बिहाइंड द कर्टन/गौवंश की मौतों पर दिग्विजय का सरकार पर हमला

दिग्विजय

प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।

गौवंश की मौतों पर दिग्विजय का सरकार पर हमला
बैरसिया गौशाला में हुई गायों की मौत के मामले में फिर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इशारे पर आरोपित महिला को बचाया जा रहा है। दरअसल, बीते दिनों बैरसिया स्थित जिस गोशाला में सैकड़ों गौवंशों की मौत हुई थी, उस गोशाला की संचालिका को स्थानीय प्रशासन द्वारा आरोप मुक्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं जिन स्थानीय गांव वालों द्वारा इस कांड को उजागर किया था, उनके खिलाफ ही मुकदमे दर्ज कर दिए गए हैं। यह आरोप उनके द्वारा बैरसिया में जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं के साथ एसडीएम कार्यालय का घेराव में शामिल होने के बाद लगाया गया है। उनका कहना है कि शिव सरकार द्वारा इसी तरह से भ्रष्टाचार व विभिन्न माफियाओं को भी सरंक्षण देने का काम किया जा रहा है।

बोले राजपूत: कांग्रेस में गुटबाजी और कुर्सी की लड़ाई तेज
शिव सरकार के कबिना मंत्री और पूर्व कांग्रेसी नेता रह चुके राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि कांग्रेस में में गुटबाजी और कुर्सी की लड़ाई तेज हो गई है। उनका कहना है कि अब तो कांग्रेस नेताओं के बीच मौजूद गुटबाजी विधानसभा तक में भी दिखने लगी है। यह आरोप उनके द्वारा कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी द्वारा राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण का बहिष्कार और कमल नाथ के बयान के बाद लगाया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हालत यह है कि ये लोग सामने से नमस्कार और पीठ पीछे कुर्सी खींचने में लगे रहते हैं। उधर, अभिभाषण के बहिष्कार के मामले में पटवारी के अलग- थलग पड़ने के बाद उनके सुर पूरी तरह से बदल चुके हैं। उन्हें न तो पार्टी का साथ मिला और न ही विधायक दल का। यही वजह है कि उनके द्वारा सुर बदल कर अब कहा जा रहा है कि मेरे नेता जो चाहते हैं वही मुझे करना चाहिए। मैं उनके अनुभव को चुनौती नहीं दे सकता, मैं तो उनके पैरों की धूल जैसा हूं।

और मंत्री खुद के झूठे दावे का हो गए शिकार
केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते द्वारा सड़कों को लेकर किए गए झूठे दावे की न केवल पोल खुल गई, बल्कि उसका शिकार वे खुद भी हो गए। उनके द्वारा बीते दिनों डिंडौरी जिलों की सड़कों को बेहतर बताते हुए उनकी तुलना हेमा मालिनी के गालों से की गई थी। वे कल जब सांसद आदर्श ग्राम दुनिया बघाड़ का दौरा करने गए तो उन्हें हकीकत से ऐसा रुबरु होना पड़ा की खराब सड़क की वजह से उस गांव तक कोई वाहन ही नहीं जा पाया। इसके बाद उन्हें एक किमी तक पैदल चलना पड़ा। यह वो गांव है, जिसे कुलस्ते द्वारा गोद लिया गया है। इस गांव तक जाने वाली सड़क के हाल यह हैं कि  मंत्री के काफिले को गांव से पांच किलोमीटर पहले ही रोकना पड़ गया। इसके बाद उन्हें एक किमी तक पैदल जाने के बाद दूसरे वाहन से गांव ले जाना पड़ा। दरअसल इस गांव को गोद लेने के बाद पहली बार मंत्री जी गांव गए हैं, सो उन्हें वास्तविकता का पता ही नहीं था। अब जिले में मंत्री के दावे और हकीकत को लेकर लोगों द्वारा जमकर चटकारे लिए जा रहे हैं।

जब केन्द्रीय मंत्री को आया गुस्सा
प्रदेश का सरकारी अमला न तो बदनामी से डरता है और न ही उसके खिलाफ होने वाली कार्रवाई से। यही वजह है कि वो केन्द्रीय मंत्री तक के मामलों में लापरवाही बरतने से पीछे नहीं रहते हैं। ताजा मामला पर्यटन विभाग के अफसरों का है। दरअसल केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ग्वालियर आए तो वे शहर का ऐतिहासिक किला देखने गए, लेकिन उन्हें किले में जगह-जगह भीषण गंदगी मिली, जिस पर वे जमकर भड़क गए। उन्होंने गुस्से में पर्यटन विभाग के अफसरों को बुलाकार पहले तो जमकर फटकार लगाई और फिर यहां तक कह दिया की क्या मैं झाडू लगाने आऊं। जाओ झाड़ू लेकर आओ मैं ही लगा देता हंू। रेड्डी का कहना था कि मंत्री के आने पर यह हालात हैं तो आम दिनों में क्या हालात होते होंगे। उन्होंने कहा कि जब मेरे आने की जानकारी के बाद यह हाल है तो अफसर किस हद तक लापरवाह हैं, समझा जा सकता है। इस दौरान पर्यटन विभाग के अफसर बार-बार माफी मांगते हुए नजर आए।

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