- प्रणव बजाज

सूदखोरी के मामले में अब दिग्गी के निशाने पर आए शिव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में एक युवक द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में अब पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने निशाना साधा है। उनका कहना है कि बुधनी के ग्राम मोगरा के युवा किसान विजय सोनी द्वारा आत्महत्या करने की वजह है सूदखोरों द्वारा प्रताड़ित करना। उनका आरोप है कि बुधनी के ग्रामीण इलाकों में सूदखोर मंहगे ब्याज पर कर्ज देकर जबरन वसूली करते हैं। जिनकी प्रताड़ना की वजह से ही विजय को खुदकुशी करने पर मजबूर होना पड़ा है। इस मामले में सिंह ने एक पत्र भी मुख्यमंत्री को लिखा है, जिसमें गरीबों को ऊंची ब्याज पर कर्ज देने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है। खास बात यह है कि प्रदेश में कहीं भी पुलिस व प्रशासन सूदखोरों के खिलाफ कोई अभियान नहीं चलाती है। यही नहीं शिकायत होने पर भी कोई कार्रवाई नहीं करती है। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में सर्वाधिक खुदकुशी सूदखोरी की वजह से ही होती हैं। उनका कहना है कि शिव के राज में उनके गृह जिले सीहोर में यह पहली घटना नहीं है, अभी तक सैकड़ों किसान कर्ज में फंसकर अपनी जान गंवा चुके हैं।
…और अच्छा काम करना पड़ गया भारी
सहकारिता विभाग में जो हो वह कम है। मामला चाहे सहकारी बैंको का हो या फिर सहकारिता निरीक्षकों का। इस विभाग में अच्छा काम करने वालों को दंडित और खराब काम करने वालों को पुरुष्कृत करने का काम किया जाता है। इसका ताजा उदाहरण है जिला सहकारी बैंको के चार सीईओ के किए गए तबादले। भोपाल में पदस्थ एक अधिकारी की प्रताड़ना से जिलेभर के कुछ गिने चुने कर्मचारियों को छोड़कर सभी प्रताड़ित है। इस अफसर के खिलाफ कई बार उच्च स्तर पर शिकायतें भी की जा चुकी हैं, इसके बाद भी मजाल है कि उसका कोई बाल भी बांका कर सका हो, उलटे उसे सरकार का बदरहस्त भी दे दिया गया है। इसके उलट जो अधिकारी अच्छा काम कर रहे थे, उनका जरुर तबादला कर दिया गया है। बीते रोज जब जिला सहकारी बैंकों के सीईओ की सूची जारी हुई तो सभी हतप्रभ रह गए कि अच्छे काम करने वालो अफसरों का तबादला हो गया, जबकि शिकायतों वाले अफसरों को बचा लिया गया है।
शेरा अचानक फ्रंटफुट से आए बैकफुट पर
अब तक खंडवा लोकसभा सीट पर कांग्रेस से अपनी पत्नी जयश्री ठाकुर के लिए टिकट की दावेदारी को लेकर फ्रंटफुट पर खेल रहे निर्दलीय विधायक विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा अचानक बैकफुट पर आ गए हैं। अब वे न तो पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव के टिकट का विरोध कर रहे हैं और न ही विद्रोही तेवर दिखा रहे हैं। उनके अचानक सुर बदलने से सभी हतप्रभ हैं। बीते रोज अचानक उनके द्वारा सुर बदलने का आंदाज इससे ही लगाया जा सकता है कि वे अब कह रहे हैं कि मेरे परिवार ने हमेशा कांग्रेस पार्टी की सेवा की है, जिसे भी कांग्रेस पार्टी टिकट देगी, उसके साथ मेरा परिवार पूरी ताकत के साथ खड़ा रहेगा। यह बयान उनके द्वारा बीते रोज अचानक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर वहां मौजूद कांग्रेस पदाधिकारियो से चर्चा के कुछ देर बाद मीडिया के सामने दिया गया है। यह बात अलग है कि वे इस दौरान यह कहने से नहीं चूके कि अगर सही में सर्वे के आधार पर टिकट दिया गया, तो मेरी पत्नी जयश्री को ही टिकट मिलेगा।
जोबट एसडीएम पर गिर सकती है आयोग की तबादले की गाज
जिन तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उसमें जोबट विधानसभा की सीट भी शामिल है। इसी इलाके में केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के दामाद श्यामवीर नरवरिया एसडीएम के पद पर पदस्थ हैं। कांग्रेस ने उन्हें तत्काल हटाने की मांग चुनाव आयोग से की है। कांग्रेस के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया ने आयोग से शिकायत करते हुए कहा है कि नरवरिया केंद्रीय मंत्री के करीबी रिश्तेदार होने की वजह से चुनाव कार्य को प्रभावित कर सकते हैं। इसकी वजह से उन्हें तत्काल हटाया जाए। यही नहीं धनोपिया ने शिकायत में कहा है कि साथ ही राशन के थैलों से पीएम मोदी के फोटो हटाकर सीएम के जनदर्शन कार्यक्रम पर भी रोक लगाई जाए। उनके द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीरा राणा से यह मांग उपचुनाव के संबंध में राजनीतिक दलों की बैठक में की गई है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा जनदर्शन कार्यक्रम में भी जनहितैषी घोषणाएं की जा रही है। तीन साल से अधिक समय से पदस्थ अधिकारियों को भी हटाया जाए।