
- नगीन बारकिया
4 के बराबर 1 बनकर उभरे नवजोत बनेंगे प्रदेशाध्यक्ष
आखिर पंजाब कांग्रेस का संकट खत्म होता दिखाई दे रहा है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस हाईकमान नवजोत सिद्धू के समक्ष नतमस्तक हो ही गया और वह सिद्धू को प्रदेशाध्यक्ष पद देने को तैयार हो गया। सोनिया गांधी की इस स्वीकारोक्ति पर कैप्टन अमरिंदर ने भी यह कहते हुए मुहर लगा दी कि सोनिया के हर फैसले में उनकी मंजूरी है। हालांकि सिद्धू अध्यक्ष बनने जा रहे हैं लेकिन हाईकमान ने चार अन्य कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की शर्त लगाकर अध्यक्ष पद का भारी अवमूल्यन कर दिया। इसे यह भी कहा जा सकता है कि सिद्धू का वजन कम करने के लिए चार और पहलवान लगाना पड़े हैं। हालांकि, अभी सिद्धू के नाम का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, मगर सिद्धू समर्थक अभी से ही जश्न मना रहे हैं और पंजाब में जगग-जगह मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार कर रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी मुलाकात की थी और सोनिया गांधी का संदेश पहुंचाया था। रावत शुक्रवार को सोनिया गांधी से मिले थे और उन्हें पंजाब कांग्रेस में संभावित बदलाव को लेकर अपनी रिपोर्ट दी थी। हालांकि, इस दौरान सिद्धू भी मौजूद थे। इससे पिछले सप्ताह कैप्टन ने सोनिया से मुलाकात की थी। बैठक के बाद हरीश रावत ने दोहराया कि अमरिंदर सिंह आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बने रहेंगे।
येदियुरप्पा को लेकर असमंजस, क्या लाइन तय है…।
कर्नाटक की राजनीति में शनिवार को तब अचानक रोमांच पैदा हो गया जब यह खबर आई कि सीएम येदियुरप्पा ने अपने स्वास्थ्य कारणों के चलते पीएम मोदी से हुई मुलाकात में इस्तीफे की पेशकश की जिसे पीएम ने स्वीकार भी कर लिया। इसी के साथ नई दिल्ली से बेंगलुरु तक अगले मुख्यमंत्री को लेकर कयासों और अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया। करीब 12-13 नाम की सूची भी तैयार हो गई जिनमें से कोई एक प्रदेश का अगला सीएम बनेगा। लेकिन बाद में येदियुरप्पा की राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा और राजनाथ सिंह से मुलाकात ने रंग ही बदल दिया। सीएम के सूत्रों ने इसे कोरी अफवाह करार दिया। उन्होंने कहा कि येदि से राज्य में पार्टी को मजबूत करने और चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। वैसे जब से केंद्रीय कैबिनेट का विस्तार हुआ है तबसे ही राजनीतिक पंडित 3-4 प्रदेशों के सीएम बदले जाने की चर्चाएं गर्म किए हुए हैं। उनके पास तो लाइन तैयार है। उनका मानना है कि केंद्र से इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में से कुछ को निकट भविष्य में सीएम की जिम्मेदारी दी जा सकती है या इन्हें आने वाले चुनावों में सीएम प्रोजेक्ट किया जा सकता है।
जनसंख्या नियंत्रण मामले में थरूर का भाजपा पर निशाना
कांग्रेसी सांसद शशि थरूर अपने बयानों और टिप्पणियों के लिए मशहूर हैं। उन्होंने इस बार जनसंख्या नियंत्रण के लिए बनाई जा रही नीतियों को लेकर भाजपा को निशाना बनाया है। उनका कहना है कि भाजपा की ये नीतियां एक खास समुदाय को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को उठा रही है। अगले 20 साल में भारत के लिए बड़ी चुनौती बुजुर्ग होती आबादी होगी, जनसंख्या वृद्धि नहीं। उन्होंने कहा कि यह संयोग नहीं है कि जिन तीन राज्यों की सरकारें जनसंख्या घटाने की बात कर रही हैं, वे हैं यूपी, असम और लक्ष्यद्वीप, जहां सभी जानते हैं कि वहां उनके अपेक्षित दर्शक कौन हैं। उल्लेखनीय है कि थरूर ने यह बातें ऐसे समय पर कही हैं जब उत्तर प्रदेश ने जनसंख्या नियंत्रण ड्राफ्ट को सार्वजनिक किया है और असम सरकार भी इस दिशा में काम शुरू कर चुकी है। दोनों ही प्रदेशों में बीजेपी की सरकार है।
रोहिताश को निष्कासित कर वसुंधरा राजे को दिया झटका
राजस्थान भाजपा ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर न केवल रोहिताश को अनुशासन हीनता के लिए सबक सिखाया बल्कि वसुंधरा को भी झटका दिखा दिया है। रोहिताश को इससे पहले पार्टी विरोधी बयान देने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। भाजपा प्रवक्ता के अनुसार ‘अनुशासनहीनता की वजह से रोहिताश शर्मा को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने कुछ दिनों पहले कहा था कि भाजपा के नेता कार्यालय के अंदर बैठ कर पार्टी चला रहे हैं। वो गांवों में दौरे के लिए नहीं जाते हैं। इतना ही नहीं रोहिताश शर्मा ने मई के महीने में हुए उपचुनाव में पार्टी को लगे झटके के लिए राज्य के नेताओं को जिम्मेदार बताया था। तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने 2 सीट तथा बीजेपी ने 1 सीट जीती थी।