बिहाइंड द कर्टन/उपचुनावी अखाड़े में नजर आएंगे कंम्प्यूटर बाबा

  • प्रणव बजाज
 कंम्प्यूटर बाबा

उपचुनावी अखाड़े में नजर आएंगे कंम्प्यूटर बाबा
बी ते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थन में चुनावी मोर्चा संभालने वाले कम्प्यूटर बाबा एक बार फिर से प्रदेश में सक्रियता दिखाने जा रहे हैं। वे कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए उपचुनाव के रण में उतरने जा रहे हैं। यह बात अलग है कि उनके द्वारा किए गए तंत्र मंत्र का फायदा दिग्विजय सिंह को नहीं मिला था। दिग्विजय सिंह हारे भी और उसके बाद खुद कम्प्यूटर बाबा के जमकर फजीते भी हुए। लंबे समय से गायब रहने के बाद अब वे आज से खंडवा में कांग्रेस के प्रचार में शामिल हो रहे हैं। इसकी शुरुआत उनके द्वारा संत समागम के साथ ही अन्य कार्यक्रमों से की जा रही है। खास बात यह है कि उनके द्वारा अगले दस दिन तक खंडवा लोकसभा क्षेत्र में ही रहने का कार्यक्रम तय किया गया है। खैर देखना तो यह है कि उनका असर कितना जनता पर होता है या फिर एक बार फिर उनके फजीते होते हैं। वैसे भी उनकी राजनैतिक सक्रियता के बाद फैंस फॉलोइंग में तेजी से कमी आयी है।

अरुण यादव को नरोत्तम ने दी सतर्क रहने की सलाह
सूबे के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस नेता अरुण यादव को उनकी ही पार्टी के दो दिग्गज नेताओं से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा है कि कमलनाथ व दिग्विजय सिंह ऐसे नेता हैं, जो जिस खेत को बटाई पर लेते हैं उस पर ही कब्जा कर लेते हैं। इसलिए इन दोनों ही नेताओं से उन्हें बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर बंटाईदार ठीक नहीं होता है तो वह फसल भी खा जाता है। उनका कहना है कि अब कमलनाथ को खेत बंटाई पर दोगे तो फसल तो दूसरों को खाना ही है। मिश्रा का कहना है कि अरुण यादव ने इतिहास से सबक नहीं लिया है। अगर सबक लिया होता तो वे कमलनाथ को खेत बटाई पर देते ही नहीं। यह नसीहत मिश्रा द्वारा अरुण के उस बयान पर दी गई है, जिसमें अरुण ने कहा था कि हर बार फसल हम उगाते हैं और किसी को दे देता हूं।

रेत खनन पर जारी है सियासी खेल
मप्र ऐसा राज्य है जिसका भी सरकार में दबदबा होता है उसके समर्थकों का रेत के अवैध खनन और परिवहन में बड़ी हिस्सेदारी हो जाती है। कांग्रेस हो या भाजपा यह खेल प्रदेश में कई दशकों से चल रहा है। इस मामले में जो भी विपक्ष में होता है वह इसे सरकार को घेरने का मुद्दा बना लेता है, लेकिन जैसे ही सत्ता मिलती है उसके समर्थक इस खेल में पूरी ताकत के साथ जुट जाते हैं। अब इस मामले को इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने उठाते हुए सीएम को पत्र तक लिख दिया है। उनके पत्र से सरकार व अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश भाजपा के मुखिया पर निशाना साधा गया है। उनके द्वारा पन्ना में हो रहे अवैध रेत खनन को लेकर यह पत्र लिखा गया है। यह इलाका प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का संसदीय क्षेत्र में आता है। इसमें उनके द्वारा मिलीभगत का भी आरोप लगाया गया है। यह बात अलग है कि कांग्रेस की सरकार में भोपाल के एक नेता जी का पूरा कुनबा रेत के अवैध कारोबार में पूरी ताकत से लग गया था।

अब कोयले की कमी पर नाथ ने दी नसीहत
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के ताप बिजली घरों में कोयले की कमी को लेकर सूबे के मुखिया को न केवल नसीहत दी है, बल्कि उनके प्रबंधन पर भी सावल खड़े किए हैं। उनके द्वारा कहा गया है कि जब त्यौहारी मौसम चल रहा है ऐसे में प्रदेश के ताप विद्युत उत्पादन संयत्रों में कोयले की कमी के चलते उत्पादन ठप होने के आसार बन गए हैं। उनके द्वारा कोयले की पर्याप्त आपूर्ति  के लिए केन्द्र से बात करने की भी सलाह दी गई है। उनका कहना है कि हालात यह है कि प्रदेश में महज चार दिनों का ही कोयला बचा हुआ है, जबकि तय मानकों के हिसाब से स्टॉक में इससे लगभग चार गुना अधिक कोयला होना चाहिए था। उन्होंने इस दौरान प्रदेश में बिजली कटौती के हालात न बनने देने की भी नसीहत दी है।

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