प्रणव बजाज

अपने खर्च से अनाथ बच्चों के लिए घर बनवाएंगे मंत्री भदौरिया
भिंड जिले के अमाह गांव के पांच बच्चे माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हो गए। अब इन बच्चों के पालन-पोषण और मदद के लिए प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद सिंह भदौरिया आगे आए हैं। मंत्री भदौरिया ने कहा है कि वे खुद अपने खर्च से इन बच्चों के लिए घर बनवाएंगे। साथ ही बच्चों के पालन-पोषण के लिए भी व्यवस्था करवाएंगे। बता दें कि यह बच्चे अनाथ होने के बाद भीख मांगकर अपना गुजारा कर रहे थे। अनाथ हुए इन पांच बच्चों में सबसे बड़ी 7 वर्ष की बेटी है, सबसे छोटा 10 माह का बच्चा है। 7 वर्ष की बेटी अपने भाई-बहनों का ख्याल रख रही थी। बच्चों के 70 वर्षीय बाबा मंदिर पर रह रहे थे ऐसे में बच्चे किसी तरह से गांव में भीख मांगकर अपना पेट भर रहे थे। मंत्री डॉक्टर भदौरिया ने बताया कि यह बच्चे कोविड कल्याण योजना में नहीं आ रहे थे। बच्चों के माता-पिता की मौत वर्ष 2020 में हुई है, जबकि कोविड कल्याण योजना बाद में आई है। नियमों के कारण पीएम आवास योजना का लाभ भी इन बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। इसलिए उन्होंने खुद अपने खर्च से बच्चों के लिए घर बनवाने का निर्णय लिया है।
राष्ट्रद्रोही ताकतों के खिलाफ गरजे पूर्व मंत्री पवैया
पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता जयभान सिंह पवैया एक बार फिर राष्ट्रद्रोही ताकतों के खिलाफ गरजे हैं। उन्होंने कहा है कि जिन लोगों को भारत माता की जय, वंदे मातरम बोलने में कोई परेशानी है तो ऐसे लोगों की नागरिकता खत्म की जाना चाहिए। कानून में कोई ऐसी धारा जोड़ी जानी चाहिए जिससे राष्ट्रद्रोही नारेबाजी करने वालों की नागरिकता खत्म हो जाए। यही नहीं उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से उनका संपत्ति का अधिकार भी छीन लिया जाना चाहिए। दरअसल पवैया ने यह बयान उज्जैन की उस घटना के संबंध में दिया है जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है। वीडियो में कुछ लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के विवादित नारे लगाते नजर आ रहे हैं।
कैसे बन गए जीवितों के मृत्यु प्रमाणपत्र होगी जांच
छिंदवाड़ा जिले के सिर्फ एक ही गांव बोनाखेड़ी में 30 जीवित व्यक्तियों के फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए दिए गए। यही नहीं उनके नाम पैसा भी निकाल लिया गया। मामला संज्ञान में आने पर प्रदेश के कृषि विकास मंत्री एवं छिंदवाड़ा जिले के प्रभारी कमल पटेल ने छिंदवाड़ा जिले के कलेक्टर को पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में जीवित व्यक्तियों के फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र बनना और उनके नाम पर राशि का आहरण करना न केवल चिंताजनक है बल्कि आपत्तिजनक और नियम विरुद्ध भी है। उन्होंने कलेक्टर को कहा कि प्रकरण की जांच कर दंडात्मक कार्यवाही के साथ मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए। मंत्री पटेल ने कहा कि जांच की इस कार्यवाही को अकेले बोनाखेड़ी गांव तक सीमित नहीं रखें बल्कि पूरे जिले की जांच कराई जाए। जिससे यह पता चल जाएगा कि इस तरह की गड़बड़ी कहीं और तो नहीं है।
नाथ ने नीमच में हुई अमानवीय घटना पर उठाया सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीते रोज नीमच में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि मप्र में यह क्या हो रहा है? नीमच जिले के सिंगोली में कन्हैयालाल भील नाम के एक आदिवासी व्यक्ति के साथ बर्बरता की बेहद अमानवीय घटना सामने आई है। मृतक को चोरी की शंका पर बुरी तरह से पीटने के बाद उसे एक वाहन से बांधकर निर्दयता से घसीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई। नाथ बोले पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। लोग बेखौफ होकर कानून हाथ में ले रहे हैं। कानून का कोई डर नहीं रह गया। सरकार नाम की चीज कहीं भी नजर नहीं आ रही है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने को लेकर तत्काल आवश्यक कदम उठाएं। दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो, प्रदेश में कानून का राज स्थापित हो।