बिच्छू डॉट कॉम:टोटल रिकॉल/सेवा पखवाड़े को लोगों को सुशासन का भरपूर लाभ देने वाला पखवाड़ा बनाएं

सेवा पखवाड़े को लोगों को सुशासन का भरपूर लाभ देने वाला पखवाड़ा बनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जनता की सेवा ही हमारा धर्म है। यही हमारा लक्ष्य भी है। आने वाली 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान नागरिकों की सेवा और सुविधा से जुड़े सभी कार्यों सहित स्वच्छता गतिविधियां भी आयोजित की जाएं। सेवा पखवाड़े को जनता को प्रदेश में सुशासन का भरपूर लाभ देने वाला पखवाड़ा बनाए। मुख्यमंत्री मंदसौर जिले के गांधीसागर से सेवा पखवाड़ा की तैयारियों के संबंध में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी कलेक्टर्स एवं कमिश्नर्स से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने सभी मैदानी अधिकारियों से सेवा पखवाड़ा के क्रमबद्ध आयोजन के बारे में चर्चा की और इसकी रूपरेखा सहित तैयारियों की जानकारी भी ली। मुख्य सचिव अनुराग जैन एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मंत्रालय से इस वीसी में सहभागिता की। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स-कमिश्नर्स से कहा कि प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को और भी सशक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

पहली बार डिजिटल जनगणना: एप पर परिवार का मुखिया भरेगा जानकारी
साल 2026-27 में देश में पहली बार डिजिटल जनगणना होगी। जनगणना निदेशालय इसके लिए एप लॉन्च करेगा। परिवार का मुखिया इसमें अपने घर-परिवार की जानकारी खुद भर सकेगा। एप पर डिटेल भरने के बाद जनगणना अधिकारी घर जाकर जानकारी क्रॉस चेक करेंगे। इसके बाद उसे डिजिटल फॉर्म पर अपलोड किया जाएगा। जनगणना में शामिल कर्मचारी को 150-175 मकानों की जिम्मेदारी होगी। जनगणना शुरू होने से पहले प्रदेश के 3 जिलों में इसका प्री टेस्ट होगा। गड़बड़ी रोकने प्रदेश की सभी प्रशासनिक सीमाओं को 31 दिसम्बर 2025 की स्थिति में फीज करने का फैसला लिया गया है। जनगणना 2026 और 2027 में दो चरणों में होगी। पहला चरण 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा, जिसमें मकानों की गिनती की जाएगी। दूसरा चरण 1 फरवरी 2027 से शुरू होगा, जिसमें लोगों की जनसंख्या, जाति और बाकी जरूरी जानकारियां जुटाई जाएंगी।

जीवंत लोकतंत्र वही जिसमें विधायी मंचों पर होने वाला संवाद समाज की आवाज बने
बैंगलुरु स्थित विधान सौध में आयोजित 11वें राष्ट्र मंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र सम्मेलन के दूसरे दिन मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सम्मेलन के प्रथम वक्ता के रूप में उद्बोधन दिया। सम्मेलन का विषय विधायी संस्थाओं में संवाद और चर्चा जन विश्वास का आधार, जन आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम था। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरवंश, राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, विधानमंडलों के सभापति एवं अधिकारीगण उपस्थित थे। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लोकतंत्र की आत्मा संवाद में निहित होती है। विधायी संस्थाएं वह मंच हैं, जहां विविध विचारों का टकराव नहीं, बल्कि उनका समन्वय होता है। यहीं पर नीतियों की दिशा तय होती है। एक जीवंत लोकतंत्र वही है, जिसमें विधायी मंचों पर होने वाला संवाद सतत, सार्थक और समाज के विभिन्न वर्गों की आवाज को प्रतिबिंबित करने वाला हो।

हमारे बीच छोटे-मोटे मतभेद रहे, लेकिन मनभेद कभी नहीं
मार्च, 2020 में कमलनाथ सरकार गिरने को लेकर आरोप-प्रत्यरोप के बीच पिछले दिनों गर्माए सियासी माहौल के बीच शुक्रवार सुबह अचानक एक नई तस्वीर सामने आई। इस तस्वीर में पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह एक फ्रेम में नजर आ रहे हैं। तस्वीर में दिग्विजय सिंह, कमलनाथ के कंधों पर हाथ रखे हुए हैं। नई दिल्ली में कमलनाथ और दिग्विजय मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद दिग्विजय सिंह ने दोनों की साथ में खिंचवाई तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की और लिखा, कमल नाथ जी और मेरे लगभग 50 वर्षों के पारिवारिक संबंध रहे हैं। हमारे राजनीतिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं और ये स्वाभाविक भी हैं। हमारा सारा राजनीतिक जीवन कांग्रेस में रहते हुए विचारधारा की लड़ाई एकजुट होकर लड़ते हुए बीता है और आगे भी लड़ते रहेंगे।

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