- प्रणव बजाज

कांग्रेस में सर्वे के आधार पर होगा प्रत्याशी चयन
प्रदेश के खंडवा लोकसभा सीट के साथ ही रैगांव, जोबट और पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी कांग्रेस कर चुकी है। इन सीटों पर प्रत्याशियों का चयन सर्वे के आधार पर किया जाएगा। उपचुनाव के संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने 29 जुलाई को बैठक बुलाई है। हालांकि पार्टी ने विधानसभा की तीनों सीटों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं, लेकिन प्रत्याशी का चयन चुनाव जीतने वाले को आधार बनाकर किया जाएगा। कांग्रेस ने विधायक रवि जोशी को जोबट, प्रवीण पाठक और मनोज चावला को पृथ्वीपुर तथा रैगांव के लिए लखन घनघोरिया को प्रभारी बनाया है। खंडवा सीट के लिए फिलहाल प्रभारी तय नहीं किया है। सूत्रों की मानें तो एक-दो दिन में कांग्रेस इस पर फैसला लेगी। पीसीसी चीफ कमलनाथ के मुताबिक खंडवा लोकसभा सीट से अरुण यादव ने चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं जताई है और न ही उन्होंने टिकट की मांग की है।
प्रदेश सरकार कर रही कर्मचारियों को ‘फरलो’ योजना की तैयारी
प्रदेश सरकार अपना खाली खजाना भरने के लिए कर्मचारियों के लिए सिविल सेवाएं (फरलो) योजना 2002 एवं फार्मूला 20-50 को सख्ती से लागू करने की तैयारी में जुटी है। पूर्व में यह योजना दिग्विजय सिंह सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई थी। इसका करीब दस हजार कर्मचारियों ने फायदा भी उठाया था लेकिन वर्ष 2007 में शिवराज सरकार ने इसे समाप्त कर दिया था। अब एक बार फिर से इस योजना को शुरू करने की तैयारी है। वित्त विभाग की माने तो कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर प्रतिवर्ष साठ हजार करोड़ खर्च आता है। फरलो योजना लागू होने से इसका फायदा करीब एक से डेढ़ लाख कर्मचारी उठा सकते हैं। इससे सरकार को हर साल लगभग छह हजार करोड़ की बचत होगी। बता दें कि इस योजना के तहत कर्मचारी कम से कम तीन और अधिकतम पांच वर्ष के लिए छुट्टी पर जा सकता है। छुट्टी के दौरान उसे पचास फीसदी वेतन मिलता है। छुट्टी के दौरान वह प्राइवेट जॉब कर सकता है या फिर अपना बिजनेस भी शुरू कर सकता है इस दौरान उसकी सीनियरिटी भी प्रभावित नहीं होगी।
ग्वालियर-चंबल के दो दिग्गजों की मुलाकात के क्या हैं मायने
प्रदेश के पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने हाल ही में गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा से उनके चार मिली स्थित निवास पर जाकर मुलाकात की है। उनके साथ विधायक लखन घनघोरिया भी साथ थे। तीनों के बीच करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में चर्चा हुई है। जहां यह मुलाकात चर्चाओं में है वहीं राजनीतिक वैज्ञानिकों द्वारा इसके मायने खोजे जा रहे हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि गोविंद सिंह के बेटे की रिवाल्वर लाइसेंस की फाइल एक महीने से नहीं मिल रही है। इस फाइल की तलाश में और जल्द आदेश जारी कराने के लिए ही डॉक्टर गोविंद सिंह गृहमंत्री से मुलाकात करने उनके निवास पहुंचे थे। बहरहाल जहां डॉ गोविंद सिंह ने अपनी इस मुलाकात को सौजन्य बताया वहीं डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने गोविंद सिंह को अपना मित्र बताया। मामला जो भी हो लेकिन ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के इन दो दिग्गजों की मुलाकात के मायने तलाशे जा रहे हैं।
मप्र में फिर आमद देंगे आईएएस ई रमेश कुमार
केंद्र में अपनी प्रतिनियुक्ति से लौटे आईएएस अधिकारी ई रमेश कुमार जल्द ही मध्यप्रदेश में आमद देंगे। केंद्र सरकार सेवा कार्य मुक्त हो चुके हैं। फिलहाल अभी वे अवकाश पर हैं। जल्द ही अवकाश अवधि पूरी होने के बाद वे यहां पहुंचेंगे। बता दें कि मप्र कॉडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1995 बैच के आईएएस अधिकारी ई रमेश कुमार ने केंद्र सरकार में अपनी प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण कर ली है। पूर्व में आईएएस रमेश कुमार छतरपुर, सागर व खरगोन के कलेक्टर रह चुके हैं। इसके साथ ही वे मंत्रालय में भी प्रतिनिधि पर जाने के पूर्व कार्यरत थे। केंद्र सरकार ने उन्हें गोवा में मोरमूगांव पोर्ट ट्रस्ट का चेयरमैन बनाया था। अब यहां संभावना जताई जा रही है कि वे अगले महीने में कभी भी मप्र सरकार में अपनी आमद दे देंगे।