बिहाइंड द कर्टन/अरे वाह! अब गायों के लिए हॉस्टल सुविधा

गाय
  • प्रणव बजाज

अरे वाह! अब गायों के लिए  हॉस्टल सुविधा
गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश का डॉ. गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय अब एक और नवाचार करने जा रहा है। यह नवाचार गायों को लेकर किए जाने वाला है। इसके तहत इस विवि में में गायों का हॉस्टल खुलेगा। इसके लिए केंद्र सरकार और सेंट्रल यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू भी किया जा चुका है। इस हॉस्टल में गायों की देखभाल की जाएगी। बतौर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला का कहना है कि जिस तरह छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल बनाए जाते हैं, वैसे ही हॉस्टल अब गायों के लिए बनेंगे। जो लोग गाय पाल नहीं सकते, वे लोग अपनी गायों को हॉस्टल में रख सकेंगे। इस तरह का पहला प्रयोग देश में सागर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में किया जा रहा है। इसका नाम कामधेनु पीठ होगा। इसमें गाय आधारित नीति, गाय के संरक्षण और संवर्धन पर रिसर्च होगी।

कप्तान का ट्वीट चर्चा में
पूर्व राज्यपाल और प्रदेश भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री कप्तान सिंह सोलंकी द्वारा किया गया एक ट्वीट इन दिनों चर्चा में है। यह ट्वीट अप्रत्यक्ष रुप से कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब को लेकर लिखा गया है। इसमें उनके द्वारा लिखा गया है कि श्रीराम कहने वाला हर एक व्यक्ति मुनि नहीं होता, उसी तरह हर मुसलमान आतंकवादी नहीं होता। उन्होंने कहा कि हम सबकी, सामाजिक तथा राजनैतिक संस्थाओं की कोशिश होनी चाहिए कि सब मुनि बनें आतंकवादी नहीं बनें और जो न माने उसका बहिष्कार किया जाए। उनके द्वारा इसके पहले भी एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा था कि झूठ और नशा हमारी पहचान बनते जा रहे हैं। परिवार टूट रहे हैं। मानवता हैवानियत में बदल रही है। अवतार की जरूरत है। सोलंकी ने यह ट्वीट इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है जिसमें कहा गया है कि पूरी दुनिया में झूठ एक नई चुनौती बनकर उभरा है।

नाथ ने किया जोबट को लेकर खुलासा
पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने जोबट उपचुनाव को लेकर कई तरह के खुलासे किए हैं। उनका कहना है कि वे तो सुलोचना रावत को ही प्रत्याशी बनाना चाहते थे, लेकिन पार्टी के लोगों ने उनकी जगह महेश पटेल अधिक बेहतर प्रत्याशी बताया। इस बीच पटेल ने भी यह खबर फैलाना शुरू कर दिया था कि उन्हें तो बी फार्म भी मिल चुका है। पार्टी निर्णय करती इसके पहले ही सुलोचना ने कांग्रेस छोड़ दी। यही नहीं उनका कहना है कि इसी तरह से खंडवा लोकसभा के लिए अरुण यादव के कहने पर ही   मुकेश नायक और राजकुमार पटेल को चुनाव प्रभारी बनाया गया था, फिर भी नायक ने अपनी रिपोर्ट में यादव समर्थकों के बारे में नकारात्मक बातें कहीं हैं यही नहीं उनके द्वारा यह भी दावा किया गया कि उन्हें पता था कि सचिन बिरला कांग्रेस छोड़ने वाला है। इसकी भी जानकारी उनके द्वारा अरुण यादव को दे दी गई थी। खास बात यह है कि इन खुलासे के बहाने नाथ ने इन सबकी जिम्मेदारी अरुण पर ही डाल कर खुद को इन मामलों से अलग कर लिया।

निर्वाचन आयोग तहसीलदारों के  तबादलों पर अड़ा
प्रदेश में पंचयात चुनावों के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग हर हाल में उन तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों के तबादले चाहता है जो बीते तीन सालों से एक ही स्थान पर जमे हैं। इस दायरे में प्रदेश के करीब 40 फीसदी यह अफसर आ रहे हैं। विभाग आयोग के इस निर्देश पर सहमत नही है, लिहाजा राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने आयोग को पत्र लिखकर कहा कि तीन साल वाले तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को हटाने से स्थानीय प्रशासन में अव्यवस्था फैलेगी। अत: आयोग से इस  फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। पत्र में इसके लिए दिए गए तर्क में कहा गया है कि इससे इस संवर्ग के लगभग 40 प्रतिशत (320 से अधिक) अधिकारी प्रभावित होंगे। यही नहीं पंचायतों के निर्वाचन दलीय आधार पर नहीं होते हैं।

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