बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/पूर्व भाजपा सांसद बोध सिंह को समन, 22 फरवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश

बोध सिंह भगत

पूर्व भाजपा सांसद बोध सिंह को समन, 22 फरवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश
 एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद बोध सिंह भगत को 22 फरवरी को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। भगत पर भाजपा नेता छगन हनवत को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में केस चल रहा है। यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव का है, जब भाजपा ने बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र से उस वक्त के सांसद बोध सिंह को टिकट नहीं देते हुए पूर्व मंत्री ढालसिंह बिसेन को यहां से प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद 1 अप्रैल 2019 को भाजपा नेता छगन हनवत अन्य नेताओं के साथ बोध सिंह से मिलने उनके निवास घुबडग़ोंदी गए थे। जहां बोधसिंह ने हनवत को जान से मारने की धमकी दी थी। भगत विस चुनाव के पहले कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियां बस्ती से एक किमी दूर हों : दिग्विजय सिंह
इसी महीने 6 फरवरी को हरदा के बैरागढ़ स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सीएम मोहन यादव को लेटर लिखकर 4 सुझाव दिए हैं। 90 फीसदी पटाखों का उत्पादन तमिलनाडु के सिवाकाशी में होता है। मप्र सरकार के अफसरों की टीम सिवाकाशी भेजनी चाहिए। जो वहां पर विस्फोटकों का उपयोग करके पटाखों के निर्माण करने और सुरक्षा संबंधी पहलुओं का अध्ययन करे और मप्र के लिए एक दोषमुक्त नीति तैयार करे। पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियों के एक किमी के दायरे में कोई बस्ती नहीं होनी चाहिए। मौजूदा फैक्ट्रियों को बस्ती से कम से कम 1 किमी दूर तत्काल स्थानांतरित किया जाना चाहिए। इस घटना की न्यायिक जांच कराने और 6 माह में इसकी रिपोर्ट लेकर मिलने वाली अनुशंसाओं का पालन करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।

न्यायमूर्ति सुजय पाल तेलंगाना हाई कोर्ट स्थानांतरित
मप्र हाई कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायमूर्ति सुजय पॉल का तेलंगाना हाई कोर्ट स्थानांतरण किया गया है। यह अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट कालेजियम द्वारा की गई थी। न्यायमूर्ति पॉल ने सुप्रीम कोर्ट कालेजियम से व्यक्तिगत अनुरोध किया था, जिसके बाद अनुशंसा कर दी गई। उनका तर्क था कि उनके पुत्र मप्र हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं। लिहाजा, नैतिक आधार पर वह इस हाई कोर्ट से अन्य हाई कोर्ट जाने के आकांक्षी हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय कालेजियम ने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया है।

कमलनाथ का बड़ा बयान, कहा- पूरे प्रदेश में आदिवासी समाज असुरक्षित
बैतूल में 2 दिन पहले एक आदिवासी युवक की मारपीट का वीडियो सामने आया था, जिसके चलते पूर्व सीएम कमलनाथ ने यह बड़ा बयान दिया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि मध्य प्रदेश में आदिवासी समाज असुरक्षित है। कमलनाथ ने कहा कि पूरे प्रदेश में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं सुमित्रा महाजन के कमलनाथ को भाजपा में राम नाम लेकर ज्वॉइनिंग करने के न्यौते को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कमलनाथ ने टाल दिया। 

Related Articles