बिहाइंड द कर्टन/नाराज सीईओ ने दी मंत्री को चुनौती

  • प्रणव बजाज
नाराज सीईओ

नाराज सीईओ ने दी मंत्री को चुनौती
अनूपपुर में दो-दो मंत्री जब विकास कामों की समीक्षा बैठक ले रहे थे, तभी फाइलों को अनावश्यक रुप से लंबित रखने के मामले में पूछताछ करने से नाराज जिला पंचायत के सीईओ हर्षल पंचोली बैठक छोड़कर चले गए। दरअसल समीक्षा बैठक में खनिज मद से होने वाले विकास कार्यों के लंबित रहने और फाइलों की पेंडेंसी से नाराज प्रभारी मंत्री मीना सिंह ने सीईओ जिला पंचायत हर्षल पंचोली पर कई तरह के आरोप लगा दिए, जिससे नाराज पंचोली ने पहले तो प्रभारी मंत्री को आरोप साबित करने की चुनौती दी और फिर बैठक का बहिष्कार कर दिया। इस दौरान प्रभारी मंत्री ने पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल पर भी उनकी कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री से उनकी शिकयत करने की बात कही। प्रभारी मंत्री मीना सिंह ने मंत्री बिसाहूलाल सिंह की मौजूदगी में जिले के अफसरों के साथ विकास कार्यों की समीक्षा बैठक बुलाई थी। बैठक में कोतमा नगर की आधी अधूरी सड़क का मामला भी जुड़ा हुआ था ।

श्रीमंत के कार्यक्रम में खर्राटे भरते रहे ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह
एक तरफ पूरा सूबा बिजली की अघोषित कटौती से परेशान है , तो दूसरी तरफ प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर मौका मिलते ही खर्राटे भरने का मौका नहीं चूकते हैं। भले ही मौका सार्वजनिक कार्यक्रम का हो या फिर पार्टी के बड़े नेताओं का। उनका एक ऐसा ही वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। यह वीडियो शिवपुरी में बीते रोज आयोजित कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम का बताया जा रहा है। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे। इस दौरान वे मंच पर बैठे -बैठे ही नींद लेते रहे। कांग्रेस ने इस पर तंज कसते हुए  कहा है कि बिजली नहीं रहती तो रात में नींद नहीं हो पाती, इसलिए सोना पड़ता है। बता दें कि शिवपुरी की होटल पीएस में गुरुवार को भाजपा का कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे। इस पर कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने तंज कसते हुए कहा है की अब ऊर्जा मंत्री जी भी क्या करें, दिन में कार्यक्रम में सोएं क्यों नहीं जब रात में बिजली ही गायब रहे तो नींद कैसे आए? दिन में तो पूरी करना पड़ेगी ना..।

फिर मिली चारों कांग्रेस नेताओं को जिले की कमान
कांग्रेस ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों को देखते हुए पूर्व में हटाए गए चारों जिलाध्यक्षों को फिर से बहाल करते हुए उन्हें जिलों की कमान सौंप दी है। इन चारों को खंडवा लोकसभा चुनाव में मिली पार्टी की हार के बाद कमलनाथ द्वारा हटा दिया गया था। दरअसल यह चारों नेता अरुण यादव समर्थक माने जाते हैं। इनमें खंडवा और बुरहानपुर के शहर व ग्रामीण जिलाध्यक्ष शामिल हैं। इंदल सिंह पंवार को खंडवा शहर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष, ओंकार पटेल अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी खंडवा ग्रामीण, अजय रघुवंशी शहर कांग्रेस कमेटी बुरहानपुर और किशोर महाजन को अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी बुरहानपुर ग्रामीण बनाया गया है। इधर, प्रदेश कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला लागू होने की संभावना की वजह से 12 जिलों में ऐसे अध्यक्ष हैं, जो जिलाध्यक्ष के साथ ही विधायक है। माना जा रहा है की दन सभी की जगह संगठन की कमान जिलों में नए नेताओं को दी जएगी।

कलेक्टरी का बेसब्री से इंतजार
पंचायत और नगरीय निकाय के चुनावों के लिए आचार संहिता लागू हो इसके पहले कई आईएएस अफसर कलेक्टरी पाने के लिए बेहद सक्रिय हो गए। इस बीच जिलों में बैठे अफसर भी अपनी कुर्सी बचाने के फेर में गोटियां फिट कर रहे हैं। यानी कि आग दोनों ही ओर से लगी है। हाल ही में सरकार ने चार कलेक्टरों को इधर से उधर कर भी दिया। इस वजह से एक आईएएस को पहली बार कलेक्टरी मिली तो वहीं इस छोटी सी तबादला सूची में सबसे अधिक फायदे में एक ऐसे साहब रहे हैं, जिन्हें पहले दो बार जिलों से सूबे के मुखिया की वजह से कलेक्टरी गंवाना पड़ी थी। इन्हें लगातार तीसरी बार कलेक्टरी मिली है। कलेक्टरी के लिए फिर से उनका नाम देखकर वे अफसर और निराश हो गए हैं जो एक बार भी कलेक्टर नहीं बने या फिर जल्द जिले से हटा दिए गए। उधर, कई अफसर इन साहब की उस जुगाड़ की तलाश में भी जुट गए हैं , जिसकी वजह से उन्हें बार-बार कलेक्टरी मिलती रहती है।

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