बिहाइंड द कर्टन/पूर्व मंत्री उमंग सिंघार का पार्टी में बड़ा कद

  • प्रणव बजाज
उमंग सिंघार

पूर्व मंत्री उमंग सिंघार का पार्टी में बड़ा कद
प्रदेश कांग्रेस के आदिवासी चेहरे और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार का संगठन में कद एक बार फिर बढ़ गया है। उन्हें अब संगठन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया है। यही नहीं उन्हें चुनवाी रणनीतिकार मानते हुए पार्टी ने गुजरात जैसे महत्वपूर्ण व भाजपा के गढ़ के रुप में पहचाने जाने वाले राज्य का प्रभार भी दे दिया है। यह प्रभार ऐसे समय दिया गया है जब इस साल के अंत में गुजरात में विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। वे गुजरात के प्रभारी महासचिव के साथ काम देखेंगे। उनके साथ वीरेंद्र सिंह राठौर और बीएम संदीप को भी प्रभारी सचिव नियुक्त किया गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में जीतू पटवारी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सिंघार इसके पहले झारखंड के प्रभारी सचिव भी रह चुके हैं। सिंघार प्रदेश के ऐसे कांग्रेस के युवा विधायक हैं , जिनकी पार्टी के ही प्रदेश के दो राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से नहीं पटती है, लेकिन उन्हें कैंप राहुल का करीबी माना जाता है।

अब न्याय के लिए ली पूर्व विस अध्यक्ष ने कोर्ट की शरण
भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा को अपनी ही सरकार में न्याय नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह से अब उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ रही है। मामला एक आईएएस अफसर से जुड़ा होने की वजह से सरकार उन्हें न्याय दिलाने में अक्षम साबित हो रही है। यही वजह है कि अब शर्मा को उस अफसर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कराना पड़ा। दरअसल पूरा मामला तीन साल पुराना है। जब इटारसी के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी आईएएस हरेंद्र नारायण ने विधायक डॉ. शर्मा पर आरोप लगाया था कि विधायक ने पद का दुरुपयोग करते हुए उनके द्वारा अपनी विधायक निधि एक धार्मिक ट्रस्ट को दे दी थी। उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। इस मामले को विधायक डॉ. शर्मा ने विधानसभा तक में उठाया और प्रदेश के मुख्य सचिव तक से इस मामले की कई बार लिखित शिकायत भी की, लेकिन इस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इससे परेशान होकर उनके द्वारा इटारसी न्यायालय में परिवारवाद दायर किया गया है।

और भाजपा विधायक को बैठना पड़ा धरने पर
रीवा जिले के मऊगंज क्षेत्र से विधायक अफसरों की कायैशली से इतने नाराज हैं कि उन्हें अब अफसरों के खिलाफ धरने तक पर बैठना पड़ रहा है। दरअसल मऊगंज स्वास्थ्य केन्द्र का नया भवन बनाया जा रहा है, जिसका काम बेहद धीमी गति से किया जा रहा है। इस मामले में विधायक  पहले भी कई बार अफसरों से जल्द काम कराने का आग्रह कर चुके हैं। इसके बाद भी काम की गति न बढ़ाए जाने से नाराज होकर भाजपा विधायक और पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य प्रदीप पटेल अस्पताल की ओपीडी में धरने पर बैठ गए। धरने की जानकारी प्रशासन को लगी तो रीवा से सीएमएचओ डॉ. बीएल मिश्रा मऊगंज पहुंचे। सीएमएचओ और एसडीएम एपी द्विवेदी ने विधायक से मांगों के संबंध में चर्चा की। अधिकारियों  ने एक माह में निर्माण पूर्ण करवाने का आश्वासन दिया है। करीब चार घंटे बाद विधायक ने धरना समाप्त किया। ओपीडी में ही समर्थकों के साथ विधायक के धरने पर बैठने से अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ गई थी। हालात यह रहे कि डॉक्टरों को ओपीडी से बाहर निकलना पड़ा।

अब नरोत्तम मिश्रा ने कसी जोमैटो की लगाम
सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा तमाम बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर लगाम कसने का काम अब भी जारी है। इस बार उनकी नजर जोमैटो कंपनी पर टेड़ी हुई है। उनका कहना है कि प्रदेश में जोमैटो हो या अन्य कोई, किसी को भी यातायात नियमों का उल्लंघन और आमजन की जान से खिलवाड़ नहीं करने देंगे। डा. मिश्रा का कहना है कि जोमैटो कंपनी द्वारा अगले माह से 10 मिनट में डिलीवरी करने की सेवा शुरू करने की बात कही गई है। शहर के अंदर 10 मिनट में चार किमी तक कोई कैसे पहुंचेगा? इसके लिए वाहन यातायात नियमों में तय गति से अधिक पर चलाए जाएंगे। इससे दुर्घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कंपनी को कहा कि ऐसे सर्विस शुरू न करें। किसी भी हादसे की जिम्मेदारी कंपनी की ही होगी और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। 

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