बिहाइंड द कर्टन/फिल्म निर्माता अग्निहोत्री की दो थानों में शिकायत

  • प्रणव बजाज
विवेक अग्निहोत्री

फिल्म निर्माता अग्निहोत्री की दो थानों में शिकायत
द कश्मीर फाइल्स फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री के खिलाफ दो मुस्लिम युवकों ने अलग-अलग थानों में लिखित शिकायत की है। भोपाल के अरेरा हिल्स थाने में न्यू अब्बास नगर गांधीनगर के अनवर पठान ने तो शाहजहांनाबाद थाने में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के जिलाध्यक्ष अमजद खान ने लिखित शिकायत की है। इसमें विवेक के भोपाली यानी होमोसेक्शुअल बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है। इसके पहले विवेक के खिलाफ मुंबई में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। भोपाल में की गई शिकायतों में अग्निहोत्री के उस वायरल वीडियो के बयान पर  सवाल उठाए गए हैं, जिसमें उन्होंने भोपाली को होमोसेक्शुअल कहा था। एक शिकायत में कहा गया है कि भोपाल ने बरकतुल्लाह भोपाली, मंजर भोपाली जैसी हस्तियां दी हैं। देश को शंकर दयाल शर्मा जैसे राष्ट्रपति दिए हैं। ऐसे शहर के भोपाली लोगों को होमोसेक्शुअल कहकर बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में पुलिस से एफआईआर दर्ज करने को कहा है। पुलिस आवेदन की जांच में जुटी है।

दिग्विजय और विवेक में छिड़ा ट्वीटर बार
कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर छिड़ी बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री और फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री के बीच ट्वीटर पर वार छिड़ गया है। इस वार की वजह बना है कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्मों को बयां करने वाली स्मृतियों को सबके सामने लाने के लिए भोपाल में नरसंहार संग्रहालय बनाने की घोषणा। दिग्विजय ने इसके विरोध में ट्वीट कर लिखा, मैं भोपाल में नरसंहार संग्रहालय बनाने के खिलाफ हूं। भोपाल के सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने नहीं देंगे। मैं इसका विरोध करता हूं। जवाब में विवेक ने भी ट्विटर पर लिखा है कि दिग्विजय जी, आप 38 साल में भोपाल गैस त्रासदी पर मेमोरियल तो बना नहीं पाए। अगर शिवराज सिंह चौहान मानवता के लिए नेक काम कर रहे हैं, तो दिक्कत क्यों हो रही है, नाकामी छुपाने के लिए। दरअसल विवेक की मांग पर सीएम ने दो दिन पहले  भोपाल में नरसंहार संग्रहालय स्थापित करने के लिए भूमि और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही थी।

सभी चिंताएं छोड़कर आत्मा यहीं केंद्रित करें मंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते रोज अपने मंत्रियों को सलाह दी है कि वे पचमढ़ी में चल रहे दो दिनी चिंतन शिविर में सभी तरह की चिंताओं को छोड़कर पूरे मन से यहां बैठे और गहराई से चिंतन करें। सीएम ने कहा कि चिंतन से अमृत निकलेगा, इसलिए सभी मंत्री दो दिन तक अपनी सारी चिंताओं को छोड़कर सिर्फ चिंतन करें। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे ये सोचना छोड़ दें कि उनकी विधानसभा क्षेत्र में क्या हो रहा है,दुनिया में क्या हो रहा है। वह सब ठीक-ठाक हो जाएगा,उसकी कोई भी चिंता न करें। इससे पहले मुख्यमंत्री ने ट्वीट के जरिए पचमढ़ी चिंतन बैठक पर कहा कि हमने तय किया कि पचमढ़ी के सौंदर्य के बीच बैठकर बिना किसी आडंबर के हम गंभीर चिंतन करेंगे। उनका कहना है कि आज शाम यानि की रविवार शाम तक हमारा चिंतन चलेगा और लगातार हमको सोचना भी है। फैसले भी करने हैं। मंथन से जो अमृत निकलेगा,उसको हम जनता के बीच बांटेंगे। जनता के कल्याण के लिए प्रदेश के विकास के लिए इसका उपयोग करेंगे।

और विधायक जी का हो गया काम
कांग्रेस के एक वरिष्ठ विधायक लंबे समय से भोपाल में अपने निजी मकान  के सामने की बेहद खराब सड़क को लेकर परेशान बने हुए थे। इससे मुक्ति पाने के लिए वे लगातार कई बार प्रयास कर चुके थे। वे इसके लिए कई बार संबंधित एजेंसी में पदस्थ अफसरों से भी दुखड़ा रो चुके थे , लेकिन उन्हें कभी बजट तो कभी कोई अन्य कारण बताकर चलता कर दिया जाता। इससे परेशान विधायक जी ने विधानसभा सत्र के दौरान एक सवाल पूछ लिया। इसका जवाब आता इसके पहले ही अफसर न केवल सक्रिय हुए बल्कि जवाब आने से पहले ही सड़क भी बना गए। इसमें हद तो यह है कि कुछ अफसरों ने विधायक जी यहां तक कह दिया की सवाल लगाने की क्या जरूरत थी, पहले ही बता देते। अब उन्हें कौन बाताए की वे एक बार नहीं बल्कि कई बार शिकायत तक कर चुके थे। 

Related Articles