- प्रणव बजाज

खाद के बहाने शिव सरकार को घेरने का प्रयास
उपुचनावी प्रचार से फुर्सत मिलते ही अब पक्ष और विपक्ष को किसानों के खाद संकट की याद आने लगी है। एक तरफ मुख्यमंत्री इस मामले की लगातार समीक्षा कर खाद उपलब्ध कराने के प्रयासों में लगे हैं, तो वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में सरकार को घेरने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। नाथ ने सरकार से बीते तीन सालों में खाद की स्थिति पर तत्काल श्वेत पत्र जारी करने की मांग कर डाली है। उनका कहना है कि इन तीन सालों में से 15 माह कांग्रेस की सरकार रही है। 3 सालों के श्वेत पत्र जारी होने से जनता और किसानों को हमारी व शिव सरकार की तुलनात्मक स्थिति पता चल सकेगी। इससे यह पता चल जाएगा कि कांग्रेस व भाजपा सरकार में खाद की कितनी डिमांड थी, कितनी उपलब्धता थी और किसानों को किस प्रकार आपूर्ति की गई । उनका कहना है कि बीते 2 माह से किसान खाद को लेकर बेहद परेशान हैं, लेकिन सरकार उस पर ध्यान ही नहीं दे रही है, जिसकी वजह से परेशान किसानों को आंदोलन तक करना पड़ रहा है।
भाजपा पर पीपीपी मॉडल पर चुनाव लड़ने का आरोप
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने भाजपा पर पीपीपी मॉडल पर उपचुनाव लड़ने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पीपीपी यानी पुलिस, प्रशासन और पैसा। उन्होंने कहा कि भाजपा को जब लोकतंत्र की हत्या करना है, तो भाजपा ही चुनाव घोषित कर दे, भाजपा ही चुनाव लड़ ले, भाजपा ही पैसा बांट ले और चुनाव खत्म। उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस की शिकायतों पर आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि पृथ्वीपुर में कांग्रेस प्रत्याशी अनुमति लेकर नुक्कड़ सभा कर रहे थे, तो भी प्रशासन ने मामला दर्ज कर लिया, जबकि भाजपा प्रत्याशी प्रचार का समय समाप्त होने के बाद भी रैली कर रहे थे, जिससे जाम की स्थिति बन गई, सबूतों के साथ शिकायत करने के बाद भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। पृथ्वीपुर में पदस्थ टीआई धर्मेंद्र यादव की प्रमाणों के साथ आयोग से शिकायत की गई, लेकिन उसके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कानस्कर हुए पदोन्नत, बने स्पेशल डीजी
राज्य सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा के 1989 बैच के अधिकारी मिलिंद कानस्कर को विशेष पुलिस महानिदेशक के पद पर पदोन्नत कर दिया है। वे फिलहाल विशेष सशस्त्र बल में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर पदस्थ थे। उन्हें पदोन्नति के बाद विशेष सशस्त्र बल, पुलिस मुख्यालय, भोपाल में ही तैनात किया गया है। गौरतलब है कि 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मप्र पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के चेयरमैन विजय यादव 31 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। 30 अक्टूबर को शनिवार और 31 अक्टूबर को रविवार का अवकाश होने की वजह से यादव का अंतिम कार्यदिवस शुक्रवार को था। उनके सेवानिवृत्त होने से स्पेशल डीजी का एक पद कल रिक्त हो जाएगा। यही वजह है कि पदोन्नति आदेश दो दिन पहले ही जारी कर दिया गया है।
आखिर समय से पहले क्यों कर दिया बंगला खाली
प्रदेश के आला अफसरों में सरकारी बंगले को लेकर ऐसा मोह होता है कि सेवानिवृत्त होने के बाद कई माह तक वे उसे खाली नहीं करते हैं और इसी जुगाड़ में लगे रहते हैं कि किसी भी तरह से उनका बंगला बचा रहे, लेकिन अगर ऐसे में प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया अचानक समय से एक साल पहले अपना आलीशान सरकारी बंगला खाली कर दें तो चर्चा होना स्वभाभिक है। जी हां बात हो रही है मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की। उन्होंने हाल ही में अपना बंगला खाली किया और रातीबढ़ इलाके में स्थित अपने निवास में चले गए। वे अगले साल यानि की नवंबर 2022 में सेवानिवृत्त होंगे। यह बात अलग है कि मुख्य सचिव अपने निज निवास में दो-तीन दिन रहने के बाद अचानक फिर से प्रशासनिक कामकाज के चलते वह वापस सरकारी बंगले में आ गए।