- प्रणव बजाज

कभी भी हो सकते हैं कांग्रेस नेता गौतम जिला बदर
प्रदेश में कानून कांग्रेस नेताओं के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। इनमें वे नेता शामिल हैं , जो किसी न किसी अनैतिक काम में लिप्त रहे हैं या फिर किसी बड़ी वारदात में शामिल रहे हैं। कई विधायकों व उनके परिजनों के बाद अब कांग्रेस के एक जिलाध्यक्ष कानून के घेरे में आ गए हैं। यह हैं धार जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम। इनके खिलाफ पुलिस ने जिला बदर का प्रस्ताव तैयार कर जिला प्रशासन को भेज दिया है। इस प्रस्ताव पर कभी भी जिला प्रशासन आदेश जारी कर सकता है। दरअसल गौतम मूल रूप से शराब व्यवसायी हैं। उन पर शराब तस्करी से लेकर कई अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन्हीं अपराधों को पुलिस ने प्रस्ताव का आधार बनाया है। यह बात अलग है कि यह प्रस्ताव ऐसे समय तैयार किया गया है जब प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारी है।
भदौरिया के प्रयासों से अटेर किले का लौटेगा पुराना वैभव
भिंड जिले के अटेर में स्थित ऐतिहासिक किले का भदावर राजाओं के इतिहास में बहुत महत्व है। यह हिन्दू और मुगल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। चंबल नदी के किनारे देवगिरी पर्वत पर स्थित है। यह किला भी समय के साथ अपना वैभव खोता चला गया। बीते कुछ दशकों में आसपास के लोगों ने धन के लालच में इस किले की जगह-जगह खुदाई कर इसे बहुत नुकसान पहुंचाया है। अब इस किले का पुराना वैभव लौटाने की पहल की है सूबे के मंत्री और स्थानीय विधायक अरविंद सिंह भदौरिया ने। उनके प्रयासों के चलते इसके जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ 12 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इससे न केवल जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इस स्थान को नई पहचान भी मिल सकेगी।
रैगांव की भाजपा प्रत्याशी ने किया पलटवार
अपने ही गढ़ में मिली हार के बाद अब भाजपा में अंदरूनी तौर पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। हालत यह है कि इस मामले में सूबे के एक पावरफुल मंत्री और भाजपा प्रत्याशी प्रतिमा बागरी आमने -सामने आ गई हैं। हार की वजह पर मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा है कि प्रत्याशी चयन में गलती हुई जिसकी वजह से कमजोर प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया गया, तो इसके बाद प्रतिमा ने पलटवार करते हुए कहा है कि अगर वे कमजोर होती तो उन्हें 60 हजार मत नहीं मिलते। वे अपनी हार की वजह बसपा को बताती हुई कहती हैं कि उसके मैदान में न होने का फायदा कांग्रेस को मिला है। हालांकि वे मंत्री के बयान पर कहती हैं कि उन्हें किसी ने गुमराह किया है। अब उन्हें कौन बताए कि सिसोदिया जैसे मंत्री किसी के कहने पर क्या गुमराह हो सकते हैं।
पुरनी भी चाहते हैं भाजपा संगठन जैसा बदलाव
कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हाल ही में खंडवा संसदीय क्षेत्र से चुनाव हारने वाले राजनारायण सिंह पुरनी भी पार्टी में भाजपा की तरह ही संगठन में बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने के पक्ष में हैं। वे जब भोपाल से हार की समीक्षा के बाद घर लौटे तो एक बार फिर हार की समीक्षा की गई। इस दौरान उनके द्वारा दी गई सफाई में कहा गया कि उनके द्वारा किसी भी पदाधिकारी को बदले जाने का कोई आग्रह नहीं किया गया है , लेकिन वे इस पक्ष में जरुर हैं कि कांग्रेस में भी भाजपा की तरह का बदलाव होना चाहिए। उनका कहना है कि जब भाजपा में कोई भी कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष बन सकता है तो कांग्रेस में क्यों नहीं। उनका कहना है कि पार्टी में नए कार्यकर्ताओं को मौका मिलना चाहिए, जिससे संगठन को मजबूती मिल सकेगी।