धार्मिक आयोजन के सहज संचालन के लिए कम से कम 65 दस्तों की तैनाती की गई है। प्रत्येक दस्ते में 30 जवान शामिल हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भव्य उत्साह के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है। इस दौरान भगवान की यात्रा के लिए रथ बनाने के कार्य का आरंभ अक्षय तृतीया से ही शुरू हो जाता है।