- प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।

बोले पटवारी: मेट्रो का जोन बदलकर कर दिया बढ़ा खेल
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी का कहना है कि प्रदेश की शिव सरकार ने मेट्रो का जोन बदलकर बढ़ा खेल कर दिया है। इससे उसकी लागत में दो हजार करोड़ रुपए की वृद्वि हो गई है। उन्होंने विधानसभा में इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इंदौर में स्मार्ट सिटी को जोन 2 में रखा गया है जबकि मेट्रो को सेस्मिक जोन 4 में रखा गया है। इस जोन में सरिया और कंक्रीट की कीमत चार गुना तक बढ़ जाती है। उनका आरोप है कि यह इसलिए किया गया जिससे कि इसमें बढ़ा खेल किया जा सके। इसके जवाब में नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि इंदौर के पास दो एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट गुजर रहे हैं। भूगर्भीय सर्वे और ड्रिलिंग के बोरलॉग के आधार पर मेट्रो पिलर की बुनियाद तय की गई है। इसके प्रावधान व निविदा शर्तों में भी किया गया है।
स्कूली बच्चों को याद करना होगा करीना के बेटे का नाम
प्रदेश के स्कूलों पर नकेल कसने में स्कूल शिक्षा विभाग पूरी तरह से विफल है। हालात यह है कि अब तो वीरांगनाओं और महापुरुषों की जगह परीक्षा में फिल्मी हस्तियों के बच्चों तक के नाम पूछे जाने लगे हैं। यह हालात प्रदेश में भाजपा की सरकार मे है। इस तरह का कारनामा किया गया है खंडवा जिले के एक स्कूल में। वहां पर कक्षा 6वीं की परीक्षा में करीना कपूर व सैफ अली के बेटे का नाम सवाल में पूछ लिया गया है। इसके बाद से ही स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों में इसको लेकर गुस्सा बना हुआ है। अब इस मामले में लोगों द्वारा स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। उधर पालक शिक्षक संघ का भी कहना है कि पूछना ही था तो वीरांगनाओं के विषय में सवाल पूछते। उधर ,जिला शिक्षा अधिकारी का इस मामले में दावा है कि उनके कार्यालय से उक्त स्कूल को नोटिस जारी कर दिया गया है।
एक ही सूची में शामिल होंगे सभी वर्ग के परीक्षार्थी
प्रदेश में सामान्य वर्ग का होना अभिशाप बनता जा रहा है। इसकी वजह है सरकार के वे फैसले जिनसे सामान्य वर्ग के हित बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। हाल ही में प्रदेश की शिव सरकार ने ऐसा ही एक और फैसला कर लिया है जिसकी वजह से सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी में कम मौके मिल सकेगें। इसका खुलासा भाजपा के ही विधायक जालम सिंह पटेल ने किया है। उनका कहना है कि शिव सरकार ने फैसला किया है कि अब आरक्षित व अनारक्षित वर्ग की एक ही मेरिट सूची बनाई जाएगी। इससे आरक्षित वर्ग को फायदा होगा । इसकी वजह से मेरिट में आने वाले आरक्षित वर्ग के युवाओं को सामान्य सीट पर नौकरी मिल सकेगी, जिससे आरक्षित पद प्रभावित नहीं होंगे। बदलाव के बाद अब सबसे पहले अनारक्षित वर्ग का कटआउट तय होगा उसके बाद आरक्षित वर्ग का कटआउट तय किया जाएगा। खास बात यह है कि इस बदलाव के बाद नियमों का भी राजपत्र में प्रकाशन कर दिया गया है।
एड्स पीड़ित बच्चे पर बरसी महिला अफसर की ममता
एड्स पीड़ित एक अनाथ बच्चे को महिला अभिभावक मिलने से बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लौट आयी है। दरअसल उसके एक साल होने के बाद ही उसके मां-बाप की मौत हो गई थी। इसके बाद से उसकी देखभाल उसके गरीब दादा-दादी द्वारा किया जा रहा था। अब उसकी पढ़ाई से लेकर अन्य सुविधाओं का जिम्मा मप्र एड्स कंट्रोल सोसायटी की एडीशनल डायरेक्टर मोनल सिंह जाट ने सम्हाल रखा है। वे उसके भरण पोषण से लेकर उसकी पढ़ाई का पूरा जिम्मा उठा रही हैं। यही नहीं उस बच्चे की पंसद और नापसंद का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इससे प्रेरित होकर अब सोसायटी के दूसरे कर्मचारी भी इस तरह के बच्चों की मदद के लिए आगे आने लगे हैं। यही वजह है कि अब इस बच्चे को भोजन में दूध और मेवा भी मिल रहे हैं, तो चलाने के लिए साइकिल भी मिल चुकी है।