
तीन कलेक्टर व खाद्य, सुरक्षा आयुक्त को दिए नोटिस
खाद्य सुरक्षा लैब की स्थापना नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट इंदौर बेंच के समक्ष दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने खाद्य सुरक्षा आयुक्त सुदामा खाडे, इंदौर कलेक्टर टी इलैया राजा, ग्वालियर कलेक्टर अभयकुमार सिंह व जबलपुर कलेक्टर एसके सुमन के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किए हैं। गौरतलब है कि खाद्य पदार्थों की जांच की व्यवस्था नहीं होने के मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर हुई थी। याचिकाकर्ता महेश गर्ग ने कोर्ट के समक्ष तर्क रखे थे कि इंदौर में खाद्य पदार्थों की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। जांच के लिए खाद्य पदार्थों के सैंपल भोपाल भेजने पड़ते हैं। खाद्य विभाग समय-समय पर कार्रवाई करते हुए खाद्य पदार्थों के सैंपल लेता है लेकिन, जांच की व्यवस्था नहीं होने से इसका कोई मतलब नहीं रह जाता। हाई कोर्ट ने 7 फरवरी 2022 को इस जनहित याचिका में फैसला सुनाते हुए इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में लैब शुरू करने के आदेश दिए थे।
अब खंडेलवाल के विरोध में उतरे बैतूल के कार्यकर्ता
भाजपा की दूसरी सूची घोषित होने से पहले ही दावेदारों का विरोध शुरू हो गया है। बैतूल से पूर्व विधायक हेमंत खंडेलवाल इस बार भी दावेदारी कर रहे हैं। उनके विरोध में बीते रोज बैतूल से आए कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में नारेबाजी की और दिनेश मस्की को टिकट देने की मांग की। खंडेलवाल पिछला चुनाव 30 हजार वोट से हार गए थे। कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से भी मुलाकात की। मस्की ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बैतूल की जनता परिवर्तन चाहती है।
शिक्षकों के पद भरने सांसद मिश्रा ने सीएम को लिखी चिट्ठी
ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के शिक्षकों के खाली पदों पर भर्ती के मामले में रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है। ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने इस संबंध में सांसद से भेंट की थी। संघ का कहना है कि 2018 शिक्षक भर्ती में ईडब्ल्यूएस वर्ग के 848 पद और अन्य सभी वर्गों के लगभग 5935 पद अभी भी खाली हैं, जबकि पात्र अभ्यर्थी उपलब्ध हैं, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा योजनाबद्ध तरीके से 2750 पदों को बिना परीक्षा कराये ही नवीन भर्ती बताई जा रही है। इससे पहले विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया से साथ भी संघ के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री से मिल चुके हैं। ईडब्ल्यूएस संघ के अध्यक्ष धीरज तिवारी का कहना है कि विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री के निर्देशों की बार-बार अनदेखी कर रहे हैं।
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा अमान्य किया
डिप्टी कलेक्टर व आमला निवासी निशा बांगरे का प्रशासन ने इस्तीफा अमान्य कर दिया है। इस मामले में प्रशासन ने हाईकोर्ट को पूर्व डिप्टी कलेक्टर की विभिन्न मामलों में जांच व आदेशों की अव्हेलना और कदाचरण का हवाला दिया है। वहीं बांगरे ने अब सुप्रीम कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं। इस्तीफा स्वीकृत नहीं होने के कारण करीब एक माह पहले डिप्टी कलेक्टर ने हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने शासन को इस्तीफा प्रकरण का निराकरण करने का आदेश जारी किया था। 7 सितंबर तक शासन को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना था। इसके पूर्व ही शासन ने विभागीय जांचों का हवाला देकर इस्तीफा अमान्य कर दिया। इससे निशा बांगरे के चुनाव लडऩे के अरमानों पर पानी फिर सकता है।