बिहाइंड द कर्टन/…और विधायक जी हो गए गायब

  • प्रणव बजाज
विधायक

…और विधायक जी हो गए गायब
हमारे माननीय भी अजीब हैं, उनके चक्कर में पुलिस पूरे 12 घंटे तक चकरघिन्नी बनी रही। मामला कटनी जिले के बड़वारा के विधायक विजय राघवेन्द्र सिंह का है। वे बीते रोज सुबह अचानक फार्म हाउस जाने का कहकर घर से निकले और उसके बाद नई कार लेकर गायब हो गए। इस दौरान उन्होंने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया। खास बात यह है की वे अपने साथ गनर और चालक को भी नहीं ले गए थे। कुछ घंटो तक तमाम जगहों पर तलाश करने पर जब उनका पता नहीं चला तो पुलिस को सूचना दी गई। विधायक के लापता होने का मामला था, सो पुलिस भी तेजी से हरकत में आ गई। पुलिस ने उनकी लोकेशन ट्रेस की ही थी की विधायक जी की सूचना आ गई की वे छग के कोरिया जिले के बैंकठपुर में एक मंदिर दर्शन के लिए आए हुए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।

शिव सरकार को ओबीसी विरोधी चेहरा सामने आया
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ओबीसी आरक्षण पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कहा है कि इसस शिव सरकार को ओबीसी विरोधी चेहरा पूरी तरह से सामने आ गया है। उनका कहना है की सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी की ओबीसी को आरक्षण मिले। उनका कहना है की कोर्ट में सरकार की ओर से मजबूती से पक्ष ही नहीं रखा गया है। अगर सरकार मजबूती के साथ पक्ष रखती तो इस वर्ग को पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ मिलता। उन्होंने कहा की कोर्ट ने यह भी कहा है की जब समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई , तो आगे क्या करेंगे। उधर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है की पिछड़ा वर्ग को आरक्षण से वंचित करने का पाप कांग्रेस ने किया है। हमारी सरकार ने तो ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव कराने के ईमानदारी से प्रयास किए हैं। सरकार इस फैसले का विधि विशेषज्ञों से अध्ययन कराएगी।

अब दिल्ली में होगी सत्ता व संगठन की शिकायत
भाजपा के कई दिग्गज नेता सरकार व सत्ता में महत्व नहीं मिलने की वजह से इन दिनों बेहद नाराज चल रहे हैं। यही वजह है की वे अब लामबंदी करने में जुट गए हैं। इसकी खबर प्रदेश संगठन को भी है। इन पुराने नेताओं ने इसके लिए बाकायदा बैठक कर दिल्ली दरबार में अपना पक्ष बेहद मजबूती से रखने का प्लान बनाया है। बताया जा रहा है की दिल्ली जाने से पहले उनके द्वारा नेताओं से मिलने का समय भी लिया जा रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है की कुछ नेताओं से मुलाकात का समय भी मिल चुका है। इसके बाद से ही उन बिंदुओं को तय किया जा रहा है जिससे की उनकी बात को न केवल सुना जाए , बल्कि उसका फायदा भी मिल सके। यह बात अलग है की वे जानते हैं की पार्टी में चल रहे पीढ़ी परिवर्तन के इस दौर में उन्हें कम ही महत्व मिलेगा। इसके बाद भी उनकी मुश्किल यह है की वे लगातार पार्टी के लिए ही काम करते रहे हैं , लेकिन अब बुजुर्गों की श्रेणी में आने के बाद करें भी तो क्या।

अब लाउड स्पीकर विवाद में कूंदे आकाश विजयवर्गीय
भाजपा के विधायक और कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश भी अब लाउड स्पीकर विवाद में कूंद पड़े हैं। उनका कहना है की अगर आपको नमाज पढ़ना है तो बंद कमरे या फिर मस्जिद में पढ़ें। उनका कहना है की किसी को कोई चीज जबरदस्ती सुनाने की जरुरत नहीं है। उनका कहना है की किसी को कोई चीज सुनाना पूरी तरह से गलत है। उनका हनुमान चालीस को लेकर कहना है की यह एक विरोध का तरीका है। लोग माइक पर अजान बंद नहीं कर रहे हैं, सो विरोध में लोग हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं। यह एक ध्यानाकर्षण का तरीका है। जो भी नियम में हो उसका फिलहाल पूरी तरह से पालन होना चाहिए। लाउड स्पीकार तो हर हाल में पूरी तरह से बंद होना ही चाहिए।

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