- प्रणव बजाज

पदोन्नति के लिए बढ़ गया इंतजार
पुलिस के नये मुखिया सुधीर सक्सेना की प्रदेश में वापसी होने के साथ ही एडीजी रैंक के कई अफसरों का पदोन्नति के लिए इंतजार और बढ़ गया है। प्रदेश में इस वक्त डीजी रैंक के एक दर्जन अफसर पदस्थ हैं। डीजीपी पद से रिटायर हुए विवेक जौहरी के बाद भी किसी भी एडीजी को पदोन्नत होने का मौका नहीं मिल सका है। इसकी वजह है उनकी जगह सक्सेना की वापसी। इसकी वजह से अब 1989 बैच के आईपीएस अफसर एवं परिवहन आयुक्त मुकेश जैन को पदोन्नत होने के लिए 31 मार्च तक इंतजार करना होगा। वे स्पेशल डीजी पुलिस फायर अरुणा मोहन राव के 31 मार्च को रिटायर होने के बाद ही डीजी बन सकेंगे। इसी तरह से 89 बैच के ही दूसरे अफसर ईओडब्ल्यू के प्रभारी डीजी अजय कुमार शर्मा भी लोकायुक्त डीजी राजीव टंडन के 31 मई को रिटायर होने के बाद डीजी के पद पर पदोन्नत होंगे। तीसरे अफसर हैं एडीजी रेडियो संजय झा , जो अब अगस्त में पदोन्नति पा सकेंगे। इसके लिए उन्हें स्पेशल डीजी एसएएफ मिलिंद कानस्कर रिटायर होने का इंतजार करना होगा। एक अन्य अफसर चंबल रेज के एडीजी राजीव चावला इस साल अब अक्टूबर में तब पदोन्नत होंगे, जब स्पेशल डीजी कोऑपरेटिव फ्रॉड राजेंद्र कुमार मिश्रा रिटायर होंगे।
यूक्रेन से लौटे छात्रों के लिए प्रवेश योजना बनाने की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने यूक्रेन में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों के प्रवेश के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों का भविष्य वहां चल रहे युद्ध की वजह से अधर में लटक गया है। उन्होंने केन्द्र सरकार से यूक्रेन से लौटे छात्रों की आशंका को दूर करने के लिए नियमों को शिथिल कर उनके लिए स्वदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स प्रवेश योजना बनाने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि उम्मीद करता हूं कि 20 हजार से अधिक मेडिकल छात्रों के सामने छाए अंधेरे को दूर करने के लिए प्रवेश संबंधी नीतिगत निर्णय लेकर छात्रों और अभिभावकों को राहत पहुंचाने का कष्ट करेंगे। उन्होंने लिखा है कि चिकित्सा क्षेत्र में देश को सेवाएं देने के लिए तैयार हो रहे इन हजारों छात्रों के भविष्य को देखते हुए मेरी आपसे अपील है कि भारत सरकार यूक्रेन से लौटे छात्रों के लिए एक विशेष योजना बनाएं और देश में चल रहे समस्त शासकीय और निजी मेडिकल कालेजों में इन छात्रों को एमबीबीएस कोर्स में दाखिला दिलाएं।
छह माह और रहेगी बैंस के हाथ में प्रशासन की कमान
वैसे तो मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को इसी साल नवंबर में रिटायर होना है, लेकिन उनके हाथों में इसके बाद भी छह माह तक प्रशासन की कमान रहना तय माना जा रहा है। इसकी वजह है उनका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भरोसेमंद अफसरों में शुमार होना। दरअसल प्रदेश में पिछले मुख्य सचिवों को छह माह का एक्सटेंशन राज्य सरकार देती आ रही है। माना जा रहा है कि बैंस के मामले में भी प्रदेश सरकार इस पुरानी परंपरा को बनाए रखेगी , जिसकी वजह से उन्हें छह माह का एक्सटेंशन दिया जा सकता है। हालांकि अभी उनके सेवानिवृत्त होने में आठ माह का समय है इसके बाद बावजूद भी नए प्रशासनिक मुखिया के नामों को लेकर चचार्एं तेज बनी हुई हैं। जिन दो नामों को उनके उत्तराधिकारी के रुप में देखा जा रहा है उनमें केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अनुराग जैन व अपर मुख्य सचिव मो सुलेमान का नाम शामिल है। जैन को वापस बुलाया जा सकता है , अगर वे वापस नहीं आते हैं तो फिर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान को नया प्रशासनिक मुखिया बनाया जा सकता है।
बोले अनूप:श्रीमंत अभी भाजपा के लिए बच्चे के समान
भाजपा के पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल रहे अनूप मिश्रा ने केन्द्रीय मंत्री और दलबदल कर केसरिया बना पहनने वाले श्रीमंत को बच्चा तक बता दिया है। उनका कहना है कि जिस तरह से घर में नया बच्चा आ जाने से शुरू के दिनों में लगता है कि मां का ध्यान उसकी तरफ नहीं है, लेकिन समय बीतने पर पता चलता है कि नन्हें बच्चे का पालन पोषण बेहतर ढंग से हो, इसलिए मां का ध्यान छोटे बच्चे पर ही था। वही काम भाजपा कर रही है। अभी उन्हें भाजपा की रीति नीति समझाने का काम किया जा रहा है। मिश्रा ने यह तब कहा है जब उनसे पत्रकारों ने पूछा कि क्या श्रीमंत और उनके समर्थकों के भाजपा में आ जाने से भाजपा के पुराने नेताओं का भविष्य दांव पर है। इस दौरान उन्होंने अगले विधानसभा चुनाव में उतरने का दावा करते हुए कहा है कि अगले साल चुनावी महासमर होना है, सो स्वाभविक है कि मै भी चुनाव लड़ूंगा।