बिहाइंड द कर्टन/भाजपा का कोई बागी नहीं होगा मैदान में

  • प्रणव बजाज
 भूपेंद्र सिंह

भाजपा का कोई बागी नहीं होगा मैदान में
नामाकंन के अंतिम दिन भले ही भाजपा के कुछ नेताओं ने निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने के लिए नामंकन जमा करा दिया हो, लेकिन शिव सरकार में नगरीय विकास तथा आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह का भरोसा है कि नाम वापसी होने के बाद कोई भी भाजपाई बागी होकर चुनाव नहीं लड़ेगा। उन्हें भरोसा है कि अगर किसी भाजपाई ने निर्दलीय फॉर्म भर दिया है तो वह भी उससे वापस करा लिया जाएगा। इसी तरह से कन्यापूजन पर कांग्रेस के आरोपों का जबाव देते हुए उनका कहना है कि कन्या को हम देवी स्वरूप मानते हैं। नवरात्र में अगर हम कन्या पूजन कर रहे हैं तो कांग्रेस को आपत्ति क्यों है, वे भी पूजा करें लेकिन वे जानते हैं कि वे ऐसा करेंगे तो एक वर्ग नाराज हो जाएगा। इस दौरान उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के चुनावी सभाओं के सवाल पर कहा कि कमलनाथ जी एक दिन में एक या दो जगह ही जा पाते हैं, वो भी बिना हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर के नहीं जा पाते हैं।

अरुण यादव को मुकेश नायक ने बताया राम जैसा त्यागी
खंडवा में कांग्रेस द्वारा बतौर चुनाव प्रभारी बनाए गए पूर्व मंत्री मुकेश नायक इन दिनों लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार करने वाले अरुण यादव की तुलना भगवान श्रीराम से कर रहे हैं। नायक का कहना है कि प्रभुराम की तरह यादव ने भी त्याग किया। उनका कहना है कि वन में पैदल चलते हुए भगवान राम के पैरों में कांटे चुभे, उसी तरह खंडवा में कांग्रेस का मैदानी संगठन खड़ा करने में यादव एक साल तक पैदल चले। इस दौरान उनके पैरों में छाले तक पड़ गए। जब चुनाव लड़ने का मौका आया तो उन्होंने किसी और को मौका दे दिया। खास बात यह है कि यह तुलना नायक द्वारा मंच पर अरुण यादव की मौजूदगी में की गई। नायक ने उन्हें भगवान राम की तरह त्यागी और परिश्रमी तक बता दिया। यह बात अलग है कि माना जा रहा है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव भले ही पारिवारिक कारणों का हवाला देकर चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं लेकिन सूत्रों का कहना है कि वे पार्टी की अंदरुनी खींचतान का शिकार हो गए हैं। वे इन दिनों पार्टी उम्मीदवार राजनारायण सिंह पुरनी के लिए चुनावी प्रचार में लगे हुए हैं।

यादव को मिली कांग्रेस की स्टार प्रचारक की सूची में जगह    
प्रदेश के चार जगहों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में कई नाम चौकाने वाले हैं। इस सूची में जिन नेताओं को जगह दी गई है उसमें बतौर स्टार प्रचारक खंडवा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने से ऐनवक्त पर इन्कार करने वाले पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को भी जगह दी गई है। इस सूची में उन नेताओं को खासतौर जगह दी गई है, जो चुनावी और क्षेत्रीय समीकरणों में पूरी तरह से फिट बैठते हैं। यह सूची पार्टी की ओर से नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के पहले ही चुनाव आयोग को दे दी गई। इस सूची में तय संख्या के हिसाब से बीस नेताओं को जगह दी गई है। यादव के अलावा इस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, दिग्विजय सिंह के साथ प्रदेश के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और सुरेश पचौरी को भी जगह दी गई है। इस सूची में बड़े नेताओं के अलावा  विधायक आरिफ मसूद, सिद्धार्थ कुशवाहा, विक्रांत भूरिया और अर्चना जायसवाल का भी नाम है।

सिंहदेव ने दिया छग में बड़े बदलाव का संकेत
पंजाब का मामला अभी पूरी तरह से सुलझ भी नहीं पाया है कि कांग्रेस शासित दो अन्य राज्य छग और राजस्थान भी उसी राह पर चलते नजर आ रहे हैं। हालत यह है कि छग में बीते एक माह से ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद को लेकर ऊहाफोह की स्थिति बनी हुई है। इसी बीच भोपाल आए छग के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ढाई-ढाई साल के फार्मूला पर कहा कि यह मामला आलाकमान के संज्ञान में है। उन्हें ही फैसला करना है। इस बीच उनके द्वारा यह कहकर बदलाव के बडे संकेत दे दिए गए हैं कि बंद कमरे में जो बात होती है, उसे सार्वजनिक नहीं करना चाहिए। हर दल में परिवर्तन की परिस्थिति बनी रहती है। हाईकमान के स्पष्ट निर्णय लेने के लिए थोड़ा इंतजार करना चाहिए। उनका कहना है कि किसी भी तरह का बदलाव छोटा काम नहीं है। इस दौरान छग में मंत्रियों पर कांग्रेस विधायकों के सवाल उठाने पर उनका कहना है कि इस पर जवाब हमारे प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया देंगे।

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