- प्रणव बजाज
सुरक्षा में गंभीर लापरवाही, सीएम से शिकायत
नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह की सुरक्षा में गंभीर लापरवाही सामने आयी है। इस मामले में अब उनके द्वारा मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है। इसमें कहा गया है की उनके कारकेट में न केवल कंडम वाहनों को तैनात किया गया , बल्कि बगैर शस्त्र के ही सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिया गया। सिंह ने पत्र में विधायक माखनलाल जाटव की हत्या और अपने भाई अनिरुद्ध सिंह पर हुए हमले का जिक्र करते हुए खुद की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। सिंह ने पत्र में लिखा कि भिंड दौरे के दौरान जिला और पुलिस प्रशासन ने कंडम वाहन और बिना शस्त्र के सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी भेजे थे। पिछले कई सालों से राजनीति में सक्रिय होने के कारण जिले में राजनैतिक विद्वेष की भावना भी पनपती रही है। इसके चलते मेरे परिजनों पर दो बार हमले भी हो चुके हैं। दस मई को मैं गोहद क्षेत्र के ग्राम कचनपुर में भागवत कथा में था, वहां पर पूर्व विधायक माखनलाल जाटव के हत्यारे भी मौजूद थे, जो मुझसे व्यक्तिगत रंजिश रखते हैं। भिंड में जो वाहन उपलब्ध कराया था, वह कंडम था। ऐसा लगता है कि भिंड प्रशासन मेरी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
रेप आरोपी डीजीएम को बचाने में जुटा पूरा सरकारी अमला
कहते हैं की रसूख के हिसाब से ही कानून और सरकारी अमला काम करता है। इसका उदाहरण हैं रेप के फरार आरोपी बिजली विभाग के डीजीएम लक्ष्मीनारायण पाटीदार। वे भोपाल में ही खुलेआम रह रहे हैं, लेकिन मजाल है की पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की हिकामत कर रही हो। बात यहीं समाप्त नही होती है, बल्कि रेप का मामला दर्ज होने के बाद वे खुद थाने गए और रेप पीड़िता के खिलाफ भी एक मामला दर्ज करवा आए। हद तो यह हो गई इस मामले के सामने आने के बाद विभाग ने उन्हें बतौर सजा मलाईदार जगह पर पदस्थापना दे दी। अब हो हल्ला मचा तो उन्हें सस्पेंड तो किया गया , लेकिन ट्रांसफर आॅर्डर का पालन नहीं करने के आरोप में, जबकि उनका तबादला हुए अभी महज चार दिन ही हुए है, जबकि ज्वाइन करने के लिए दस दिन का समय मिलता है। उधर उनकी गिरफ्तारी न करने के पीछे पुलिस मामले की जांच का बहाना बना रही है। खास बात यह है की अगर आम आदमी के खिलाफ यह मामला होता तो पुलिस उसे तत्काल ही धर लेती।
औरंगजेब के नाम पर मूत्रालय
ज्ञानवापी को लेकर चल रहे विवाद के बीच लोगों ने देश के आक्रांताओं का विरोध करने का नया तरीका तलाश लिया है। सोशल मीडिया पर ऐसे कई फोटो बीते कई दिनों से वायरल हो रहे हैं जिनमें औरंगजेब और बाबर के नाम के पोस्टर मूत्रालयों और शौचालयों पर लगाए गए हैं। ऐसा ही एक मामला इंदौर में भी सामने आया है। शहर में कई सार्वजनिक शौचालयों पर औरंगजेब मूत्रालय के पोस्टर लगा दिए गए। अफसरों को जब यह पता चला तो तत्काल यह पोस्टर हटवाए गए। दरअसल वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद और मंदिर का मामला कोर्ट में है , जिस पर पूरे देश में इस पर चर्चा हो रही है। दरअसल दो दिन पहले कुछ लोगों ने सार्वजिनक सुलभ कॉम्प्लेक्स के बाहर औरंगजेब मूत्रालय के पोस्टर चिपका दिए। बताया गया कि करीब 40 से 50 जगहों पर इस तरह के पोस्टर लगाए हैं, लेकिन यह पता नहीं है की यह पोस्टर किसने चिपकाए। हालांकि यह मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा है न ही किसी ने इसे लेकर शिकायत की है। पुलिस का कहना है कि यदि कोई शिकायत करता है तो कार्रवाई करेंगे।
मूंग खरीदी पर दिग्विजय व कमल पटेल आमने -सामने
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा मूंग फसल की खरीदी को लेकर किये गए एक ट्वीट पर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल भी अब हमलावर हो गए हैं। उन्होंने सिंह पर किसानों के बीच भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मिस्टर बंटाधार झूठी अफवाह न फैलायं। पटेल ने उनके ट्वीट पर तंज कसते हुए कहा कि जो आदमी सोया है, उसे जगाया जा सकता है और जो सोने का बहाना कर रहा है, उसे नहीं जगाया जा सकता है। इसी कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह यानी मिस्टर बंटाधार। प्रदेश में अधोसंरचना का बंटाधार कर सत्ता से बाहर हो गए और अब वे किसानों में फिर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल सिंह ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मप्र की नर्मदा घाटी में बहुत बड़े क्षेत्र में मूँग की फसल बोई गई है। मूँग की एमएसपी 7275 प्रति कुंटल है और अभी बाजार में मूँग लगभग 5500 रुपये में बिक रही है। जहॉं तक मेरी जानकारी है राज्य शासन ने अभी तक केंद्र को शासकीय खऱीद का कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। फसल आना शुरू हो गई है और अगले 15 दिनों में पूरी फसल आ जाएगी। कृपया तत्काल शासकीय खऱीद की व्यवस्था करें।