- प्रणव बजाज

उमा को भारतीत्व अपने भीतर आत्मसात करने की नसीहत
पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती ने सागर जिले के रहली जाकर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। आचार्य श्री से मुलाकात का फोटो अपने ट्विटर पर शेयर करते हुए साध्वी उमा भारती ने लिखा है कि महाराज मेरे लिए हिमालय, चारों धाम और चारों वेद का सार हैं। इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव भी थे। अपने ट्वीट में उमा भारती ने बताया है कि महाराज ने मुझे आशीर्वाद देते हुए यह निर्देश दिया है कि पूरे भारतीत्व को अपने भीतर आत्मसात करके रहूं। उमा ने अपने ट्वीट में यह भी बताया कि महाराज ने बहुत दिनों के बाद माइक का इस्तेमाल किया।
जब मंत्री ने एसपी को कहा मूर्ख
प्रसिद्ध करीला मंदिर में श्रद्धालुओं को जूता-चप्पल पहनकर प्रवेश करते देख राज्यमंत्री बृजेंद्र सिंह भड़क गए। उन्हें बताया गया कि पूर्व मे जिले के पुलिस कप्तान रह चुके एक अफसर ने इस पंरपरा की शुरूआत की थी। इसके बाद मंत्री महोदय ने गुस्से में आकर कह दिया कि ऐसा कौन सा मूर्ख एसपी था, जिसने जूता-चप्पल पहनकर मंदिर में प्रवेश कराने की परंपरा बना दी थी। मंत्री ने इस पंपरपरा पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए, इस पर प्रशासन ने करीला मंदिर में जूता-चप्पल पहनकर प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है और होली पर भरने वाले यहां के मेले में शामिल होने के लिए लाखों लोग आते हैं। इस मंदिर पर मनौति पूरी होने पर बेड़नी नचाने की परंपरा है।
अरमान पर फिर गया पानी
चार राज्यों में कमल खिलने से उत्साहित और खुशियां मना रहे भाजपा के दिग्गज व उम्रदराज हो चले नेताओं के अरमानों पर एक झटके में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पानी फेर दिया। दरअसल यह नेता अपने मन में खुद की विरासत अगली पीढ़ी को सौंप कर चैन की बंसी बजाने के मंसूबे पाले हुए थे , लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसी उपलब्धि गिना दी कि सारे अरमान धरे के धरे रह गए। प्रधानमंत्री ने चारों राज्यों में मिली पार्टी की जीत का सेहरा कार्यकर्ताओं के सिर बांधते हुए साफ-साफ कह दिया कि भाजपा परिवारवाद को मिटाने के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रही है। मैंने खुद कई सांसदों के बेटी-बेटियों के टिकट काटे हैं। यह बात ऐसे समय कही गई है , जब प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में कई दिग्गज अगली पीढ़ी के लिए जमावट कर रहे थे , लेकिन इसके बाद से उनके माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही हैं। ऐसे में परिवारवाद रोकने को प्रधानमंत्री द्वारा उपलब्धि बताना दिग्गजों को रास नही आ रहा है। अब तक दिग्गजों के परिवार से होना जहां शान की बात मानी जाती रही है , लेकिन अब सियासी भविष्य के लिए संकट बनने के संकेत मिल रहे हैं।
एक साल में 80 फीसदी आईएएस अफसरों के तबादले
प्रदेश सरकार ने बीते एक साल में 330 में से 267 यानि की 80 फीसदी आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए गए। प्रदेश के कॉडर में 361 आईएएस पदस्थ हैं , जिनमें से करीब 30 भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को भेजी गई जानकारी से यह खुलासा हुआ है। अगर इसके पहले 2020 की बात की जाए तो 338 आईएएस के तबादले किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन की वजह से मप्र सरकार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के ट्रांसफर की जानकारी हर साल डीओपीटी को देना अनिवार्य है। मप्र आईएएस कॉडर में 439 पद स्वीकृत हैं , जिसकी तुलना में 361 ही आईएएस अधिकारी पदस्थ हैं। जीएडी कार्मिक द्वारा भेजी गई जानकारी के मुताबिक जनवरी से फरवरी के बीच 49, मार्च से मई के बीच 45, जुलाई से सितंबर तक सर्वाधिक 111 आईएएस अफसरों के ट्रांसफर किए गए, जबकि नवंबर दिसंबर में 62 अफसर बदले गए।