बिहाइंड द कर्टन/अब नियमों को तोड़ा तो होगी कार्रवाई

  • प्रणव बजाज
गोविंद सिंह राजपूत

अब नियमों को तोड़ा तो होगी कार्रवाई
प रिवहन विभाग अब नियम कानून तोड़ने वाले व्यवसायकि वाहनों के विरुद्व कार्रवाई करने की तैयारी में लगा है। यह कदम विभाग के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के निर्देश पर उठाए जा रहे हैं। यह कार्रवाई कब से शुरू होगी यह तो कोई नहीं जानता है , लेकिन इसे लेकर कई दिनों से बातों के बताशे जमकर फोड़े जा रहे हैं। हालत यह है कि किसी भी प्रमुख मार्ग पर खड़े हो जाएं तो ट्रकों में क्षमता से अधिक माल लदा होना बगैर चैकिंग के ही दिख जाता र्है। इनके खिलाफ न तो पुलिस कार्रवाई करती है और परिवहन विभाग के अमले की बात तो अलग है ही।  राजधानी में ही यात्री वाहनों को लेकर मनमानी जारी रहना आम बात है। जिस चालक को देखो वह कहीं भी वाहन खड़ाकर सवारी उतरना और बिठाना शुरू कर देते हैं। यही नहीं विरुद्ध व्यवसायिक माल का परिवहन करने एवं मनमाना किराया वसूली करने में भी पीछे नहीं रहते हैं। इस तरह की शिकायतें मिलने पर अब परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अफसरों को ऐसे बस संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की निर्देश दिए हैं। यही नहीं हकीकत पता करने के लिए मंत्री राजपूत भी किसी भी जिले में जाकर औचक निरीक्षण भी करेंगे।

आधी रात को कर दिया बिजली अफसर को निलंबित
शिव सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की अपनी कार्यशैली है। वे एसी कमरे में बैठना कम, बल्कि मैदानी स्तर पर सक्रिय रहना अधिक पंसद करते हैं। वर्तमान में वे सर्वाधिक सक्रिय मंत्रियों में शुमार हैं। दिन हो या रात जब भी समय मिलता है वे विभाग की हकीकत जानने निकल पड़ते हैं। बीते दिन भी वे आधी रात को रायसेन के विद्युत उपकेंद्र में अचानक आकस्मिक निरीक्षण के लिए पहुंच गए। फिर क्या था, लापरवाही मिली तो रात में ही उनके द्वारा सहायक यंत्री को निलंबित करने और जूनियर इंजीनियर की वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश जारी कर दिए गए। इसके साथ ही उनके द्वारा मौके पर ही मुखर्जी नगर में जर्जर ट्रांसफार्मर का मेंटेनेंस करने और कंट्रोल रूम को ठीक करने के निर्देश दे दिए गए। उनके द्वारा इस दौरान यार्ड में लाइट नहीं होने पर गहरी नाराजगी भी जताई गई।

चार माह बाद भी सरकार की घोषणा पर नहीं मिली सहायता
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अब प्रदेश सरकार पर कोरोना महामारी की वजह से असमय ही मृत्यु का शिकार बने नागरिकों के परिजनों को अनुग्रह सहायता राशि सरकार की घोषणा के बाद न मिलने पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि यह घोषणा चार माह पहले मई माह में की गई थी। इसके बाद अब तक किसी भी पीड़ित परिवार को एक रुपए की भी मदद नहीं मिली है। उन्होंने इस मामले में शिव सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के प्रबंधन में शिवराज सरकार शुरू से ही असफल रही और निरन्तर लापरवाही बरतती रही। महामारी की प्रथम एवं द्वितीय लहर के दौरान प्रदेशवासियों ने देखा है कि कोरोना की जांच और इलाज के समुचित प्रबंधन तक न हीं किया गया। प्रदेशवासी इलाज के लिये अस्पताल दर अस्पताल भटकते रहे। यही नहीं इस दौरान उन्हें निजी अस्पतालों में लूट खसौट का भी शिकार होना पड़ा।

मप्र पर फिर बढ़ेगा 2,590 करोड़ के अतिरिक्त कर्ज का भार
पहले से ही करीब ढाई लाख करोड़ के कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश सरकार ने करीब ढाई हजार करोड़ के कर्ज को अतिरिक्त रुप से हासलि करने के प्रयासों में सफलता हासिल कर ली है। इसकी वजह से प्रदेश पर इतनी राशि का और कर्ज बढ़ना तय हो गया है। इसकी वजह है इस नए कर्ज के लिए अतिरिक्त रुप से केन्द्र सरकार ने अनुमति प्रदान कर दी है। दावे के मुताबिक इसका उपयोग अधोसंरचना विकास की परियोजनाओं को गति देने में किया जाएगा।  यह बात अलग है कर्ज की राशि का एक बढ़ा हिस्सा मदद के नाम पर उन पर लुटा दिया जाता है जो कहने को गरीब हैं और रहते अमीरों जैसा हैं। दरअसल केन्द्र सरकार ने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पूंजीगत व्यय का लक्ष्य हासिल करने वाले राज्यों को 15 हजार 721 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि जुटाने की अनुमति दी है। यह मध्य प्रदेश सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.25 प्रतिशत के बराबर होगी।

Related Articles