
- हरीश फतेहचंदानी
साहब की दरियादिली
2010 बैच के आईएएस अधिकारी आशीष सिंह को जबसे भोपाल जिले की कलेक्टरी मिली है, उनकी कार्यप्रणाली लगातार चर्चा में बनी हुई है। कभी वे औचक छापेमारी करने पहुंच जाते हैं तो कभी कुछ ऐसा कर जाते हैं, जिससे चर्चा में आ ही जाते हैं। वर्तमान में साहब अपनी दरियादिली के लिए चर्चा में हैं। दरअसल, गत दिनों जनसुनवाई में कई जरूरतमंदों को आर्थिक मदद दी गई। कलेक्टर ने 70 हजार रुपए से ज्यादा की मदद की। लेकिन एक पेरेंट्स को बच्चे की स्कूल ड्रेस खरीदने के लिए राशि देकर साहब ने अपनी दरियादिली क्या दिखाई, लोग उनके फैन हो गए। दरअसल, एक आवेदक ने बताया कि बच्चों को स्कूल भेजना पड़ता है। स्कूल की ड्रेस के लिए रुपयों की आवश्यकता है। इस पर कलेक्टर ने 6 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। जिसकी पूरे शहर में जमकर सराहना हो रही है।
कलेक्टर के खिलाफ मोर्चाबंदी
2011 बैच के आईएएस अधिकारी ने जब से महाकौशल के बड़े जिले की कलेक्टरी संभाली है, तभी से उनके खिलाफ कभी अधिकारी-कर्मचारी, तो कभी नेता मोर्चाबंदी करने लगते हैं। बताया जाता है कि साहब कोई न कोई ऐसा काम कर ही देते हैं कि उनके खिलाफ लोग मोर्चा खोल देते हैं। वर्तमान में सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनकी लिखित शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में की है। जिसमें कहा गया है कि इनको हटाकर दूसरे आईएएस को पदस्थ किया जाए। बताया जाता है कि साहब की कार्यप्रणाली से सरकार काफी खुश है। लेकिन पार्टी के नेता नाखुश हैं। उनका कहना है कि वे काम नहीं कर रहे है, नेताओं को जो प्रोटोकॉल व सम्मान दिया जाना चाहिए, वह भी नहीं दिया जाता है। अब देखना यह है कि साहब पर क्या एक्शन होता है।
रातों रात लखपति बन जाओ
ग्वालियर-चंबल अंचल के एक जिले में अभी हाल ही में कलेक्टर बने 2012 बैच के एक प्रमोटी आईएएस अधिकारी पदभार ग्रहण करने के बाद बाबुओं के दफ्तर में जब पहुंचे तो वहां रखी अलमारी पर लगा पोस्टर देख हैरान हो गए। इसके बाद कलेक्टर ने उसे पढ़ने के लिए अपना चश्मा जेब से निकाला और उसे ध्यान से पढ़ा। इस पर लिखा था कि रातों-रात लखपति बन जाओ, जिसके बाद ड्यूटी पर उपस्थित बाबू से कलेक्टर ने पूछा कि आप भी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं क्या? जिसके बाद बाबू ने कहा कि नहीं सर। यह पोस्टर लोगों को ठगी से बचाने के लिए लगाया गया था। आजकल सोशल मीडिया और लोगों को लालच में लेकर के ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस बैनर के नीचे यह भी लिखा हुआ था कि, कभी ऐसा होता है क्या। इस बैनर के माध्यम से आम लोगों के साथ हो रही ठगी को लेकर जागरूक करना था।
कलेक्टर को लगानी पड़ी दौड़
निमाड़ के एक आदिवासी बहुल जिले बड़वानी कलेक्टर राहुल फटिंग को एक दिन अचानक दौड़ लगानी पड़ी। यह दौड़ किसी प्रतियोगिता की नहीं, बल्कि जिले के एक छात्रावास के बच्चों की समस्या को सुलझाने के लिए लगानी पड़ी। दरअसल, जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित एक छात्रावास के बच्चों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कलेक्टर से मिलने पैदल ही निकल पड़े। यह सूचना मिलते ही कलेक्टर साहब ने एसपी के साथ ही जिला पंचायत सीईओ को साथ लिया और बीच रास्ते में छात्रों से जाकर मुलाकात की। साहब को दल-बल के साथ रास्ते में खड़ा देख छात्र भी आश्चर्यचकित हुए। लेकिन साहब ने उन्हें बताया कि मैं आप लोगों के लिए ही आया हूं और मुझे पूरी बात बताएं। छात्रों ने साहब को अपनी समस्या से अवगत कराया और उसके बाद साहब ने उनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन देकर वापस जाने को कहा।
टीआई के दबाव में कप्तान
शीर्षक पढक़र आश्चर्यचकित होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, ऐसा हो नहीं रहा है, लेकिन मप्र हाईकोर्ट ने महाकौशल के एक एसपी को फटकार लगाते हुए ऐसी बात कही है। दरअसल, हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को जमकर फटकार लगाई है। मामला दिसंबर 2022 का है। जिले के एक निवासी ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। इस पर एक इंस्पेक्टर ने उक्त व्यक्ति का मोबाइल छीना और सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत बंद करवा दी। इस मामले में उक्त व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आप लोग टीआई के दबाव में काम करते हैं क्या? टीआई के काम की मॉनिटरिंग एसपी करते हैं या एसपी के काम की मॉनिटरिंग टीआई करते हैं? एसपी ने जवाब में कहा कि हम फेयर काम करते हैं। इस पर जस्टिस नाराज हो गए। उन्होंने तो यह भी कह दिया कि दिख रहा है कि आप कितना फेयर कार्य करते हैं। कोर्ट यह देखने के लिए ही तो बनाए गए हैं। जाइए और डायरेक्टर जनरल का हलफनामा लेकर आइए।