बिहाइंड द कर्टन/सिंघार के ट्वीट से फिर मची हलचल

  • प्रणव बजाज
सिंघार

सिंघार के ट्वीट से फिर मची हलचल
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार इन दिनों लंबे समय बाद ट्विटर पर सक्रिय हुए हैं। उनकी यह सक्रियता अब राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मचा रही है। वे एक के बाद एक ट्वीट कर रहे हैं। उनके द्वारा इसके पहले किए गए एक ट्वीट की चर्चा अभी समाप्त नहीं हुई थी कि अब उनके द्वारा अब दूसरे ट्वीट में लिखा गया है कि सनातन धर्म के पुराणों में जितने भी विनाशकारी राक्षसों का वर्णन है, वे सभी भगवान शिव को ही प्रसन्न करने में लगे रहते थे। उन्होंने कहा कि देश में जिस प्रकार से महंगाई बढ़ रही है, इसका राक्षस कौन है। मैं भाजपा से पूछना चाहता हूं। मैं उमंग सिंघार जानना चाहता हूं कि 70 साल में कांग्रेस ने इतने सारे संस्थान खड़े किए थे। बीएसएनएल है, एयरपोर्ट है, इनको बेचने के पीछे कौन सा राक्षस है, यह भाजपा बताए?

कांग्रेस विधायकों के साथ ही बैठना होगा सचिन को
कांग्रेस विधायक सचिन बिडला भले ही पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके हों, लेकिन अभी भी उन्हें अपने पुराने दल कांग्रेस के विधायकों के साथ ही सदन में बैठना होगा। इसकी वजह है उनके बारे में अभी तक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कोई फैसला नहीं लिया जाना। यही वजह है कि विधानसभा सचिवालय सदन में इनके लिए अलग से बैठने की कोई बैठक व्यवस्था नहीं कर रहा है। बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान एक चुनावी सभा में सीएम शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस इसके बाद से ही उनके खिलाफ दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई चाहती है। कांग्रेस विधायक दल की ओर से विस अध्यक्ष को पत्र लिख कर उनके खिलाफ कार्रवाई का आग्रह भी कर चुकी है। कांग्रेस का तर्क है कि नियमानुसार सचिन को दूसरे दल की सदस्यता लेने के पहले विधायक पद से इस्तीफा देना चाहिए था। भाजपा में शामिल होने के बाद भी बिरला ने विधानसभा सचिवालय को अपना इस्तीफा नहीं भेजा है।

धर्माचार्य चाहते हैं कि मोदी इस बार उज्जैन से लड़ें चुनाव
जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से काशी का स्वरुप बदला, तो अब प्राचीन नगरी उज्जैन भी उनका साथ पाने के लिए लालायित हो उठी है। इस शहर के धर्माचार्य चाहते हैं कि मोदी अब अगला चुनाव उज्जैन से लड़े तो इस नगरी का भी पुराना वैभव लौटे। दरअसल सरकारी उपेक्षा की वजह से इस शहर का वैसा  कायाकल्प अब तक नहीं हो सका, जैसा हो जाना चाहिए था। यही वजह है कि अब उज्जैन के कंठ से यह स्वर उठने लगा है कि नरेन्द्र मोदी अगला चुनाव उज्जैन से लड़ें। इसके लिए उज्जैन का संत समाज, महामंडलेश्वर, गुरुकुलों के आचार्य व प्रबुद्ध नागरिक प्रधानमंत्री को आमंत्रण पत्र भेजने की तैयारी में लग गए हैं। इसमें उनसे  आव्हान होगा कि महाकाल आपको बुला रहे हैं। उज्जैन पधारिए। आवाहन अखाड़ा के महामंडलेश्वर व अखंड हिंदू सेना के संरक्षक स्वामी अतुलेशानंद जी महाराज इसकी अगुवाई कर रहे हैं।

सेवानिवृत्ति के ठीक पहले पदोन्नति की तैयारी
प्रदेश में निचले स्तर के कर्मचारी जहां सालों तक पदोन्नत नहीं हो पाते हैं, वहीं अगर वे आला अफसर हैं या फिर अखिल भारतीय सेवा के अफसर हैं तो फिर पदोन्नति की फाइल को न केवल पंख लग जाते हैं, बल्कि पूरा विभाग व आला सरकारी मशीनरी भी उसके साथ खड़ी हो जाती है। अब इसी तरह का ताजा मामला है 1988 बैच के आईएफएस अधिकारी के. रमन का। वे अगले माह 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। विभाग ने उन्हें उपकृत करने के लिए उनकी पदोन्नति का प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेज दिया है। यह प्रस्ताव उन्हें पीसीसीएफ बनाने के लिए भेजा गया है। यह प्रस्ताव ऐसे समय भेजा गया है जब इसका विरोध खुद विभाग का अमला कर रहा है। खास बात यह है कि विभाग ने यह प्रस्ताव तब भेजा है, जब कैडर रिव्यू के दौरान कार्मिक विभाग ने पीसीसीएफ के 3 पद बढ़ाए जाने के औचित्य पर सवाल उठाए हैं।

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