- प्रणव बजाज

दिग्विजय सिंह का पार्टी में लगातार बढ़ रहा जलवा
विरोधी भले ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बारे में कुछ भी कहें , लेकिन पार्टी में उनका लगातार जलवा बढ़ता ही जा रहा है। वे प्रदेश के एकमात्र ऐसे नेता हंै जिनका नाम जब भी केन्द्रीय अलाकमान पार्टी की राष्ट्रीय समितियों की घोषणा करती है, तो उनमें से कभी एक तो कभी एक से अधिक समितियों में उनका नाम होता ही है। पार्टी में उनके विरोधी भी नहीं समझ पाते हैं की आखिर ऐसा क्या है की गोवा व मप्र की सरकार गंवाने में दिग्विजय की सिंह की भूमिका के बाद भी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी की उनको लेकर बनी पसंद कम नहीं हो रही है। पहले से एक समिति की कमान सम्हाल रहे सिंह को अब राजनीतिक मामलों की 8 सदस्यीय समिति में भी शामिल किया है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में भी पूर्व मुख्यमंत्री की अहम भूमिका होगी। भारत जोड़ो यात्रा के सेंट्रल प्लानिंग ग्रुप में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी भी शामिल हैं। उधर, डिंडोरी से कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम को आदिवासी कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त गया है। वह अजय शाह की जगह लेंगे। मरकाम के साथ तीन उपाध्यक्ष भी बनाए गए है। इसके अलावा तीन उपाध्यक्ष राधेश्याम मुवेल, भग्गू आदिवासी, प्रकाश सिंह ठाकुर को बनाया गया है।
शाह एक बार फिर आएंगे भोपाल
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एक बार फिर जल्द ही भोपाल का दौरा संभावित है। यह दौरा वैसे तो गैर राजनैतिक रहने वाला है, लेकिन सभी जानते हैं की उनकी धमक ऐसी है की सत्ता व संगठन में बैठे लोगों की सांसे उनके दौरा समाप्ती तक ऊपर नीचे होती रहती हंै। इसकी वजह है उनकी सत्ता व संगठन पर हमेशा पैनी नजर रहना। दरअसल शाह का यह दौरा भोपाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए के दफ्तर के भूमि पूजन को लेकर होने वाला है। इसके लिए प्रदेश सरकार तीन एकड़ जमीन मुहैया कराएगी। भूमि का चयन एनआईए के आईजी आशीष बत्रा करेंगे। जमीन फाइनल होने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दफ्तर का भूमिपूजन करने के लिए भोपाल आएंगे। दरअसल केंद्र सरकार ने भोपाल में एनआईए के नया दफ्तर खोलने का फैसला किया है। फिलहाल एनआईए को जहांगीराबाद के शब्बन चौराहा स्थित पीएचक्यू की लाल बिल्डिंग (जिसमें पहले सीआईडी का दफ्तर संचालित होता था) मुहैया कराई गई है। जब तक एनआईए का नया दफ्तर नहीं बन जाता है, तब तक पीएचक्यू की बिल्डिंग में एनआईए दफ्तर का संचालन होगा। एनआईए दफ्तर के साथ नेशनल फोरेंसिक साइंस के दफ्तर बनाने की शुरुआत भी होगी।
राजधानी में पुलिसकर्मियों की जारी रहेगी बल्ले-बल्ले
राजधानी के पुलिस महकमे में जो भी कर्मचारी एक बार भोपाल आता है, वह लौटकर जाता ही नहीं है। इसमें भी खास बात यह है की कई थाने तो ऐसे हैं जिसके कई आरक्षक से लेकर सहायक उपनिरीक्षक तक र्प्याय बन चुके हैं। इसकी वजह से उक्त पुलिसकर्मियों के लिए उनके थानों को टेरिटरी तक कहा जाने लगा है। अगर धोखे से किसी को दूसरे थाने में पदस्थ कर दिया जाता है तो वह फिर लौटकर वापस आ जाता है। दरअसल या तो भोपाल आकर वे राजनैतिक रसूख हासिल कर लेते हैं या फिर किसी तरह से आला अफसरों के चहेते बन जाते हैं। अब चुनावी तबादलों का दौर शुरू होने वाला है , तो ऐसे में एक बार फिर फेवीकोल का जोड़ बन चुके कई पुलिस कर्मियों पर थाना बदलने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में उन्हें दूर दराज के थानों में भेजने की जगह उनकी पंसद पूछी जा रही है। अब इन अफसरों को कौन बताए की कई पुलिसकर्मी ऐसे हैं जिन्होंने गिने चुने थानों में ही अब तक नौकरी की है , जिसकी वजह से वे थाने के र्प्याय बनकर जमकर मलाई चाट रहे हैं।
अब विंध्य पर भी श्रीमंत की नजर
वैसे तो राजनीति के क्षेत्र में श्रीमंत के परिवार की तूती लगातार बोलती रही है, लेकिन उनके परिवार ने कभी भी विंध्य अंचल से प्रत्यक्ष संबंध (यानी कि दौरा) नहीं रखा है। भाजपा में आने के बाद अब वे प्रदेश के अलग-अलग अंचलों में जाकर अपना प्रभाव बढ़ा रहे हैं। मालवा हो या कोई सूबे का अन्य अंचल सभी जगह श्रीमंत जाकर कार्यकर्ताओं के साथ ही अपने समर्थकों से मेल मुलाकात कर रहे हैं। इसी क्रम में अब वे तीन दिवसीय दौरे प र विंध्य भी जा रहे हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है की श्रीमंत के प्रयासों से इस अंचल के युवा वर्ग की भाजपा से नजदीकियां बढ़ेगी, जिसका लाभ अगले चुनाव में भाजपा को मिलेगा। श्रीमंत इस दौरे में कई विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण करेंगे, तो साथ ही पदाधिकारियों के साथ बैठक आगामी रणनीति पर मंथन भी करेंगे। उनका यह दौरा 3 जून को मैहर से शुरू होगा। मैहर से वे शहीद शंकर पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित करने उनके पैतृक गांव नयागांव पहुंचेंगे, जहां उनके द्वारा शहीद के परिजनों से भेंट की जाएगी।