
अब प्रतिनियुक्ति वाले कर्मचारियों को भी दिया जाएगा महंगाई भत्ता
राज्य शासन ने निगम, मंडल, सार्वजनिक उपक्रमों और अनुदान प्राप्त संस्थाओं में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में लाभ देने का फैसला किया है। वित्त विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इसके बाद एक जनवरी 2024 से 8 प्रतिशत और एक जनवरी 2025 से ऐसे अधिकारी कर्मचारी को 5 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता दिया जाएगा। यह महंगाई भत्ता उन अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलेगा जो मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 1989 में चौथा या मप्र वेतन पुनरीक्षण नियम 1998 में पांचवां वेतनमान पा रहे हैं। वित्त विभाग से जारी आदेश के मुताबिक इन्हें एक जनवरी 2024 से 1385 प्रतिशत और 302 प्रतिशत महंगाई भत्ता मंजूर किया गया है। मप्र वेतन पुनरीक्षण नियम 1998 के अंतर्गत पांचवां वेतनमान पाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए जो व्यवस्था तय की गई है उसके अनुसार 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते को महंगाई वेतन के रूप में परिवर्तित करने का आदेश एक जुलाई 2024 से लागू होगा जिसका भुगतान माह अगस्त 2024 में हुआ है। इसमें अभी कर्मचारी अधिकारी को 302 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। इसमें 8 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। अब यह कुल 310 प्रतिशत हो जाएगा।
बिजली की आंख मिचौली, ऊर्जा मंत्री को गृह नगर में घेरने की तैयारी
गर्मी में बिजली की आंख मिचौली के बीच प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को घोषित एवं अघोषित कटौती को लेकर उनके ही गृह नगर में कांग्रेस ने घेरने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने मंत्री सहित बिजस्ती कंपनी के अधिकारियों पर कटौती की मार का आरोप लगाते हुए मंगलवार को बिजली घर के घेराव की घोषणा की है। इधर, कंपनी के आला अधिकारी बढ़ती ट्रिपिंग के पीछे लाइन लॉस के साथ ही उपभोक्ताओं को दोष दे रहे हैं। उनका तर्क है कि उपभोक्ता विद्युत उपकरण बढ़ा रहे हैं, लेकिन कंपनी में लोड नहीं बुढ़वाते हैं, जिसकी वजह से ट्रांसफॉर्मर ओवर लोड हो रहे हैं।
एवरेस्ट फतह करने वाली मेघा विक्रम अवार्ड से वंचित क्यों?
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली मप्र की पहली बेटी मेघा परमार की बजाए दूसरी बेटी भावना डेहरिया को राज्य सरकार द्वारा 2023 का विक्रम अवॉर्ड दिए जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। मेघा की याचिका में दावा किया गया है कि माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहले वह और फिर भावना चढ़ी थी, ऐसे में सिर्फ भावना को विक्रम अवॉर्ड से नवाजा जाना अनुचित है। वेकेशन बेंच के जस्टिस अमित सेठ ने मामले पर सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा। याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता दी है कि वो अवॉर्ड पर फिर से विचार करने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को आवेदन दे सकेगी। भोपाल निवासी मेघा परमार की ओर से दायर याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा ने कहा कि वो 22 मई 2019 की सुबह 5 बजे माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ी थी। उसके कुछ घंटों के बाद 9:49 मिनट पर छिंदवाड़ा की भावना डहेरिया वहां पहुंची थी।
न बयानबाजी करेंगे, ना ही कार्यक्रमों का हिस्सा बनेंगे
मप्र में कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों का जल्द ही जिलों में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। जिलों में प्रवास के दौरान पार्टी ने पर्यवेक्षकों की आचार संहिता तय कर दी है। जिसके तहत न तो पर्यवेक्षक जिलों में किसी तरह की राजनीतिक बयानबाजी करेंगे और न ही स्थानीय कार्यक्रमों का हिस्सा बनेंगे। यहां तक कि जिलाध्यक्ष की दावेदारी कर रहे स्थानीय नेता के घर का आतिथ्य भी स्वीकार भी नहीं करेंगे। केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ प्रदेश के पर्यवेक्षकों को भी इसका पालन करना होगा। मप्र में संगठन सृजन का अभियान 3 जून को शुरू हो चुका है, लेकिन पर्यवेक्षकों का जिलों में पहुंचने का सिलसिला 10 जून के बाद से शुरू हो रहा है। केंद्रीय पर्यवेक्षक अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार संबंधित जिलों में पहुंचकर संगठन सृजन का काम शुरू करेंगे। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय द्वारा नियुक्त किए गए प्रदेश पर्यवेक्षक भी मौजूद रहेंगे।