बिहाइंड द कर्टन/एक संतान के साथ एक अनाथ को गोद लेने की कार्तिकेय ने दी सलाह

  • प्रणव बजाज
कार्तिकेय

एक संतान के साथ एक अनाथ को गोद लेने की कार्तिकेय ने दी सलाह
सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के जेष्ठ पुत्र कार्तिकेय सार्वजनिक जीवन में आने के बाद अब पिता की राह पर चलते दिखने लगे हैं। यही वजह है कि वे इन दिनों विदिशा में उन तीन लड़कियों के भाई के रुप में सक्रिय बने हुए हैं जिनकी अब शादी हो रही हैं। यह शादियां खुद उनके पिता और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करवा रहे हैं। इस दौरान उनके द्वारा युवाओं को सलाह दी गई है कि वे अपनी एक संतान के अलावा एक अनाथ को गोद जरुर लें। इससे न केवल हर युवा की दो संतान हो जाएंगी , बल्कि एक अनाथ को बेहतर जीवन भी मिल सकेगा। उनका कहना है कि अगर किसी को कोई बड़ा काम और नाम करना है, तो इससे अच्छा और कोई रास्ता हो ही नहीं सकता है। उन्होंने इसके लिए अपने पिता का भी उदाहरण दिया कि वे जब विधायक बने तो उनके द्वारा अनाथ बेटियों को गोद लेकर बेहतर सुविधाएं देकर उनका जीवन संवारने का काम किया गया।

नरोत्तम ने कहा नहीं होगा मतांतरण बर्दाश्त
देश और खासतौर पर पड़ौसी राज्य छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ रही मतातंरण की घटनाओं के बीच प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि इसका असर मप्र पर नहीं पड़ेगा क्योंकि मप्र में पहले ही इसके खिलाफ कानून बना लिया गया है। उनका साफ कहना है कि प्रदेश में इस तरह के काम को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता कानून पहले ही लाया जा चुका है। जिसमें दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के लिए प्रावधान किए गए हैं। उनका कहना है कि लव जेहादियों के खिलाफ तो कार्रवाई की ही जाएगी साथ ही उनका सहयोग करने वाली संस्थाओं और स्वजनों को भी इसके दायरे में लाया गया है। इन सबके खिलाफ कानून में कड़े प्रावधान किए गए हैं।

सूर्या को पसंद नहीं आई मप्र की चौकड़ी  
मप्र की भाजपा चाहती है कि विलायत में पड़ी भक्ति शर्मा को संगठन में अहम जिम्मेदारी देकर उन्हें राजनीति क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाए। इसी मंशा से उनका नाम युवा मोर्चा की राष्ट्रीय टीम के लिए भिजवाया गया था, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को उनका नाम और काम दोनों ही पसंद नही आया और उनका नाम जारी की गई सूची से बाहर ही रह गया। दरअसल उनके बारे में जब जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि उनकी पार्टी की प्रति उपलब्धि महज यह है कि वे पूर्व संरपच रही हैं और अपनी खुद की ब्रांडिग उन्हें पसंद हैं। यही नहीं वे पार्टी के एक प्रभावशाली नेता की करीबी हैं। दरअसल पार्टी में युवा मोर्चा की टीम गठित करने से पहले राज्यों से चार-चार नामों का पैनल मंगाया जाता है। इसके बाद तमाम समीकरणों को ध्यान में रखकर सूची तैयार की जाती है। वैसे इस बार प्रदेश से जिन चार नामों को भेजा गया था , उनमें भक्ति शर्मा के अलावा अभिलाष पांडे और अंशुल तिवारी का भी नाम शामिल है। यह बात अलग है कि अलग-अलग कारणों से इन सभी चारों नेताओं की चौकड़ी सूर्या की सूची में जगह नहीं बना सकी। उल्लेखनीय है कि पूर्व में एक बार इसी तरह से एक तत्कालीन सरंपच को एक प्रभावशाली नेता की वजह से महिला मोर्चा में प्रदेश की कमान सौंपी जा चुकी है। कार्यकाल समाप्त होने के बाद से अब वे सक्रिय नजर नहीं आती हैं।

विंध्य प्रदेश पुनर्निर्माण में त्रिपाठी को अटल जी का सहारा
कई दलों के रास्ते होकर भाजपा में आकर मैहर से लगातार विधायक बनने वाले नारायण त्रिपाठी इन दिनों भाजपा और उसकी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। त्रिपाठी पूर्व में भी भाजपा के विधायक रहते नाथ सरकार के भी करीबी रह चुके हैं। इसकी वजह से संगठन और सरकार दोनों ही उनसे नाराज है। इस नाराजगी को भांपते हुए त्रिपाठी ने अपनी राजनैतिक पकड़ मजबूत करने के लिए इन दिनों पृथ्क विंध्य राज्य का झंडा उठा रखा है। इसके लिए वे लगातार पूरे विध्यं अंचल का दौरा कर समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं। अपनी इस मांग को लेकर वे अब भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का सहारा ले रहे हैं। दरअसल सरकार उनकी पृथ्क विध्यं की मांग मानने को तैयार नही है। इसी वजह से अब त्रिपाठी द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मीडिया के माध्यम से याद दिलाया है कि अटल जी हमेशा से छोटे राज्यों के पक्षधर रहे हैं और भाजपा ही छोटे राज्यों का निर्माण कर सकती है। इसके साथ ही उनके द्वारा कहा गया है कि वे विंध्य की 38 सीटों पर इसके लिए कमेटी भी बनाने जा रहे हैं।

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