- प्रणव बजाज

शाह के परिजनों को रसूख पड़ा भारी
मप्र सरकार में वन मंत्री विजय शाह के परिजन को रसूख भारी पड़ गया। यह परिजन हैं शाह के चचेरे भाई तेज बहादुर शाह। उन्होंने रसूख के चलते बीते एक साल में लीज पर मिली पत्थर की खदान के नाम पर तो खनन किया ही गया साथ ही रसूख के चलते उनके द्वारा अवैध रुप से 82500 घनमीटर खनिज पत्थर का भी खनन कर डाला गया। इस मामले ने तूल पकड़ा तो कलेक्टर ने उन पर 10 करोड़ 12 लाख 50 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया। दरअसल यह अवैध खनन चिचोली ब्लॉक के हर्रई का है। शाह ने यहां पर क्रेशर के लिए एक पत्थर खदान लीज पर ले रखी है। हरदा जिले के जिनवानियाँ निवासी तेज बहादुर शाह को खसरा क्रमांक 10, 77,78 की लीज मिली है। इसके बाद भी उनके द्वारा खसरा 72 से अवैध उत्खनन कर 82500 घनमीटर खनिज पत्थर निकाल लिया गया। यही वजह है कि अब उन पर मप्र गौण खनिज नियम के तहत उक्त खनिज की रॉयल्टी का तीस गुना यानी 10 करोड़ 12 लाख 50 हजार का जुमार्ना लगाया गया। यही नहीं उनके खिलाफ खान एवं खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए सक्षम मजिस्ट्रेट के सामने परिवाद प्रस्तुत करने के आदेश भी दे दिए गए हैं।
और नहीं चली जेपी एसोसिएट्स की मनमानी
प्रदेश की सत्ता में अपने रसूख की हनक रखने वाले जेपी एसोसिएट्स केन्द्र में मनमानी करने की इच्छा रखे हुए थे, लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार ने उनकी मनमानी पर ऐसा ब्रेक लगाया कि उन्हें अपनी दो कोल खदाने तक सरेडंर करने पर मजबूर होना पड़ गया। यह दो खदानें जेपी ग्रुप के पास छिंदवाड़ा जिले में थीं, जिन्हें सरेंडर करना पड़ा है। जेपी ग्रुप साउथ और हिमांचल पावर प्रोजेक्ट बेचने के बाद इन खदानों के कोयले को खुले बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमाना चाहते थे। उन्हें यह दोनों खदानें दोनों पावर प्लांट के उपयोग के लिए दी गई थीं। केन्द्र से यह दोनों ही खदानें वर्ष 2015 में नीलामी में ली गई थीं। इनमें से छिंदवाड़ा जिले की दोनों खदानों में उत्पादन शुरू नहीं हो पाया। जिन पॉवर प्लांटों के लिए खदानें लीज पर दी गई थीं , उन्हें जेपी ग्रुप ने 4 साल पहले बेंच दिया था। इसके बाद जेपी ग्रुप केन्द्र से कोल आवंटन शर्तों में इन खदानों का कोयला रीवा, सतना पावर प्रोजेक्ट के लिए या फिर खुले बाजार में बेचने की अनुमति अपने रसूख की दम पर चाह रहा था, लेकिन वहां रसूख काम नहीं आ पाया।
कर्ज वसूली के लिए देना पड़ रही दंड ब्याज में 100 फीसदी छूट
राज्य सहकारी आवास संघ इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में अब संघ के प्रबंधन को कर्ज वसूली की याद आना शुरू हो गई है। इसके चलते अब संघ द्वारा प्राथमिक गृह निर्माण संस्थाओं और उनके सदस्यों से सालों पुराने कर्ज वसूली के लिए एकमुश्त समझौता योजना लागू करनी पड़ रही है। इसके तहत दंड ब्याज में 100 फीसदी छूट दी जा रही है। सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया के मुताबिक आवास संघ द्वारा डेढ़ दशक पुराने कर्ज के मामलों में 421 करोड़ रुपए की वसूली की जानी है। इसके लिए ही इस योजना को लागू किया गया है। उनका कहना है कि कर्ज पर ब्याज , दंड-ब्याज लगने से कर्जधारकों पर बोझ बढ़ रहा है। साथ ही वसूली में वैधानिक जटिलताओं की स्थिति बनती है। उनका कहना है कि इस योजना में बकायादार को आवेदन देने के तिथि से 30 दिन की अवधि में कुल मांग की 25 प्रतिशत राशि जमा करनी होगी , जिसके बाद उन्हें छह माह में पूरी राशि जमा करना होगी।
कांग्रेस के निशाने पर बीजेपी के पूर्व मंत्री का बेटा
भाजपा के पूर्व मंत्री अंचल सोनकर और उनके बेटे विवेक राम सोनकर एक बार कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं। इसकी वजह से वे फिर सुर्खियों में बने हुए हैं। उन पर युवक कांग्रेस का आरोप है कि उनके द्वारा कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री की आवाज एडिट कर सोशल मीडिया में वायरल कर धार्मिक हिंसा भड़काने का प्रयास किया गया है। इस मामले में कार्रवाई को लेकर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा एसपी ऑफिस का घेराव कर उनकी गिरफ्तारी के लिए 48 घंटे की मोहलत दी गई है। दरअसल, 4 तारीख को कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना की अधिकार यात्रा में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह, पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया भी शामिल हुए थे। इसी यात्रा में घनघोरिया ने डेंगू वाली सरकार को लेकर नारे लगाए थे , इसी आवाज को विवेक राम सोनकर पर एडिट करने का आरोप युवा कांग्रेस का है। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।