- प्रणव बजाज

अरुण यादव को देनी पड़ रही सफाई
छह माह तक लगातार मेहनत और भोपाल से लेकर दिल्ली तक की गई टिकट के लिए मशक्क्त के बाद अचानक व्यक्तिगत और पारिवारिक कारण बताकर कोई भी नेता यों ही ऐनवक्त पर चुनावी मैदान नहीं छोड़ देता हैं, वह भी जब जीत की पूरी उम्मीद बनी हुई हो। अगर वह नेता पार्टी का पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री रह चुका हो तो और भी संभव नहीं लगता है। जी हां बात हो रही है अरुण यादव की। उनके द्वारा अचानक चुनाव न लड़ने का ऐलान यह कहकर कर दिया कि वे व्यक्तिगत व पारिवारिक कारणों से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इसके पीछे की वास्तविकता क्या है यह तो वहीं जानते हैं, लेकिन वजह तो बड़ी है यह तो तय है। अब अरुण इस मामले में सफाई देते हुए घूम रहे हैं। सफाई में वे न केवल कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को सिरे से खारिज कर रहे हैं , बल्कि कह रहे हैं कि बीजेपी के किसी नेता में मुझसे बात करने की हिम्मत नहीं है। पार्टी जिसे भी चुनाव मैदान में उतारेगी, उसे जिताने के लिए काम करूंगा।
सिंधिया ने माना उपचुनाव को लिटमस टेस्ट
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का मानना है कि हर चुनाव लिटमस टेस्ट ही होता है, तो चारों सीटों पर हो रहे उपचुनाव भी उनकी पार्टी और सरकार के लिए लिटमस टेस्ट ही है। उनका दावा है कि भाजपा चारों सीटों को जीतने जा रही है। हम उपचुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। पार्टी पूरी तेजी से काम कर रही है। जनता का विश्वास बीजेपी के साथ है। यह दावा उनके द्वारा अचानक प्रदेश के दौरे पर आते ही किया गया है। वे यहां पर एक धार्मिक आयोजन में भाग लेने के लिए आए हैं। उनका कहना है कि हम लोग बहुत तेजी से इस पर काम कर रहे हैं। जनता का विश्वास मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ है। सिंधिया ने कहा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री द्वारा जनता के लिए कल्याणकारी योजनाएं दी जा रही है, उसके आधार पर जनता का विश्वास भाजपा के साथ जरूर रहेगा।
राजपूत ने दिया बस संचालकों को एक अरब को तोहफा
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रदेश के बस संचालकों को तीन माह का परिवहन कर माफी का बड़ा तोहफा देने की पूरी तैयारी कर ली है। खास बात यह है कि इसके लिए उनके द्वारा मंत्रि परिषद की भी मंजूरी ले ली गई है। इसकी वजह से प्रदेश के बस ऑपरेटरों को बड़ी राहत मिली है। दरअसल कोरोनाकाल के समय तीन माह का टैक्स माफ करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। दरअसल, मध्यप्रदेश के समस्त बस ऑपरेटर परिवहन मंत्री एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से मिलकर कोरोनाकाल के तीन माह अप्रैल, मई और जून का यात्री बसों का टैक्स माफ करने की मांग लंबे समय से कर रहे थे। परिवहन मंत्री राजपूत ने बस ऑपरेटरों को आश्वासन दिया था कि मुख्यमंत्री से चर्चा करने के बाद इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। यह बात अलग है कि इसकी वजह से सरकार को 110 करोड़ का नुकसान होगा।
आदिवासियों के बहाने दिग्विजय के निशाने पर भाजपा
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि कांग्रेस हमेशा से आदिवासी भाइयों और जनजाति के हितों के लिए काम करती रही है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की शिव सरकार बीते 16 साल से इस बात की गवाह है कि किस तरह आदिवासियों को धोखा दिया गया है। भोजन के अधिकार में कांग्रेस की सरकार ने जो मातृत्व लाभ की योजना बनाई थी भाजपा सरकार उसे भी पूरी तरह से लागू नहीं कर सकी। यही वजह है कि आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण 16 साल बाद भी नहीं मिट सका । दिग्विजय ने आदिवासी विभाग से अपेक्षा की कि वह जन यात्रा निकाले जो बुंदेलखंड, महाकौशल और विंध्य क्षेत्र से गुजरे। इस यात्रा में आदिवासी भाइयों की समस्याओं,आदिवासी फंड के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की ग्राऊंड रिपोर्ट जरूर लें। यही नहीं उनका कहना है कि भाजपा चार दशक में न तो नेतृत्व विकसित कर पाई न नीति,आज भी बिकाऊ के भरोसे चुनाव लड़ती है और कांग्रेस को योजनाओं पर नाम बदलकर नीति की बात करती है। यही उनका चरित्र है।