बिहाइंड द कर्टन/बोले भूपेन्द्र सिंह : सीएम का ओबीसी वर्ग करेगा अभिनंदन

  • प्रणव बजाज
भूपेन्द्र सिंह

बोले भूपेन्द्र सिंह : सीएम का ओबीसी वर्ग करेगा अभिनंदन
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नीट और पीजी परीक्षा में पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। इसे नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सरकार के प्रयासों की जीत बताया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग को पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में 27 प्रतिशत आरक्षण मिलने का रास्ता खुल गया है। उनका कहना है कि इस जीत पर अब पिछड़ा वर्ग समाज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अभिनंदन करेगा। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को सामाजिक न्याय माना है। सिंह का दावा है कि मध्य प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण पर न सिर्फ याचिका दायर की बल्कि अपनी तरफ से वरिष्ठ वकीलों के माध्यम से सार्थक तर्क भी रखे। सिंह का कहना है कि यदि सीएम प्रदेश में पंचायत चुनाव वाला अध्यादेश वापस नहीं लेते तो प्रदेश में भी पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के बिना ही चुनाव हो जाते।

मंत्री के सामने जब गाड़ी से उतरना नहीं समझा मुनासिब
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग बीते रोज शहर के एसीपी सचिन अतुलकर पर उस समय भड़क गए, जब सारंग आरओबी का निरीक्षण करने गए थे। खास बात यह है कि अतुलकर मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने मंत्री के साथ जाना मुनासिब नहीं समझा। इसके बाद मंत्री जी को उन्हें समझाइश देनी पड़ी। भोपाल एसीपी सचिन अतुलकर को देखकर मंत्री विश्वास सारंग ने गुस्से में कहा कि आप कहां पर खड़े थे भाई। मैं यहां पर खड़ा हूं और आप लोग गाड़ी से नहीं उतर रहे हैं। इस दौरान एसीपी सचिन अतुलकर चुप्पी साधे खड़े रहे। सचिन अतुलकर को हाल ही में भोपाल एसीपी की जिम्मेदारी मिली है। मंत्री को सचिन अतुलकर हाथ से इशारा करते हुए बताते भी हैं कि मैं वहां खड़ा था। दरअसल, विश्वास सारंग हाल ही में कोविड संक्रमण से ठीक हुए हैं और वे बीते रोज सुभाष नगर में नवनिर्मित आरओबी का निरीक्षण करने पहुंचे थे। फिलहाल मंत्री जी को अहसास हो गया होगा की शहर में सुशासन व प्रोटोकाल के हाल कैसे हैं।

तन्खा ने दी शिव को सलाह, सभी एक दिन पूर्व हो जाते हैं
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता , राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मिलने का समय नहीं दिए जाने के मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पुराने दिन ट्वीट के माध्यम से याद दिलाए। विवेक तन्खा ने ट्वीट करते हुए कहा कि वक्त सभी का बदलता है, सब की जिंदगी में एक दिन भूतपूर्व होना लिखा है। शायद शिवराज सिंह चौहान को याद नहीं होगा कि जब उनका एक्सीडेंट हुआ तो उस वक्त के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उनकी मदद की थी हवाई जहाज से लेकर अन्य व्यवस्थाएं दिग्विजय सिंह ने की थी। शर्म की बात है कि मदद करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री को मिलने का समय नहीं दिया जा रहा है। कांग्रेस नेता के ट्वीट के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति गरमा गई है।

जब मंत्री जी को सताया हार का डर
 प्रदेश में एक ही जगह जमें अफसरों द्वारा जमकर निर्माण कामों में गड़बड़झाला किया जा रहा है। जनता परेशान है, लेकिन उसके कोई पुरसानेहाल नहीं हैं। हालात अब तो यह हो गई है कि ऐसे ही अफसरों की वजह से अब तो माननीयों को भी हार का डर सताने लगा है। इसकी बानगी दिखी बीते रोज अशोक नगर जिले में, जब सूबे के मंत्री को खुद की हार का डर सताने लगा। उनके द्वारा सार्वजनिक रूप से यह कहा गया कि अगर ऐसे अफसरों को नहीं हटाया गया तो जनता उन्हें भी हटा देगी। दरअसल  मंत्री जी जब नवनिर्मित भवनों का निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां उन्हें कई के टपकने तो कई के मलवा गिरने की हालत का सामना करना पड़ा। इसके बाद  पीएचई राज्यमंत्री बृजेंद्रसिंह यादव ने पीआईयू के ईई पर भड़कते हुए पूछा की यहां कब से हो। ईई ने कहा, चार साल से तो मंत्री बोले- इनकी विदाई करो भैया नहीं तो इनके कार्यकाल में जनता अपन को गिरा देगी। इसके बाद उनके द्वारा कलेक्टर से नए भवनों की जांच के लिए टीम गठित करने के निर्देश दे दिए गए।  

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