बिहाइंड द कर्टन/आखिर आ ही गए जांच के दायरे में

  • प्रणव बजाज
ईओडब्ल्यू

आखिर आ ही गए जांच के दायरे में
मध्यप्रदेश में कई ऐसे अफसर हैं जो न केवल धनपिपासु हैं, बल्कि अपने रसूख की दम पर अपने वरिष्ठों का हक मारकर दोनों हाथों से मलाई चाट रहे हैं। हद तो यह है कि ऐसे अफसरों को सरकार व शासन का भी भरपूर आशीर्वाद बना हुआ है। ऐसे ही एक अफसर हैं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अच्युत आनंद मिश्रा। सरकार व शासन का साथ रहने से वे मनमर्जी के मालिक बने हुए थे, लेकिन अब उन पर ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू कर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने, आर्थिक एवं कार्यालयीन अनियमितता बरतने, चहेतों को नियम विरुद्ध तरीके से उपकृत करने, फैक्टरियों को अनुमति देने में भ्रष्टाचार करने और शासकीय धन का दुरुपयोग करने जैसे गंभीर आरोप हैं। यह जांच कृष्ण कुमार ताम्रकार की शिकायत पर शुरू की गई है। खास बात यह है कि मिश्रा ऐसे अफसर हैं जो बिना किसी चयन प्रक्रिया के तकरीबन सात सालों से क्षेत्रीय अधिकारी के साथ सदस्य सचिव की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं।

अब गैर जिम्मेदार अफसरों पर राजपूत भी गरजे , दी धमकी
बीते कुछ समय से भाजपा सरकार में गरजने की प्रतियोगिता सी नजर आ रही है। पहले सूबे के मुखिया, फिर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और अब परिवहन और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी सार्वजनिक रुप से गरज रहे हैं। राजपूत का भी अपने दोनों बड़े नेताओं की ही तरह सार्वजनिक रुप से उस समय गरजे जब वे जैसी नगर में शासकीय विद्यालय के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण और शासकीय महाविद्यालय के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों और ठेकेदारों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए साफ कर दिया कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अगर गुणवत्ता बेहतर नहीं रही, तो अधिकारी नौकरी नहीं कर पाएंगे, सीधे सस्पेंड कर के घर बैठा दूंगा। उन्होंने लोगों से कहा कि अपने क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों का आप लोग निरीक्षण करें। शिकायत मिलने पर संबंधित की जानकारी दें, क्योंकि यह विकास कार्य आपके लिए हो रहा है, इसलिए आप की निगरानी में होने चाहिए।

बिसेन को अपने भतीजे की कार्यशैली नहीं पंसद
भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन का एक आॅडियो इन दिनों जमकर चर्चा में बना हुआ है। इस वायरल हो रहे ऑडियो में वे अपने अफसर भतीजे की ही कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। दरअसल पूरा मामला भतीजे को बिजली विभाग में एसई यानि की विभाग में सुप्रिडेंट इंजीनियर बनवाने को लेकर है। इस आडियो में बिजली विभाग के एक एसई एसआर एमदे और भाजपा नेता संदीप रघुवंशी के बीच बातचीत हो रही है। एमदे भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष से कह रह हैं कि उसकी पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन से फोन पर बात हुई थी, वे अपने भतीजे की पोस्टिंग कराकर छिंदवाड़ा को बर्बाद करने की बात कह रहे हैं। इस आॅडियो की पुष्टि खुद भाजपा नेता ने की। दोनों में ट्रांसफर और नियुक्ति को लेकर बातचीत के दौरान एसई यह कह रहे हैं कि एएस बिसेन विधायक गौरीशंकर बिसेन के भतीजे हैं। उनको छिंदवाड़ा में एसई बनना है। मैंने इस संबंध में उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे मेरे भतीजे को लाना है। वहां आप छिंदवाड़ा में पदस्थ हैं, मुझे मालूम नहीं था। इस पर मैंने उनसे (बिसेन) कहा कि आप अपने भतीजे को बालाघाट क्यों नहीं ले जाते। एमदे का कहना था कि पूर्व मंत्री ने इसका बड़ा मजेदार उत्तर दिया और कहा कि- मेरे भतीजे की वर्किंग अच्छी नहीं है।

राजधानी में आते ही बढ़ जाती है जमीनों में रुचि  
जो भी पुलिस अफसर राजधानी की मैदानी पदस्थापना पाता है उसकी जमीनों में स्वत: ही रुचि बढ़ जाती है। फिर अफर राज्य सेवा का हो या फिर अखिल भारतीय पुलिस सेवा का। ऐसे ही एक अफसर का जमीन प्रेम अब चर्चा में है। दरअसल यह अफसर पहले भोपाल में कप्तान रह चुके हैं। यह कप्तान साहब प्रबंधन कला में बेहद माहिर माने जाते हैं। राजधानी में पदस्थापना के समय उनकी मातहत कई थाना प्रभारियों से जांच के मामलों में पटरी नहीं बैठती थी। दरअसल उनसे जमीन से जुड़े मामले पड़ोसी राज्य यूपी के ललितपुर जिले की हाइवे की किनारे की जमीनों का है। इस मामले में उनके खिलाफ ण्क महिला ने गुहमंत्री से शिकायत की है।  इसमें आरोप है कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों की जमीनों के मामले में मदद करने में कुर्सी का बेजा फायदा उठाया है।

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