
सदन में घोषणा, विधायक निधि बढ़ाएंगे
प्रदेश में विधायकों को दो करोड़ रुपये की निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि (विधायक निधि) मिलती है। यह राशि आज के संदर्भ में बहुत कम है। क्षेत्र की जनता बहुत अपेक्षा करती है और उसे पूरा करना इतनी निधि से संभव नहीं है। इसे बढ़ाकर पांच करोड़ किया जाए। यह मांग सत्र के समापन अवसर पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने की तो विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सदस्य सुविधा समिति ने होमवर्क करके अपनी रिपोर्ट दे दी है। मुख्यमंत्री वित्त मंत्री की अध्यक्षता में तीन विधायकों की समिति बनाकर उस रिपोर्ट का भी परीक्षण करा लें, वित्त विभाग भी उसे देख ले और उसके बाद उसमें आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि आगामी बजट तक इस दिशा में कमेटी बनाकर आगे बढ़ेंगे।
विधानसभा में विधेयक पारित- बिना परमिट वाले वाहनों पर जुर्माना
बिना परमिट के स्कूल बस और यात्री वाहन चलाने पर अब बैठक क्षमता के अनुसार एक हजार रुपये प्रति सीट जुर्माना लगेगा। माल वाहन के लिए यह दर प्रति टन के हिसाब से होगी। अभी बिना परमिट या परमिट की शर्त का उल्लंघन करने पर जीवनकाल कर की राशि का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता रहा है। इसी तरह मोटरयान कर जमा न करने की दशा में देय कर पर चार प्रतिशत की दर से जुर्माना लगाया जाता है, जो लंबित कर से दोगुना से अधिक नहीं हो सकता है। इसे भी बढ़ाकर चार गुना किया गया है। अन्य रा’यों के पंजीकृत वाहनों द्वारा देय कर जमा नहीं करने पर उनके देय कर के चार गुना के हिसाब से कर वसूला जाएगा। यह प्रविधान मध्य प्रदेश मोटरयान कराधान संबंधी संशोधन विधेयक में किए गए, जो बुधवार को सदन में ध्वनिमत से पारित हो गया। प्रदेश के परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने सदन को बताया कि परिवहन विभाग की कार्य-प्रणाली को निरंतर पारदर्शी बनाया जा रहा है। फेसलैस सिस्टम लागू किया है।
बिना स्मार्ट कार्ड 200 रु. वसूली मंत्री बोले- सरकार को अधिकार
प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन कार्ड बिना दिए 200 रुपये की वसूली की जा रही है। पहले शुल्क लेकर स्मार्ट कार्ड हार्डकापी में दिए जाते थे लेकिन पिछले साल अक्टूबर से यह बंद कर दिया गया है। कार्ड दिया जाना तो बंद हो गया लेकिन शुल्क वसूली नहीं बंद हुई। परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने विधायक देवेंद्र जैन के प्रश्न के उत्तर में बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस लेमिनेटिड कार्ड या स्मार्ट कार्ड के रूप में जारी किए जाने के लिए केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम के प्रविधान अनुसार आवेदन शुल्क में 200 रुपये शुल्क लिया जाता है। परिवहन विभाग की अधिसूचना तीन अक्टूबर 2024 के द्वारा एक अक्टूबर 2024 से समस्त ड्राइविंग लाइसेंस इलेक्ट्रानिकली जारी किए जाने के प्रविधान किए हैं। इस तिथि के बाद से लाइसेंस कार्ड की हार्ड कापी प्रदान नहीं की जा रही है। नियम के अनुसार सरकार स्वचालन एवं परीक्षण के लिए उपयोग की जाने वाली प्रोद्यौगिकी अथवा मूल्य वर्धित सेवायें प्रदान करने के लिए विनिर्दिष्ट शुल्क की राशि के अतिरिक्त राशि अधिरोपित कर सकती है। समस्त ड्राइविंग लाइसेंस इलेक्ट्रानिकली जारी किए जा रहे हैं, जो कि आवेदक को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर लिंक के रूप में प्राप्त होते हैं।
आरक्षक भर्ती घोटाला है व्यापमं का भाग-दो
पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले के विरोध में कांग्रेस विधायक दल ने बुधवार को विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया। सभी विधायक पुलिस की प्रतीकात्मक खाकी वर्दी पहनकर पहुंचे और गांधी प्रतिमा के सामने जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अशिप लगाया कि यह व्यापमं का भाग-दो है। फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित किया गया। इस पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 7,411 आरक्षक के पदों के लिए भर्ती आयोजित की गई थी। इसमें गड़बड़ी कर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है। जांच में अभ्यर्थियों के फिंगरप्रिंट, फोटो, हस्ताक्षर और हैंडराइटिंग तक मेल नहीं खा रहे हैं। यह स्थिति तब है, जब व्यापमं कांड के कारण मध्य प्रदेश की देशभर में बदनामी हो चुकी है। पटवारी भर्ती परीक्षा में ऐसी बात सामने आई थी।